अयोध्या: भारत और नेपाल से 60 दिन की यात्रा पूरी कर वापस लौटी दिग्विजय रथयात्रा

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Published By Deepak Mishra
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अमृत विचार,अयोध्या। रामनगरी से 5 अक्टूबर को रामराज्य की परिकल्पना को साकार करने निकली राम राज्य दिग्विजय रथयात्रा 60 दिन में देश के 21 और नेपाल के 5 राज्यों का भ्रमण करते हुए वापस अयोध्या लौटी। राम राज्य दिग्विजय रथयात्रा के माध्यम से मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के आदर्शों के प्रचार-प्रसार के साथ लोगों को मकर संक्रांति पर जन्मभूमि पर रामलला के गर्भगृह में भगवान राम लला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आने के लिये उत्साहित किया।

यात्रा का औपचारिक समापन 3 दिसंबर शनिवार को कारसेवकपुरम में आयोजित होगा। जिसमें संत-महंतों को आमंत्रित किया जा रहा है। रामराज्य दिग्विजय रथ यात्रा के संयोजक शांतानंद महाराज ने दावा किया कि से 60 दिन तक इस यात्रा ने देश के विभिन्न प्रदेशों के साथ पड़ोसी देश नेपाल के पांच राज्यों में भ्रमण  किया।

14 जनवरी 2024 मकर संक्रांति के दिन रामलला के मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के लिए विचार किया गया है शांतानंद महाराज ने दावा किया कि राम जन्मभूमि पर भगवान राम लला के प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर 25 लाख से ज्यादा श्रद्धालु आने के लिए तैयार हैं। जिनका अखिल भारतीय संत समिति और मार्गदर्शक मंडल सन्यासी विश्व हिंदू परिषद भव्य स्वागत करेगा।

उन्होंने बताया कि राममंदिर निर्माण को लेकर देश के विभिन्न हिस्सों ही नहीं बल्कि विदेशों में बसे हिंदू समुदाय में उत्साह तथा दिव्य-भव्य मंदिर और उसमें विराजमान रामलला को देखने की उतकंठा है। रामलला के प्राण प्रतिष्ठा में देश विदेश से अपार भीड़ आएगी। 

विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने कहा कि राम राज्य की स्थापना,धर्म की स्थापना को लेकर यह राम दिग्विजय रथ यात्रा निकाली गई थी। यात्रा के माध्यम से सामाजिक समन्वयक तथा राष्ट्रीय एकता का भाव पुख्ता करने तथा लोगों को जागरूक करने की कोशिश हुई। देश के विभिन्न राज्यों से होते हुए भिन्न-भिन्न जलवायु और तरह-तरह के लोगों से मिलते हुए आज यह यात्रा पुनः वापस पहुंची है। इस यात्रा के समापन समारोह की तैयारियां की जा रही हैं।

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