Kanpur: हेड कांस्टेबल ने ट्रेन के आगे लेटकर दी जान, सात माह से चल रहा था निलंबित

कानपुर में हेड कांस्टेबल ने ट्रेन के आगे लेटकर जान दी।

Kanpur: हेड कांस्टेबल ने ट्रेन के आगे लेटकर दी जान, सात माह से चल रहा था निलंबित

कानपुर सेंट्रल स्टेशन के फेथफुलगंज आउटर पर हेड कांस्टेबल ने ट्रेन के आगे लेटकर जान दे दी। हर्ष फायरिंग के मामले में वह सात माह से निलंबित चल रहा था।

कानपुर, अमृत विचार। कानपुर सेंट्रल के फेथफुलगंज आउटर के रेलवे ट्रैक पर मंगलवार सुबह युवक ने ट्रेन के आगे लेट कर आत्महत्या कर ली। मौके पर पहुंची जीआरपी ने युवक के मोबाइल फोन की जांच की तो पता चला की युवक बेकनगंज थाने में हेड कांस्टेबल के पद पर तैनात था। घटना की जानकारी जीआरपी पुलिस ने हेड कांस्टेबल के परिजनों को दी। परिजनों ने बताया कि पिछले पांच माह से निलंबन के कारण अवसाद ग्रस्त चल रहा था, हेड कांस्टेबल, जिसका इलाज जारी था।
 
मूलरूप से औरैया के आवास-विकास निवासी रिटायर्ड दरोगा रामदास वर्मा के तीन पुत्र राहुल, अश्वनी और रवि में सबसे बड़े पुत्र राहुल वर्मा बेकनगंज थाने में हेड कांस्टेबल के रूप में तैनात थे। बीती दो सितंबर को चकेरी के परदेवनपुरवा में  सरकारी पिस्टल से हेड कांस्टेबल ने हर्ष फायरिंग कर दी थी। हर्ष फायरिंग का वीडियों वायरल होने के बाद तत्कालीन एडीसीपी पूर्वी बृजेश श्रीवास्तव ने हेड कांस्टेबल को निलंबित कर दिया था, जिसके बाद से वह निलंबित चल रहे थे। हेड कास्टेंबल के छोट भाई रवि ने बताया कि निलंबन के कारण राहुल अक्सर अवसाद में रहते थे।
 
अवसाद में रहने के कारण बीते रविवार को राहुल को उर्सला अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया। रवि ने बताया कि सोमवार रात को राहुल की तीमारदारी के लिए पिता रामदास अस्पताल में रूके थे। रात को लगभग नौ बजे राहुल बाथरूम जाने की बात कह कर अस्पताल ने निकल गए। काफी देर तक न आने पर पिता ने सूचना परिजनों को दी। देर रात तक ढूंढने के बाद भी राहुल का पता नही चला।
 
मंगलवार सुबह जीआपी पुलिस ने उनके ट्रेन से कटने की जानकारी दी। जीआरपी इंस्पेक्टर रामकृष्ण त्रिवेदी ने बताया कि युवक की ट्रेन से कटने की जानकारी पर जीआरपी पुलिस मौके पर पहुंची थी, मोबाइल फोन से युवक के पुलिसकर्मी होने की जानकारी हुई। जीआरपी पुलिस द्वारा शव का पंचनामा भरवा कर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया गया  है। 
 

कौन करेगा कुनाल व कशिश की परवाह

हेड कांस्टेबल राहुल के आत्महत्या की सूचना मिलने पर उनकी पत्नी बबली के पैरों के तले जमीन खिसक गई। पति की मौत पर बिलखती हुई बबली ने बताया कि राहुल का दोनों बच्चे कुनाल और कशिश से बेहद लगाव था। निलंबन के बाद तनाव में रहने के बाद भी राहुल उनकी बहुत परवाह करते थे। रात में दोनों को अपने हाथों से खाना खिलाने के बाद ही खुद खाना खाते थे। पांच माह से निलंबन के दौरान आर्थिक तंगी के बाद भी वह कुनाल और कशिश की हर ख्वाहिश को पूरा करते थे। पापा की मौत से दोनो मासूम भी गुमसुम दिखे।   
 

निलंबन के बाद  परिवार के भरण-पोषण में आ रहीं थी मुसीबतें

बेटे राहुल की मौत के बाद बिलखती मां सरला वर्मा ने रुंधे गले से बताया कि पिता के नक्शे कदम में चलते हुए 2011 में पुलिस की नौकरी ज्वाइन की थी। कानपुर के बेकनगंज थाने में पोस्टिंग के दौरान राहुल लाल बंगला में किराए के मकान में पत्नी व दोनों बच्चों के साथ रहता था। उन्होंने बताया कि पांच माह से निलंबित होने के कारण बच्चों की फीस व मकान के किराए के कई बार परेशान रहता था। उन्होंने बताया कि कई बार फोन में बात करते हुए वह परेशान लगता था, जिस पर सरला उनकों सब कुछ ठीक होने का ढांढस बंधाती थी।