अयोध्या: हनुमंत लला को चढ़ेगा अबीर का प्रसाद, साधु-संत गाएंगे फगुआ

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Published By Deepak Mishra
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अयोध्या, अमृत विचार। अवध में होली के पांच दिन पहले एकादशी पर रंगोत्सव का त्योहार शुरू हो जाता है। इस अवसर पर मंदिरों में साधु-संत जमकर होली खेलते हैं। रंगभरी एकादशी पर हनुमान गढ़ी के नागा-साधु गाजे-बाजे और हनुमानगढ़ी के निशान को साथ में लेकर अबीर-गुलाल उड़ाते हुए पंचकोसी परिक्रमा मार्ग में पड़ने वाले सभी मंदिरों को होली का निमंत्रण देते हैं। इसी के साथ अयोध्या के सैकड़ों मंदिरों में एक साथ रंगोत्सव शुरू हो जाता है। 

हनुमानगढ़ी अखाड़े के प्रधान पुजारी रमेश दास के मुताबिक 3 मार्च को रंगभरी एकादशी का पर्व है। इसी दिन से अवध में होली का उत्सव शुरू हो जाएगा। पुजारी रमेश दास ने बताया कि प्राचीन परंपरा से अखिल भारतीय श्री पंच रामानंदीय निर्वाणी अखाड़े के नागा संत आराध्य के साथ अबीर गुलाल खेलने की परंपरा को आगे बढ़ाने का कार्य करते चले आ रहे हैं। 

इसकी शुरुआत रंगभरी एकादशी की सुबह पहली आरती में हनुमंत लला को अबीर का प्रसाद चढ़ाने के साथ होती है। फिर श्रद्धालुओं को प्रसाद में अबीर दिया जाता है। पुजारी रमेश दास ने बताया कि हनुमानगढ़ी के नागा साधु टोली बनाकर मार्ग पर रुक -रुक कर फगुआ गीत गाते हैं और करतब दिखाते हैं। 

इससे पहले हनुमानगढ़ी के गद्दीनशीन महंत प्रेमदास सभी नागा साधुओं के साथ मिल कर उत्सव की शुरुआत करते हैं और जुलूस को आगे ले जाने का आदेश देते हैं। जुलूस का स्वागत श्रद्धालु फूल बरसा कर करते हैं। इसी के साथ नगर के हजारों मंदिरों में आराध्य के साथ होली उत्सव बनाए जाने का कार्यक्रम शुरू हो जाता है।

अयोध्या में 168 स्थलों पर होगा होलिका दहन
पंडित अजीत शास्त्री ने बताया कि भद्रा 6 मार्च दोपहर 3:56 बजे से 7 मार्च की सुबह 4:48 बजे तक रहेगी। ऐसे में 7 मार्च को सुबह 4:48 बजे के बाद सूर्योदय से पहले 6:12 तक होलिका दहन किया जा सकेगा। अयोध्या में  लगभग 168 जगह पर होलिका दहन का कार्यक्रम प्रस्तावित है, जिसमें थाना राम जन्मभूमि क्षेत्र में 33 और कोतवाली क्षेत्र के 135 जगहों पर होलिका का दहन होगा।

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