इतिहास दोहराने की कगार पर अमरोहा पालिका का चुनाव, अब तक 12 मुस्लिम व पांच हिंदू चेयरमैन चुने गए

Amrit Vichar Network
Published By Bhawna
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मोमिनीन कुरैशी, अमृत विचार। नगर पालिका परिषद के इतिहास में राष्ट्रीय पार्टी कहलाने वाली कांग्रेस का कोई भी प्रत्याशी जीत दर्ज नहीं करा पाया है। जबकि बहुजन समाज पार्टी से दो, समाजवादी पार्टी से एक, भाजपा से भी एक प्रत्याशी ने अध्यक्ष पद के ताज को पहन चुका है। भाजपा इस बार नगर पालिका परिषद अध्यक्ष पद के चुनाव में इतिहास बदलने की कोशिश कर रही है, हालांकि सपा और बसपा भी पीछे नहीं है। अभी तक नगर पालिका परिषद का यह इतिहास रहा है कि कोई भी प्रत्याशी दोबारा अध्यक्ष नहीं बना है। मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र होने के कारण नगर पालिका परिषद में अधिकांश निर्वाचित होने वाले अध्यक्षों की संख्या इसी समाज से रही। लगभग 139 वर्ष के कार्यकाल में नगर पालिका परिषद में 12 मुस्लिम तथा पांच हिंदू चेयरमैन चुने गए।

वर्ष 2017 में हुए नगर पालिका के चुनाव में इतिहास रचा गया। जब इस मुस्लिम बाहुल्य नगर पालिका परिषद के चुनाव में कमल का फूल खिला तथा शशि जैन ने अपने निकटतम समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी जैबुन्निसा को पराजित किया। उनकी इस जीत में मुस्लिम समुदाय के मतदाताओं की अहम भूमिका रही है। वर्ष 2017 में पालिका चुनाव में यहां कुल मतदाताओं की संख्या 1,44,363 थी, जिनमें मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 73.8 फीसद तथा हिंदू मतदाताओं की तादाद 26 प्रतिशत थी। इतना सब होने के बाद भी शशि जैन कमल का फूल खिलाने में कामयाब रहीं। लेकिन इस बार चुनाव में परिस्थिति बिल्कुल बदली हुई है।

नगर पालिका परिषद का बीते वर्ष शासन ने सीमा विस्तार कर दिया था। जिसका श्रेय भी शशि जैन को ही जाता है। इस सीमा विस्तार के बाद नगर पालिका परिषद में वार्डों की संख्या 40 हो गई। मतदाताओं की संख्या 1,97,369 हो गई। इनमें मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 53.44 प्रतिशत तथा हिंदू मतदाताओं की संख्या 44.46 फीसद हो गई। इस तरह से अब किसी भी हिंदू प्रत्याशी के लिए चुनाव में जीत हासिल करना आसान हो गया है। इस बार भाजपा अपने परंपरागत बढ़े हुए मतदाताओं के सहारे ही नगर पालिका परिषद में पुनः कमल का फूल खिलाने की कोशिश में है। भाजपा से दूरी बनाए रखने वाला मुस्लिम समाज इस बार खुलकर भाजपा के पक्ष में आ रहा है। यहां तक कि नगर पालिका में सभासद का चुनाव लड़ रहे कई प्रत्याशियों ने भाजपा से टिकट मांगा तथा वह चुनाव मैदान में डटे हुए हैं।

नगर पालिका परिषद के इतिहास की बात करें तो पहले हिंदू चेयरमैन साहू वेंकटेश प्रसाद वर्ष 1924 में बने थे। जबकि चौधरी नानक चंद 1939 में, राधे श्याम माहेश्वरी 1960 में सभासद पद का चुनाव जीते तथा तत्कालीन चेयरमैन मियां रिजवी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के बाद 1962 में चेयरमैन बने। खान बहादुर सैयद नकी हादी, सखाउल हसनैन नकवी, मुहम्मद यासीन, हकीम सैयद हसन मुसन्ना, हाजी कल्लन खां, हाफिज अब्दुल कयूम, बाबू मकबूल अहमद, हाजी कमरुददीन मंसूरी, बेगम आफताब, हाजी इकरार अंसारी व अफसर परवेज ने भी चेयरमैन पद का ताज पहना।

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