Death Anniversary: जौनपुर में पंडित गोविन्द बल्लभ पन्त की मनाई गई 62 वीं पुण्यतिथि

Death Anniversary: जौनपुर में पंडित गोविन्द बल्लभ पन्त की मनाई गई 62 वीं पुण्यतिथि

जौनपुर। उत्तर प्रदेश में जौनपुर जिले के पंवारा क्षेत्र के सरांवा में स्थित शहीद लालबहादुर गुप्त स्मारक पर मंगलवार को राज्य के पहले मुख्यमंत्री एवं महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी तथा भारत रत्न पंडित गोविन्द बल्लभ पंत की 62 वीं पुण्यतिथि मनायी गयी।

हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन आर्मी और लक्ष्मीबाई ब्रिगेड के कार्यकर्ताओ ने इस अवसर पर शहीद स्मारक पर महान स्वतंत्रता सेनामी पंडित गोविंद बल्लभ पंत के चित्र पर माल्यार्पण किया और उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला और दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

शहीद स्मारक पर उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए लक्ष्मीबाई ब्रिगेड के अध्यक्ष मंजीत कौर ने कहा कि गोविन्द बल्लभ पंत का जन्म उत्तराखण्ड के अल्मोड़ा जिले के खूंट गांव में 10 सितम्बर 1887 को हुआ था। पंडित पंत ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से 1909 में कानून की परीक्षा पास की और काकोरी काण्ड के मुकदमें की पैरवी से उन्हें पहचान और प्रतिष्ठा मिली।

उन्होंने कहा कि 1937 में श्री पंत जी संयुक्त प्रान्त के प्रधानमंत्री बने और 1946 में उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री बने।
इसके अलावा 10 जनवरी 1955 को श्री पंत जी ने देश के गृहमंत्री का पद सभाला था। उन्होंने कहा कि देश में ऐसे क्रातिकारी नेताओं की सूची बहुत कम है, जिन्होंने राजनीति के साथ-साथ साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है ।

उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड ने शिक्षा के क्षेत्र में जो भी उपलब्धियां हासिल की है, उसकी पंत जी ने आधार शिला रखी थी।
उन्होंने कहा कि पंत जी ने ही हिन्दी को राजकीय भाषा का दर्जा दिलाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी। गोविंद बल्लभ पंत जी का 07 मार्च 1961 को निधन हो गया था। इस अवसर पर डा. धरम सिंह, हरवंश कौर, अनिरूद्ध सिंह, मैनेजर पाण्डेय, मंजीत कौर सहित अनेक लोग मौजूद रहे।

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