Kanpur के CSA University के दीक्षांत समारोह में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल बोंली- मोटे अनाज से बनाएं मैगी और चाट
कानपुर के सीएसए यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल पहुंची।
कानपुर के चंद्रेशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय सीएसए यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल पहुंची। 577 छात्रों को उपाधि मिलेगी।
कानपुर, अमृत विचार। आज मोटे अनाज थाली से दूर हो रहा है। प्रधानमंत्री की सलाह पर यूनाइटेड नेशन ने 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेटस वर्ष घोषित किया है। विश्वविद्यालय को लोगों को जागरूक करना होगा। एक अच्छी प्रदर्शनी लगाएं। घरों में इसके व्यंजन बनाएं।
सभी व्यंजनों की पुस्तक तैयार कराए जाएं। मोटे अनाजों की बाजार में मांग बढ़ती जा रही है। विश्वविद्यालय मोटे अनाज से कई तरह के व्यंजन बनाने की तकनीक विकसित करें। चाट बनाएं, मैगी तैयार करें, जिससे छोटे बच्चे और सभी खा सकें।
यह बात राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने दी। वह बुधवार को चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) के 24वें दीक्षांत समारोह में बोल रहीं थी। उन्होंने बताया कि आज कृषि क्षेत्र में महिलाएं आगे आ रही हैं। देश में 65 से 70 फीसद महिलाएं आगे आ रही हैं। उनको आगे लाने में विश्वविद्यालय का सहयोग करना होगा।
दीक्षांत समारोह में 60 मेडल छात्रों को मिली है, जिसमें से 40 छात्राओं को हासिल हुआ है। राज्यपाल ने चुटकी लेते हुए कहा कि छात्रों को छात्राओं से कड़ी टक्कर लेनी पड़ रही है। उन्होंने कृषि तकनीक विकसित करने पर जोर दिया। कहा कि छात्र-छत्राओं को कृषि तकनीक विकसित करनी होगी। विश्वविद्यालय को पानी के संचयन पर ध्यान देना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपील की है कि हर जिले में 75 तालाब बनाये जाए। विश्वविद्यालय को अपने परिसर में तालाब विकसित करना होगा, जिससे पानी का संचयन हो सकेगा। सीएसए का कई संस्थानों के साथ करार हुआ है, जबकि जॉर्डन, भूटान, बहरीन, यूएसए से बातचीत चल रही है।
छात्रों को कृषि क्षेत्र में स्टार्टअप करना होगा। इससे उत्पादकता बढ़ेगी। यूनिवर्सिटी के पास ही आईआईटी, एचबीटीयू स्थित है। ड्रोन तकनीक के लिए करार कर सकते हैं। ड्रोन तकनीक को किसानों को बताएं। कीटनाशकों और बीज के छिड़काव की जानकारी दें।
कुलपति डॉ. डीआर सिंह ने विश्वविद्यालय की वार्षिक रिपोर्ट पढ़ी। समारोह का आयोजन विश्वविद्यालय के कैलाश भवन प्रेक्षागृह में हुआ। मुख्य अतिथि नीति आयोग के सदस्य प्रो. रमेश चंद्र ने बताया सीएसए का बहुत ही पुराना इतिहास है। यहां के छात्र छात्राएं देश और विदेश में ऊंचे पदों पर आसीन है।
इसका प्रदेश की कृषि उत्पादकता में काफी योगदान है। कई तरह की फसलों की प्रजाति विकसित की। कृषि तकनीक के दम पर किसानों को लाभ मिल रहा है। यूनिवर्सिटी ने कई तरह की बायो फर्टिलाइजर तैयार की है।
इसके गोद लिए गांव अनूपपुर में काफी काम हो रहा है। सीएसए ने गेहूं और चावल की उत्पादकता बढ़ाने की दिशा में काफी काम किया है। प्रदेश के एक ट्रिलियन डॉलर की लक्ष्य की प्राप्ति के लिए विश्वविद्यालय अपना सहयोग कर सकता है।
बुंदेलखंड में किसान फसलें बोने लगे हैं। उत्तर प्रदेश में एग्रो क्लाइमेटिक कंडीशन बेहतर है। किसानों को मौसम के परिवर्तन की जानकारी मिलने पर फसलों में बदलाव किया जा सकता है। सीएसए के विशेषज्ञों को इस दिशा में कार्य करने की जरूरत है।
छात्रों को प्लेसमेंट के साथ ही स्टार्टअप के लिए आगे आना होगा, जिससे की वे कृषि क्षेत्र में न सिर्फ तकनीक विकसित करें, बल्कि औरों को रोजगार देने वाले बने। प्राथमिक विद्यालय रावतपुर नवीन नगर की छात्राओं ने फूलों का तारों का कहना है, एक हजारों में मेरी बहना है... गीत पर डांस किया। राज्यपाल ने स्कूल की छात्र-छात्राओं को फल, स्कूली बैग व अन्य सामग्री दी।
समारोह में स्नातक, परास्नातक और पीएचडी के 577 छात्र-छात्राओं को उपाधि दी गई। सर्वाधिक अंक लाने वाले 14 छात्रों को स्वर्ण, 14 को रजत, 14 कांस्य और 18 को प्रायोजित पदक प्रदान किए गए।
इस अवसर पर कृषि, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री सूर्य प्रताप शाही, कृषि, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख, महापौर प्रमिला पांडेय, विधायक सुरेंद्र मैथानी, सीएसजेएमयू के प्रतिकुलपति प्रो.सुधीर कुमार अवस्थी, सीएसए के निदेशक प्रशासन एवं मॉनिटरिंग डॉ. नौशाद खान, निदेशक शोध डॉ.विजय यादव, डॉ. एसएन सुनील पांडेय, डॉ. मुक्ता गर्ग, खलील खान समेत अन्य अशिकारी मौजूद रहे।
मेधावियों को मिले पदक
स्वर्ण : एमएससी जेनेटिक्स एंड प्लांट ब्रीडिंग की मल्लिका जायसवाल और बीएससी ओह्नर्स कृषि की सुमेधा सिंह को कुलाधिपति व तीन प्रायोजित स्वर्ण पदक समते चार चार पदक मिले हैं। इसके अलावा निमित सिंह, प्रज्ञा शर्मा, कृति द्विवेदी, प्रभा कुशवाहा, मानसी शुक्ला, ऋतु सिंह, वैभव अवस्थी, प्रभात सिंह, प्रियंका सिंह, स्वेता पांडेय, आशुतोष सिंह राठौर, सत्येंद्र सिंह को कुलाधिपति स्वर्ण पदक से नवाजा गया।
पीसीएस अधिकारी बनाना है सपना
बीएससी ओह्नर्स कृषि की सुमेधा सिंह पीसीएस अधिकारी बनाना चाहती हैं। उनके पिता विजय शंकर सिंह ग्राम प्रधान हैं, जबकि मां प्रीति सिंह गृहिणी हैं। सुमेधा सिंह बस्ती की रहने वाली हैं। विश्वविद्यालय के सरोजिनी नायडू हॉस्टल में रह रही हैं। उनके मुताबिक रोजाना की पढ़ाई से सफलता हाथ लगती है। यह कोई मुश्किल काम नहीँ है। सोशल मीडिया से जुड़ी रहीं।
