अपनों का ''सितम'' गैरों का मिला ''साथ'', मदद को बढ़े ''हाथ'', बेटों ने नहीं लिया हाल, जानें मामला

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Published By Deepak Mishra
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लखनऊ/अमृत विचार। बीमार 75 वर्षीय मां कृष्णावती को बेसहारा छोड़ने वाले बेटों ने रविवार को भी कोई खोज-खबर नहीं ली। अपनों के साथ छोड़ने के बाद आज ''गैरों'' ने मदद को हाथ बढ़ाए हैं। बलरामपुर अस्पताल में लावारिस हालत में भर्ती वृद्धा की सहायता के लिए तमाम संगठन आ खडे़ हुए हैं। अस्पताल पहुंच ''मददगारों'' की भीड़ ने उसकी बेटी और परिवार को हौसला बंधाया। 

रविवार को ''अमृत विचार'' के प्रथम पृष्ठ पर ''घरों में झाड़ू पोछा कर जिन्हें पाला, बूढ़ी हुई तो घर से निकाला '' शीर्षक से समाचार प्रकाशित हुआ तो कई संस्था के लोग अस्पताल पहुंचे और हरसंभव मदद के लिए आ खडे़ हुए। संगठनों के प्रमुखों ने यहां तक कह दिया कि उसके बेटों पर एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी। हालांकि, संस्थाओं की पहल पर वृद्धा की सेहत में कोई सुधार न होते देख चिकित्सकों ने आज देर शाम केजीएमयू के लिए रेफर कर दिया है।

बता दें लालकुआं की रहने वाली कृष्णावती बीते दो दशक से मकबूलगंज में किराए का कमरा लेकर घरों में झाड़ू-पोछा कर जीवनयापन कर रही थी। उसके दोनों बेटों ने 20 साल पहले उसे घर से निकाल दिया था। बेटों और उनके परिजनों ने अपनी लालच को पूरा करने के लिए पहले पुश्तैनी जमीन बिकवाई। बाद से घर से बाहर कर दिया। लंबे समय से एकाकी जीवन जी रही वृद्धा इधर कुछ दिनों से बीमारी के चलते चलने-फिरने में असमर्थ हो गई तो उसने बेटों से इलाज के लिए मदद मांगी।

 लेकिन बेटों ने इलाज करवाने से मना कर दिया। इसकी जानकारी मड़ियांव निवासी उसकी बेटी गीता मिश्रा को हुई तो उसने मां को 6 जून को बलरामपुर अस्पताल में भर्ती कराया। हालत गंभीर थी ऐसे में जब उसे खून की जरूरत हुई तो वृद्धा के नाती 28 वर्षीय ''जीतेन्द्र'' उसे सहर्ष रक्त दिया और नानी की सेवा-सुश्रुषा में जुट गया। आज जांच के बाद डॉक्टरों ने हार्ट में दिक्कत बताई है। साथ ही पीलिया होने के चलते पैरों में सूजन आ गई है।

बलरामपुर के सीएमएस डा. जीपी गुप्ता की अगुवाई में चिकित्सकों के दल ने बताया कि वृद्धा गंभीर है। डॉ. गुप्ता के मुताबिक वृद्धा की एमआरआई जांच होनी है। अस्पताल में एमआरआई की सुविधा न होने के चलते उसे किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) रेफर कर दिया गया। साथ ही हार्ट के इलाज के लिए केजीएमयू के लारी कार्डियोलॉजी में किया जाएगा।

ये मददगार आए साथ

हेल्पेज इंडिया की तरफ से वालिंटियर अनुराग महाजन आज सुबह ही अपनी टीम के साथ अस्पताल पहुंच गए। वृद्धा के स्वास्थ्य को लेकर उसकी पुत्री गीता मिश्रा से जानकारी ली। साथ ही उन्होंने कृष्णावती से लिखित प्रार्थना पत्र लेते हुए आश्वासन दिया कि उन्हें आश्रम में शिफ्ट करा उनके लड़कों पर कानूनी कार्रवाई करायी जाएगी। यही नहीं जिन लड़कों ने जमीन धोखे से बिकवाकर अपने नाम करवा ली है उसको वापस दिलाने के लिए भी ठोस पहल की जाएगी। वहीं, वन स्टाप सेंटर से अर्चना सिंह के निर्देश पर एक पूजा और चेतना अस्पताल पहुंची और जानकारी की। वृद्धा के बयान रिकॉर्ड किए। वन स्टाप सेंटर की ओर से बताया गया कि वृद्धा को स्वस्थ कराकर आश्रम में शिफ्ट कराया जाएगा। इसके बाद इनके दोनों लड़कों पर मुकदमा पंजीकृत कराया जाएगा। संगठनों ने वृद्धा की बेटी गीता मिश्रा, खून देने वाले नाती जीतेंद्र मिश्र समेत पूरे परिवार की सराहना की।

फिर बेटों की याद में फफक पड़ती कृष्णावती

रविवार को वृद्धा की मदद के लिए कई लोग अस्पताल पहुंचे। ''अमृत विचार'' समाचार पत्र में लगी इस खबर की सराहना की। बेटी बताती है कि मां बेटों को याद कर रही है। बच्चों संग बिताए गए खुशी के पलों को याद कर फफकने लगती है। अचेत हो जाती है तो फिर उसे बेटे नहीं सेवाभाव में जुटी बेटी और नाती संभालता है। हालत नाजुक देख कृष्णावती को रविवार देर शाम केजीएमयू रेफर कर दिया गया। जहां उसे स्वास्थ्य लाभ दिया जाना है।

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