Pilibhit: गौरीशंकर हत्याकांड के बाद भड़का आक्रोश.. शराब भट्टी हटाने की मांग, शव रखकर लगाया जाम

Amrit Vichar Network
Published By Vikas Babu
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पीलीभीत, अमृत विचार। ईद की शाम हुए गौरीशंकर हत्याकांड के तीन अभियुक्तों की गिरफ्तारी के बाद राहत महसूस कर रहे पुलिस प्रशासन की मुश्किल बनी रही।  दूसरे दिन हत्याकांड को लेकर स्थानीय लोगों का आक्रोश सड़क पर दिखाई दिया।  पोस्टमार्टम के बाद शव शराब भट्टी के बाहर पुलिया पर रखकर परिजन व स्थानीय लोगों ने जाम लगा दिया। 

आए दिन होने वाले विवादों का हवाला देते हुए देसी शराब भट्टी को बंद कराने की मांग कर दी। मृतक के परिवार के भरण पोषण को मुआवजा का मुद्दा भी रखा।  प्रदर्शन के दौरान कई बार अफसरों से तीखी बहस हुई और फिर अंत में देसी शराब भट्टी को सील कर लिखित आश्वासन दिया गया। फिर बमुश्किल परिजन शांत हुए और अंतिम संस्कार के बाद अफसरों ने राहत की सांस ली।  

घटना शनिवार देर शाम हुई थी। कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला मस्जिद पठानी के निवासी मजदूर गौरीशंकर (40) पुत्र राजेंद्र कश्यप मोहल्ले में ही स्थित देसी शराब भट्टी पर गए थे।  वहां पर मौजूद कुछ युवकों ने विवाद के बाद उसकी चाकू से वार कर हत्या कर दी थी। मामला दो समुदायों से जुड़ा होने पर तनाव के हालात बन गए थे। जिसे लेकर रात भर पुलिस की टीमें दौड़ती रही। 

अभियुक्तों की धरपकड़ के साथ ही अफवाहों को लेकर हड़कंप मचा रहा।   दूसरे दिन रविवार को पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजन के सुपुर्द कर दिया। परिजन शव लेकर घर आए। उसके बाद देसी शराब भट्टी के बाहर पुलिया पर शव रखकर परिजन और स्थानीय लोगों ने जाम लगाकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। मृतक की पत्नी बच्चे समेत अन्य महिलाएं जमीन पर ही बैठ गई।  उनका कहना था कि देसी शराब भट्टी पर आए दिन विवाद होते रहते हैं। इस तरह की पहले भी घटनाएं हो चुकी हैं।  

महिलाओं युवतियों का घर से निकलना दूभर हो चुका है। ऐसे में इस शराब भट्ठी को यहां से हटवाया जाए। इसके अलावा मृतक के छह बच्चों के भरण पोषण पर गहराए संकट को देखते हुए मुआवजा दिलाया जाए।  प्रदर्शन की खबर मिलते ही सिटी मजिस्ट्रेट डॉ.राजेश कुमार, सीओ सिटी अंशु जैन पुलिस बल के साथ पहुंच गए।  उसके बाद परिजन से वार्ता शुरू की गई। मगर प्रदर्शनकारी सिर्फ आश्वासन नहीं कार्रवाई की मांग कर रहे थे।  

देसी शराब भट्टी पर पुलिस ताला लगा हुआ था, लेकिन इससे लोग संतुष्ट नहीं थे। उनका कहना था कि ऐसे रहा तो कुछ दिन बाद दोबारा हालात पुराने जैसे हो जाएंगे। विरोध को देखते हुए अफसरों ने आबकारी विभाग की टीम को भी बुला लिया। उसके बाद देसी शराब भट्ठी को सील कर दिया गया।  लिखित रुप से भट्ठी को हटवाने की कार्यवाही कराने का आश्वासन भी दिया गया। उसके बाद भी कुछ महिलाएं संतुष्ट नहीं हो रही थी। जिससे पुलिस की परेशानी बढ़ी रही। 

हालांकि बाद में कुछ संभ्रांत लोगों से बातचीत कर पुलिस ने उन्हें संतुष्ट किया।  फिर किसी तरह परिजन शव लेकर चले गए।  पुलिस प्रशासन अंतिम संस्कार तक साथ रहा। उसके बाद जाकर राहत महसूस की। फिलहाल अभी भी फोर्स की तैनाती बरकरार है।उधर मामले में तीन आरोपी मोहल्ला फीलखाना निवासी गोरे उर्फ सलमान, मुशर्रफ  और अजीम को जेल भेज दिया है। 

बरखेड़ा विधायक भी पहुंचे, बोले- पीड़ित परिवार को दिलाएंगे न्याय 
हत्याकांड के दूसरे दिन पुलिस प्रशासनिक अफसर बमुश्किल भीड़ को शांत करा सके थे।  इसी बीच बरखेड़ा विधायक स्वामी प्रवक्तानंद अपने समर्थकों के साथ मौके पर पहुंच गए।  उन्होंने सर्वप्रथम परिवार के सदस्यों से घर जाकर मुलाकात की। घटना पर दुख जताते हुए हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया। उसके बाद वह बाहर आए। 

परिजन उन्हें देसी शराब भट्टी के बाहर तक लाए और बताया कि इस भट्ठी से पूरे मोहल्ले को दिक्कत है। इसे दोबारा खुलने न दिया जाए।  जिसके विधायक ने साफ कहा कि जनता की मांग को पूरा कराया जाएगा। जरुरत पड़ी तो शासन स्तर पर भी पैरवी करेंगे।  कोतवाल नरेश त्यागी को बुलाकर इस संबंध में हुई कार्रवाई की जानकारी की। उसके बाद सख्त कार्रवाई करने को कहा गया।  करीब आधा घंटा रुकने के बाद वह चले गए।

इस प्रकरण में पुलिस के स्तर से रिपोर्ट दर्ज कर आरोपियों की गिरफ्तारी कर ली गई थी। परिजन व स्थानीय लोगों ने देसी शराब भट्ठी हटवाने की मांग की थी। इसे लेकर उन्हें आश्वास्त कर दिया गया।  जिस पर सभी मान गए थे। पीड़ित परिवार को नियमानुसार हरसंभव मदद कराई जाएगी---डॉ.राजेश कुमार, सिटी मजिस्ट्रेट।

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