बरेली: जिंदगी बचाने के लिए शहर के कई चिकित्सकों ने बढ़ाए कदम
बरेली,अमृत विचार। आईएमए को कोरोना संक्रमितों के उपचार के लिए शासन ने प्लाज्मा प्रदान करने की स्वीकृति दे दी है। जिसके बाद शहर के आठ से दस चिकित्सकों ने प्लाज्मा के लिए रक्तदान करने की पहल की है। इस पद्यति से कोरोना संक्रमित लोगों को प्लाज्मा से उपचार कराने के लिए दिल्ली तक दौड़ नहीं …
बरेली,अमृत विचार। आईएमए को कोरोना संक्रमितों के उपचार के लिए शासन ने प्लाज्मा प्रदान करने की स्वीकृति दे दी है। जिसके बाद शहर के आठ से दस चिकित्सकों ने प्लाज्मा के लिए रक्तदान करने की पहल की है। इस पद्यति से कोरोना संक्रमित लोगों को प्लाज्मा से उपचार कराने के लिए दिल्ली तक दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी।
चिकित्सक को भगवान का रूप ऐसा ही नहीं कहा जाता। मरीज को नई जिंदगी देने के लिए कोरोना काल में अपनी जिंदगियों को दांव पर लगा कर उपचार में लगे रहकर चिकित्सकों ने इस बात पर फिर से मुहर लगा दी है। अब बरेली के चिकित्सकों ने दो कदम और आगे बढ़ाते हुए मरीजों के स्वस्थ्य होने के लिए प्लाज्मा के लिए अपना रक्तदान करने की पहल की है। मरीजों के उपचार करने के साथ साथ उनके लिए हमेशा नई पद्यति से उपचार कर शीघ्र स्वस्थ्य करने की चाह, चिकित्सकों के हृदय में ही होता हैं। शासन द्वारा आईएमए को संक्रमित मरीजों को प्लाज्मा प्रदान करने की स्वीकृति मिलने के बाद शहर के चिकित्सकों ने रक्तदान करने की इच्छा जताई है।
आईएमए डा.राजेश अग्रवाल ने बताया कि आईएमए ब्लड बैंक में अत्याधुनिक मशीनों की मदद से खून से प्लाज्मा अलग किया जा सकता है। जिस अस्पताल में कोविड-19 संक्रमित मरीज का इलाज चल रहा है, वह आईएमए से संपर्क करेगा। आईएमए मरीज की स्थिति को देखते हुए अधिकतम दो यूनिट प्लाज्मा देगा, जिससे संक्रमित की जान बचाई जा सके। उन्होंने बताया की कोरोना संक्रमण से मुक्ति पा चुके लोग प्लाज्मा दान देने के लिए आगे आए, बिना उनके सहयोग के प्लाज्मा थेरेपी से इलाज करना मुश्किल होगा।
रिजेक्शन पर तय होगी प्लाज्मा की दर
आईएमए अध्यक्ष ने बताया कि कोरोना संक्रमित को प्लाज्मा थैरेपी कराने के लिए डोनर के साथ ही 8000 रुपये का शुल्क एक यूनिट प्लाज्मा के लिए चुकाना होगा। इससे भी यह दर रिजेक्शन रेट पर आधारित होगी। यह दाम बढ़ भी सकते हैं। बताया कि प्लाज्मा के लिए रक्तदान करने वालों के कई टेस्ट किए जाते हैं। इनमें एक भी टेस्ट की अगर रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई तो उस रक्त को प्लाज्मा के लिए उपयोग नहीं कर सकते हैं। तो अगर ऐसे में रक्त की रिजेक्शन दर अधिक हुई तो प्लाज्मा के दाम भी बढ़ाए जा सकते हैं।
जहां मरीज होगा वहीं हो सकेगी प्लाज्मा थैरेपी
शहर के जिस सरकारी या प्राइवेट हॉस्पिटल में कोरोना संक्रमित एडमिट होगा उसी हॉस्पिटल में संक्रमित को प्लाज्मा चढ़ाया जा सकेगा जिसके लिए शासन ने भी मंजूरी दे दी है।
ऐसे बन सकते है डोनर
जिन्होंने कोरोना संक्रमण से स्वस्थ्य हुए 28 दिन का समय पूर्ण कर लिया हो, इसके अलावा प्लाज्मा डोनेट करने से पहले डोनर को पूर्व में हुई कोविड पॉजिटिव और निगेटिव रिपोर्ट साथ में लाना अनिवार्य होगा।
डा.अजय भारती समेत शहर के आठ चिकित्सक आए आगे
प्लाज्मा प्रदान करने के लिए रक्तदान करने को शहर के वरिष्ठ फीजिशियन डा.अजय भारती, डा.खालिद समेत आठ चिकित्सकों ने ईच्छा जाहिर की है। कोरोना जैसी महमारी से लड़ने के लिए प्लाज्मा थैरपी को महत्वपूर्ण पद्यति माना गया है।
