अयोध्या: वादा तेरा वादा... संकल्प पत्र के वादे पूरा होने की आस में 1700 शिक्षामित्र
कमर अब्बास, अयोध्या। 2017 में समायोजन निरस्त होने के बाद करीब 6 वर्षों से शिक्षामित्र दस हजार रुपए मानदेय पर पढ़ाने को मजबूर हैं, जबकि 2017 के चुनाव में सत्तारूढ़ दल भाजपा के संकल्प पत्र में 3 माह में शिक्षामित्रों की समस्याओं का न्यायोचित समाधान निकालने का वादा किया गया था, लेकिन अभी तक वादा न पूरा होने से शिक्षामित्र योगी सरकार-2 से अंतिम आस लगाए हैं।
प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार के दौरान 1999 में शिक्षामित्र योजना लाई गई थी। सबसे पहली डीपीईपी व बेसिक शिक्षा परिषद के तहत शिक्षामित्रों की नियुक्ति की गई। उसके बाद समस्त विद्यालयों में 2 शिक्षामित्रों की नियुक्ति अनिवार्य की गई। इसके बाद 2010 में निशुल्क शिक्षा अधिकार अधिनियम लागू करने के बाद इन शिक्षामित्रों को दो चरणों में दूरस्थ शिक्षा विधि से प्रशिक्षण दिलाया गया।
तत्कालिक प्रदेश सरकार द्वारा प्रशिक्षित शिक्षामित्रों को दो चरणों में अध्यापक बनाया गया, लेकिन 25 जुलाई 2017 को शिक्षामित्रों का समायोजन निरस्त कर दिया गया। शिक्षामित्र पुन: शिक्षामित्र के मूल पद पर लौटा दिए गए। 30 से 35 हजार वेतन पाने वाले शिक्षामित्र दस हजार मानदेय पर पाने को मजबूर हो गए, जिसके बाद से शिक्षामित्र अपने भविष्य के प्रति शासन द्वारा नियमावली या शासनादेश की बांट जोह रहे हैं।
आहत होकर बोले, कैसे हो रहा गुजर-बसर यह सरकार क्या जाने?
कंपोजिट विद्यालय बरौली में कार्यरत शिक्षा मित्र शिवमूर्ति यादव कहते हैं कि चुनाव पूर्व 2017 में वादा किया गया था कि सरकार बनने के 3 माह के अंदर शिक्षामित्रों की समस्याओं का समाधान कर दिया जाएगा, लेकिन 6 वर्ष बीतने के बाद भी कुछ नहीं हुआ। कम्पोजिट विद्यालय सुलतानपुर मवई की शिक्षा मित्र शीला सिंह का कहना है कि सरकार को शिक्षामित्रों के भविष्य को सुरक्षित करना चाहिए। मया ब्लॉक में कार्यरत एहसान उल हक का कहना है कि सरकार को शिक्षामत्रों की तरफ भी ध्यान देना चाहिए।
मया ब्लॉक के रेवरी सरैया में कार्यरत शिक्षामित्र परमशीला का कहना है कि सरकार शिक्षामित्रों से किए वादे को पूरा करें और 60 वर्ष के स्थान पर 62 वर्ष की सेवा के साथ नियमित वेतन/मानदेय देने का निर्णय ले। मिल्कीपुर के प्रेम द्विवेदी का कहना है कि वाराणसी की रैली में प्रधानमंत्री ने खुले मंच से ऐलान किया था कि शिक्षा मित्रों के भविष्य की जिम्मेदारी हमारी जिसका अभी तक इंतजार है। बीकापुर में कार्यरत किरन श्रीवास्तव का कहना है सरकार ने कई वर्ष बीत गए लेकिन सरकार ने शिक्षामित्रों की सुध नहीं लिया।
प्रदेश सरकार को 2017 के संकल्प पत्र में किए गए वादे के अनुसार शिक्षामित्रों के भविष्य को जल्द सुरक्षित करना चाहिए, जिससे शिक्षामित्रों को न्याय मिल सके..अजय सिंह, अध्यक्ष, आदर्श समायोजित शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन।
सपा सत्ता में आई तो शिक्षामित्रों का भला होगा: पवन पांडेय
समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता और पूर्व मंत्री तेज नारायण पांडेय पवन ने कहा कि केंद्र और प्रदेश दोनों सरकारें हर मोर्चे पर फेल है। शिक्षा मित्रों के समायोजन के लिए प्रधानमंत्री तक ने वादा किया था नहीं पूरा हुआ। इस सरकार में न्याय की उम्मीद बेमानी है। सपा सत्ता में आई तो शिक्षा मित्र ही नहीं सबके साथ न्याय होगा। वर्तमान में धोखेबाजों की सरकार है।
शिक्षा मित्रों से किया वादा पूरा होगा: वेद गुप्त
भाजपा विधायक वेद प्रकाश गुप्त ने कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी की ओर से जारी संकल्प पत्र के सभी वादे सरकार एक-एक कर पूरा कर रही है। अभी एक साल ही पूरे हुए हैं। शिक्षा मित्रों से किया गया वादा भी पूरा होगा। जो भी नीतिगत होगा सरकार फैसला करेगी।
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