Bareilly: 3200 टीमें लापता... पांच साल पहले इसी तरह बेकाबू हो गया था मलेरिया

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Published By Vikas Babu
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विश्व मलेरिया दिवस : करीब 20 मरीज मिलने के बाद भी मलेरिया का प्रकोप और रोकथाम अब तक सिर्फ कागजों में

बरेली, अमृत विचार। मलेरिया का प्रकोप, उसकी रोकथाम और इस पर खर्च, यह सबकुछ एक सरकारी कागज में सिमट सकता है। हर साल की तरह जिले में हो भी यही रहा है। मलेरिया विभाग ने मलेरिया की रोकथाम के लिए 32 सौ टीमें बनाई हैं जो कहां है, यह किसी को पता नहीं है। टीमों ने कहां सर्वे किया है, यह रिपोर्ट भी अफसरों के पास नहीं है। स्वास्थ्य विभाग के अफसर मलेरिया को फिलहाल काबू में बता रहे हैं, लिहाजा रोकथाम और बचाव के इंतजाम की जरूरत भी महसूस नहीं की जा रही है।

मलेरिया इस बार कहां-कहां और कितना फैला है, यह आंकड़ा तो स्वास्थ्य विभाग के रिकॉर्ड के अलावा किसी और स्रोत से पता लगना मुश्किल है और इस रिकॉर्ड में मलेरिया के मरीजों की संख्या 20 पर ही ठहरी हुई है, लेकिन इतना जरूर साफ है कि गर्मी की शुरुआत से ही पूरे जिले में मच्छरों का भीषण प्रकोप बना हुआ है।

स्वास्थ्य विभाग की इसी बेपरवाही के कारण 2018 में बरेली में मलेरिया के मामलों में पूरे उत्तर प्रदेश में टॉप पर पहुंचा था लेकिन इसके बावजूद अफसरों में कहीं कोई चिंता नहीं दिख रही है। यही वजह है कि मच्छरों के प्रकोप पर काबू पाने के लिए फॉगिंग तक की शुरुआत नहीं हो पाई है।

शासन के आदेश पर मलेरिया विभाग की ओर से गठित की गई 32 सौ टीमों का भी कहीं अतापता नहीं है। इन टीमों को घर-घर जाकर लोगों को मलेरिया से बचाव के प्रति जागरूक करने और किसी मरीज में मलेरिया की पुष्टि होने पर उसे इलाज मुहैया कराने की जिम्मेदारी दी गई थी लेकिन अब तक इन टीमों ने क्या किया है, इसकी रिपोर्ट विभाग में किसी अफसर के पास नहीं है।

मौतों के लिए अज्ञात बुखार का बहाना
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक पिछले पांच सालों में जिले भर में एक लाख से ज्यादा मलेरिया के मरीज रिकॉर्ड पर दर्ज हैं। 2018 में 37482, 2019 में 46717, 2020 में 11686, 2021 में 2362 और 2022 में 1805 मरीज मिले थे। वर्ष 2018 में तो मलेरिया से सैकड़ों मौतें भी हुई थीं लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने अज्ञात बुखार को कारण बताकर उन्हें अपने रिकॉर्ड से बाहर रखा। स्वास्थ्य विभाग की यही लापरवाही लगातार आशंका बनाए रखती है कि कहीं फिर हालात काबू से बाहर न हो जाएं।

जिला अस्पताल में बनेगा मलेरिया वार्ड
हर साल इसी मौसम में मलेरिया का प्रकोप शुरू होता है और जिला अस्पताल में मरीजों की भीड़ लगनी शुरू हो जाती है। इनमें काफी संख्या में मलेरिया के मरीजों की भी होती है। इसी कारण एडीएसआईसी डॉ. अलका शर्मा ने मलेरिया मरीजों के लिए अलग वार्ड बनाने के आदेश दिए हैं। उन्होने बताया कि जिला अस्पताल के हार्ट वार्ड को मलेरिया वार्ड बनाया जाएगा। सभी मरीजों को मच्छरदानी वाले बेड पर भर्ती किया जाएगा।

जिले में संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाया जा रहा है। टीमों को इसके लिए निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इसकी निगरानी भी की जा रही है। फिलहाल ज्यादा मरीज सामने नहीं आए हैं---डॉ. बलवीर सिंह, सीएमओ।

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