बरेली: तमाम पंचायत भवन अधूरे... क्योंकि कोई किसी की सुनता ही नहीं

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Published By Vishal Singh
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नवाबगंज, मझगवां, बिथरी, भदपुरा के कई गांवों में पंचायत भवनों पर लटका है ताला

बरेली, अमृत विचार। सरकार ने जिस मकसद से हर ग्राम पंचायत में पंचायत भवन बनाने की योजना शुरू की थी, वह पूरा हो पा रहा है या नहीं, यह एक अलग सवाल है लेकिन 57 पंचायत भवनों का निर्माण ही पूरा नहीं हो पाया है। खुद सीडीओ के लगातार दबाव बनाए जाने के बावजूद अधूरे भवनों के निर्माण की गति नहीं बढ़ पा रही है।

जिले की सभी 1188 ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन बनने थे। सरकार की मंशा थी कि पंचायत भवनों में ग्राम पंचायत की बैठकों के साथ सचिव की मौजूदगी भी सुनिश्चित हो ताकि ग्राम विकास संबंधी दस्तावेजों के सुरक्षित रखरखाव के साथ ग्रामीणों को आय, जाति प्रमाण पत्र और दूसरी सुविधाएं गांव में ही एक छत के नीचे मुहैया कराई जा सकें। मगर साल भर से 57 गांवों में पंचायत भवनों का निर्माण पूरा नहीं हो पाया है। कुछ गांवों में ग्राम प्रधान अपने घर या किसी दूसरे ठिकाने पर कंप्यूटर रखकर निजी लोगों से काम करा रहे हैं।

मानदेय दे रहे हैं मगर पंचायत घर पर ताला
बिथरी, भुता और नवाबगंज ब्लॉक में कई पंचायत घरों में पंचायत सहायकों की तैनाती हो गई है, लेकिन पंचायत घर अधूरे पड़े हैं। कहीं बिजली की व्यवस्था नहीं है तो कहीं शौचालय तक नहीं बना है। इसके बावजूद पंचायत सहायक काे मानदेय दिया जा रहा है। पिछले दिनों शासन स्तर पर पंचायत सहायकों की ऑनलाइन उपस्थिति में इस तरह की गड़बड़ी की आशंका जताई गई थीु।

ठिरिया बन्नो जान में तो काफी काम बाकी
भदपुरा ब्लॉक की ग्राम पंचायत ठिरिया बन्नो जान में अधूरे पड़े पंचायत भवन पर काफी समय से ताला पड़ा है। यहां प्लास्टर के अलावा टाइल्स, टंकी फिटिंग समेत कई काम बाकी हैं। बीडीओ की बेपरवाही से गांव वालों रो ब्लॉक और मुख्यालय के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।

फैजुल्लापुर में पंचायत भवन में उग आईं झाड़ियां
नवाबगंज के फैजुल्लापुर में निर्माणाधीन पंचायत भवन का बजट न होने से कई महीने से काम बंद है। देखरेख भी नहीं हो पा रही है, जिसके कारण पंचायत भवन के चारों और झाड़ियां उग आई हैं। गांव वाले बताते हैं कि कई महीनों से कोई पंचायत भवन देखने तक नहीं आया है।

नवदिया हरकिशन में एक साल से चल रहा काम
बिथरी चैनपुर ब्लाक के नवदिया हरकिशनपुर गांव में बन रहे पंचायत भवन का निर्माण एक साल से अधूरा है। छत की ढलाई तो हो गई लेकिन फिनिशिंग समेत कई काम बाकी है। गांव वालों के मुताबिक पंचायत भवन का निर्माण काफी समय से सुस्ती से चल रहा है। सप्ताह में बमुश्किल दो-तीन दिन ही काम होता है। अधिकारी कई बार निरीक्षण कर चुके हैं लेकिन निर्माण में तेजी नहीं आई।

23 भवनों का आधा काम भी पूरा नहीं
जिले की 1188 ग्राम पंचायतों में से 1133 में पंचायत भवन बन चुके हैं। अधूरे 57 भवनों में से 32 का छत स्तर तक निर्माण हो पाया है। 16 की दीवारें बनने के बाद काम आगे नहीं बढ़ रहा है, तीन के सिर्फ पिलर खड़े हो पाए हैं। दो की सिर्फ नींव भरी गई है और दो का निर्माण ही शुरू नहीं हुआ है।

पंचायत भवन कई कारणों से अधूरे पड़े हैं। निर्माण कार्यों की निगरानी की जा रही है। कुछ एक जगह भूमि विवाद से काम अटका है। पुराने भवनों को ध्वस्त कराकर नया भवन बनाने की प्रक्रिया भी जारी है- धर्मेंद्र कुमार, डीपीआरओ।

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