अयोध्या: भाजपा में बागी हुए बेलगाम, परदे के पीछे भितरघात को लेकर जोड़तोड़ भी जारी

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Published By Deepak Mishra
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पालिका और पंचायतों में 100 से ज्यादा बागी और उनके समर्थक चिह्नित

अयोध्या/अमृत विचार। सर्वाधिक सदस्यता का दावा करने वाली भाजपा को अब नगर निकाय चुनाव का रण फ़तह करने के लिए अपने ही बागियों से जूझना पड़ रहा है। टिकट कटने और तवज्जो न दिए न दिए जाने से नाराज लोगों की भितरघात तो खुलकर सामने नहीं आ रही है, लेकिन बागी ताल ठोंक मैदान में जुटे हैं।

भीतरखाने भाजपा समेत अनुसांगिक संगठनों के लोगों को मैदान में पार्टी के खिलाफ ताल ठोंक रहे प्रत्याशियों को समझा-बुझा मैदान से बाहर लाने का जिम्मा दिया गया है, लेकिन कोई मानने को तैयार नहीं है। यह हाल कोई नगर निगम क्षेत्र में ही नहीं है, बल्कि नगर पालिका से लेकर नगर पंचायतों तक का यही हाल दिख रहा है।

पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ बागी निर्दलीय ताल ठोंक रहे प्रत्याशियों का अपना तर्क है, जिसको सुनकर इनको समझाने-बुझाने के लिए लगाए गए लोग भी निरुत्तर हैं। ऐसे में अब गेंद पार्टी नेत्तृव के पाले में डाल दी गई है। केवल देहात क्षेत्र में ही बागी और उनको समर्थन कर रहे कार्यकर्ताओं की तादात एक सैकड़ा से ज्यादा है। पार्टी नेतृत्व बागियों को कार्रवाई कर संदेश देने की तैयारी में तो है, लेकिन अभी जल्दबाजी में नहीं है।

गौरतलब है कि नगर निगम क्षेत्र में महापौर पद पर ही पार्टी के एक बागी ने पूरे दमखम के साथ अपनी पत्नी निर्दलीय मैदान में उतार रखा है। तमाम वार्डो में पार्षद पद पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे कई कार्यकर्ताओं ने भी ताल ठोंक रखी है। इनमें से कुछ तो काफी दिनों से पार्टी और आनुसांगिक संगठन के विचार-परिवार से जुड़े रहे है, जबकि कुछ सियासत की नई पौध भी है। किसी को साधू-संतों का निकटस्थ माना जाता है तो किसी का नजदीकी जुड़ाव विहिप, भाजपा अथवा अन्य संगठनों से है। कुछ को परदे के पीछे जनप्रतिनिधियों और पार्टी पदाधिकारियों का सियासी आशीर्वाद भी हासिल बताया जाता है।

चर्चा के मुताबिक अयोध्या में हनुमानगढ़ी के संत और पूर्व पार्षद रमेश दास ने टिकट न मिलने पर निर्दलीय पर्चा दाखिल कर दिया। वहीं साकेत नगर वार्ड में विकास शुक्ला का परिवार, चित्रगुप्त नगर वार्ड में अभिषेक यादव, राममनोहर लोहिया वार्ड में दीपक पांडेय, स्वामी विवेकानंद वार्ड में दिनेश गुप्ता, अभिरामदास वार्ड में वीरचंद मांझी समेत अन्य मैदान में हैं।

यही हाल नगर पालिका रुदौली और नगर पंचायतों गोसाईगंज, बीकापुर, भदरसा, कुमारगंज, खिरौनी और मां कामख्या में भी है। मां कामाख्या नगर पंचायत में तो टिकट न मिलने पर एक दावेदार और पूर्व प्रधान के परिवार ने आनन-फानन में कांग्रेस के टिकट पर ताल ठोंक दी।  

भाजपा जिलाध्यक्ष संजीव सिंह का कहना है कि नगर पालिका और नगर पंचायतों में पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ विभिन्न पदों पर चुनाव लड़ रहे तथा अधिकृत प्रत्याशी के अलावा दूसरे का प्रचार-प्रसार कर रहे 100 से ज्यादा लोगों को पार्टी नेतृत्व के निर्देश पर चिह्नित किया गया है। पार्टी के खिलाफ कार्य करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उनका कहना है कि पार्टी नेतृत्व ने जो भी निर्णय लिया है, उसको सभी को मानना होगा।

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