जिला अस्पताल के असहाय वार्ड में हैं तो नाक पर रूमाल रखिए…

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अयोध्या, अमृत विचार। जिला अस्पताल में बने लावारिस वार्ड में घुस जाइये तो वहां के हालात आप देख नहीं पाएंगे। तबियत भिन्ना जाएगी। वार्ड में भर्ती मरीज गंदगी में रहने को मजबूर हैं। लावारिस वार्ड की कुछ तस्वीरें सामने आई हैं, जिसको देखकर भर्ती मरीजों की हालत का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। …

अयोध्या, अमृत विचार। जिला अस्पताल में बने लावारिस वार्ड में घुस जाइये तो वहां के हालात आप देख नहीं पाएंगे। तबियत भिन्ना जाएगी। वार्ड में भर्ती मरीज गंदगी में रहने को मजबूर हैं। लावारिस वार्ड की कुछ तस्वीरें सामने आई हैं, जिसको देखकर भर्ती मरीजों की हालत का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। स्थिति यह है कि बिना नाक पर रूमाल रखे आप जिला अस्पताल के लावारिस वार्ड में नहीं जा सकते, ऐसे में वहां भर्ती मरीजों को किन हालातों से गुजरना पड़ता है, ये तो वह ही जानते हैं। वहीं अस्पताल प्रशासन का दावा है कि यह सभी लोग लावारिस नहीं बल्कि मानसिक रूप से अस्वस्थ हैं।

लावारिस वार्ड में व्याप्त अव्यवस्थाओं को लेकर रितेश दास जिला अस्पताल प्रशासन पर आरोप लगा चुके हैं। उनका आरोप था कि अस्पताल प्रशासन की ओर से लावारिस मरीजों के लिए किसी भी प्रकार के उचित प्रबंध नहीं किए गए हैं, जिसके कारण उन्हें जमीन में गंदगी के बीच लेटना पड़ रहा है। उनका आरोप है कि मरीजों को बेड तो छोड़िए चादर तक उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। वहीं इस संबंध में जिला अस्पताल के सीएमएस डा. सीबीएन त्रिपाठी का कहना है कि वार्ड में लावारिस लोग नहीं है बल्कि मानसिक रूप से अस्वस्थ हैं, जो सड़कों पर घूमते हैं। उनका कहना है कि वार्ड में साफ सफाई की जाती है लेकिन बार-बार गंदगी फैल जाने के कारण दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उनका कहना है कि शहर के सारे मानसिक रूप से पागल लोगों को यहां छोड़ दिया जाता है। उनका कहना है कि यदि सेवा करनी है, तो कुछ अव्यवस्थाओं को भी झेलना पड़ेगा, ऐसा नहीं है कि सिर्फ उन्हीं की व्यवस्था के लिए सभी लोगों को छोड़ दिया जाए। उन्होंने बताया कि वार्ड में 8 से 9 की संख्या में लोग भर्ती हैं। उनकी व्यवस्था के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

बोले जिम्मेदार
अस्पताल प्रशासन की ओर से वार्ड में भर्ती मानसिक रूप से अस्वस्थ लोगों के लिए समुचित व्यवस्था की जाती है। लेकिन इसका व्यवहारिक समाधान तभी होगा जब उनके लिए अलग से व्यवस्था की जाए, जब तक उनके लिए अलग से व्यवस्था नहीं होती जाती है। स्थितियां इसी तरह से बनी रहेंगी।
डा. सीबीएन त्रिपाठी
सीएमएस, जिला अस्पताल

जिला अस्पताल में नहीं है रैबीज का इंजेक्शन, लोग परेशान
पिछले दो दिनों से जिला चिकित्सालय में रैबीज का इंजेक्शन न होने के कारण लोगों को निराश होकर लौटना पड़ रहा है। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि रैबीज इंजेक्शन का स्टॉक खत्म होने के कारण दिक्कतें आ रही है। अस्पताल प्रशासन के रिकॉर्डों के अनुसार प्रतिदिन 40 से 50 लोग रैबीज इंजेक्शन लगवाने के लिए आते हैं। पिछले दो दिनों से इंजेक्शन मौजूद नहीं होने के कारण लोगों को लौटाना पड़ रहा है।

जिला अस्पताल के सीएमएस डा. सीबीएन त्रिपाठी का कहना है कि रैबीज इंजेक्शन के लिए इंडेंट बनाकर लखनऊ भेजा गया था, लेकिन इंजेक्शन मिल नहीं पाने के कारण लोगों को परेशानियां हो रही है। उन्होंने बताया कि खरीदारी हमारे अधिकार क्षेत्र में नहीं हैं, इंडेंट बनाकर कॉरपोरेशन को भेजा गया है, जैसे की इंजेक्शन की आपूर्ति होती है। लोगों को इंजेक्शन लगना शुरू हो जाएगा।

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