लखनऊ : ऊर्जा मंत्री के अल्टीमेटम पर शैलेन्द्र दुबे का पलटवार, कहा- चाहे जो हो जाये हड़ताल से नहीं हटेंगे 'सरकार'

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Published By Virendra Pandey
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लखनऊ, अमृत विचार। उत्तर प्रदेश में हड़ताली विद्युत कर्मचारियों पर एस्मा के तहत कार्रवाई और 1300 आउटसोर्सिंग कर्मियों की बर्खास्तगी के बाद उत्तर प्रदेश विद्युत संघर्ष समिति ने सरकार पर पलटवार किया है। उत्तर प्रदेश विद्युत संघर्ष समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे ने साफ किया है कि सरकार हमारे आंदोलन को अलोकतांत्रिक तरीके से कुचल रही है, लेकिन उत्तर प्रदेश विद्युत संघर्ष समिति के बैनर तले जुटे विद्युत कर्मचारी हड़ताल से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं।

उत्तर प्रदेश विद्युत संघर्ष समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे ने ऊर्जा मंत्री एके शर्मा की प्रेसवार्ता के बाद प्रेसवार्ता कर हड़ताल पर डटे रहने की बात कही है। साथ ही सरकार को अल्टीमेटम देते हुये कहा है कि सरकार जब चाहे उन्हें एस्मा के तहत गिरफ्तार कर सकती है,लेकिन सार्वजनिक क्षेत्र की संपत्तियों को निजी क्षेत्र में जाने के खिलाफ बिजली कर्मचारियों की लड़ाई जारी रहेगी। उन्होंने कहा है कि
बिजली कर्मचारी ऊर्जा मंत्री के साथ हुये लिखित समझौते का पालन कराने के लिये हड़ताल पर है और उनका आंदोलन शांतिपूर्ण है।

जनता को हो रही परेशानी के लिए सरकार जिम्मेदार

शैलेन्द्र दुबे ने कहा कि यह ऊर्जा निगम के प्रबंधन का फेलियर है कि जब हमने 72 घंटे के हड़ताल का अल्टीमेटम एक महीने पहले ही दे दिया था, तो प्रबंधन ने वैकल्पिक व्यवस्था क्यों नहीं की। जनता को हो रही परेशानी के लिए सरकार जिम्मेदार है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि यदि इन 72 घंटों के बीच में यदि किसी कर्मचारी पर कोई कार्रवाई हुई। तो बिजलीकर्मी अनिश्चित कालीन पर हड़ताल जाने को मजबूर होंगे।

बता दें कि प्रदेश के बिजली कर्मचारी गुरूवार रात दस बजे से 72 घंटे की हड़ताल पर हैं। इससे प्रदेश की विद्युत आपूर्ति प्रभावित हुयी है। वहीं इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हड़ताल को जनहित के खिलाफ बताया है।

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