अयोध्या: यम द्वितीया पर पूजे गए यमराज

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अयोध्या, अमृत विचार। वर्ष में एक बार होने वाली यम द्वितीया की पूजा के लिए बुधवार को यहां जमथरा घाट पर श्रद्धालुओं का रेला उमड़ पड़ा। सरयू किनारे घाट पर बने यमराज की पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालुओं ने सबसे पहले सरयू स्नान किया। इसके बाद महाराज यमराज की तपोस्थली पर पूजा अर्चन कर खुद को …

अयोध्या, अमृत विचार। वर्ष में एक बार होने वाली यम द्वितीया की पूजा के लिए बुधवार को यहां जमथरा घाट पर श्रद्धालुओं का रेला उमड़ पड़ा। सरयू किनारे घाट पर बने यमराज की पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालुओं ने सबसे पहले सरयू स्नान किया। इसके बाद महाराज यमराज की तपोस्थली पर पूजा अर्चन कर खुद को भयमुक्त करने की कामना की।

यमराज का नाम जुबान पर आते ही मन में एक भय उत्पन्न हो जाता है, लेकिन अयोध्या में बुधवार को यमद्वितीया पर उनकी पूजा अर्चना हुई। घाट पर कार्तिक शुक्ल पक्ष द्वितीया के अवसर पर परंपरागत ढंग से मेला भी लगा। विशेषकर यम द्वितीया पर बहनें व्रत रखकर अपने भाई के कल्याण और दीर्घायु होने की भी कामना करती हैं।

श्रद्धालु आरती, गुड़िया, शिवानी ने बताया कि वह प्रतिवर्ष सुबह ही सरयू में स्नान कर अपने और अपने परिवार के दीर्घायु होने की कामना को लेकर यमराज की पूजा अर्चना करती हैं। मंदिर के पुजारी अवध किशोर शरण ने बताया कि प्राचीन मान्यताओं के अनुसार यमराज ने इस तपोस्थली को अयोध्या माता से प्राप्त किया था और मान्यता है कि यमराज महाराज की पूजा-अर्चना करने वालों को यमराज से भय नहीं लगता और इन्हीं कामनाओ को लेकर यमथरा घाट पर महाराज यमराज की पूजा अर्चना होती है।

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