मुरादाबाद : उर्वरक की कालाबाजारी के आरोप में दुकानदार पर मुकदमा दर्ज

Amrit Vichar Network
Published By Bhawna
On

छापेमारी: बगैर अनुज्ञप्ति उर्वरक बेचते पकड़ा गया दुकानदार, कृषि विभाग की छापेमारी में हुआ खेल का भंडाफोड़ 

मुरादाबाद, अमृत विचार। उर्वरक की अनुपलब्धता किसानों के लिए भले ही सिरदर्द बन गई हो, लेकिन कालाबाजारियों के गोदाम खाद से अटे पड़े हैं। कृषि विभाग की टीम ने छापेमारी के दौरान एक ऐसे कारोबारी को दबोचा, जो बगैर अनुज्ञप्ति उर्वरक की अवैध बिक्री कर रहा था। कृषि विभाग के अधिकारियों की तहरीर पर मूंढापांडे पुलिस ने आरोपी दुकानदार के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया है।  

जिला कृषि अधिकारी ऋतुषा तिवारी क मुताबिक उर्वरक की कालाबाजारी को लेकर किसानों से लगातार शिकायतें मिल रही थीं। 14 नवंबर को वह लक्ष्मीपुर कट्टई गांव के समीप दलपतपुर जीरो प्वाइंट पहुंची। वहां  भूरे अली पुत्र अब्दुल हमीद निवासी ग्राम साहूनंगला ( दलपतपुर ) उर्वरक की दुकान पर मिला।  

कृषि अधिकारी व उनकी टीम ने उर्वरक बिक्री केंद्र का निरीक्षण किया। टीम में विनोद कुमार, सहायक विकास अधिकारी (कृषि), विकासखण्ड दलपतपुर, आदेश कुमार, सहायक विकास अधिकारी (कृषि), विकासखण्ड दलपतपुर भी शामिल थे। निरीक्षण के दौरान पता चला कि उर्वरक बिक्री केंद्र के संचालन के बावत भूरे अली के पास कोई वैध प्रपत्र नहीं है। मौके पर यूरिया, सल्फर, डीएपी आदि मौजूद मिला। उर्वरक के क्रय से संबंधित बिल अथवा विक्रय से संबंधित उर्वरक विक्रय प्राधिकार पत्र देने में दुकानदार असमर्थ रहा। तब कृषि विभाग की टीम ने घटना की जानकारी उप जिलाधिकारी, सदर को मोबाइल फोन पर दी। 

एसडीएम के प्रतिनिधि सुनील कुमार व हल्का लेखपाल मौके पर पहुंचे। दुकान तत्काल सील कर दी गई। उर्वरक के से संबंधित अभिलेख न होने से स्पष्ट हो गया कि प्रशासन की आंख में धूल झोंक कर दुकानदार खाद की कालाबाजारी में लिप्त था। डीएम के आदेश पर दुकानदार के खिलाफ मूंढापांडे पुलिस ने आवश्यक वस्तु अनधिनियम की धारा के तहत मुकदमा दर्ज किया है।

ये भी पढ़ें :  मुरादाबाद : लाखों रुपये समेट कर चिटफंड कंपनी फरार, पीड़ितों ने एसएसपी से लगाई गुहार 

संबंधित समाचार