सतत विकास के लक्ष्य

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Published By Moazzam Beg
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संयुक्त राष्ट्र का लक्ष्य पूरी दुनिया में टिकाऊ और सतत विकास के लक्ष्य को हासिल करना है। 2015 में दुनिया में विकास, गरीबी और अशिक्षा को मिटाने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने 17 सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) तय किए थे। इन लक्ष्यों में सबसे महत्वपूर्ण लक्ष्य कृषि तथा इससे संबंधित विभिन्न अवयवों का संरक्षण संवर्धन शामिल है जिससे विश्व के सभी लोगों को भरपेट भोजन, आवास, स्वास्थ्य, शिक्षा तथा न्याय मिल सकेगा।

ये लक्ष्य सभी देशों को दिशा निर्देश देंगे जिससे मानव कल्याण से जुड़ी विभिन्न योजनाएं कार्यान्वित होंगी तथा विश्व में खुशहाली के साथ-साथ प्राकृतिक संपदाओ का संरक्षण भी होगा। लक्ष्य मानव जीवन शैली को धनी बनाने में सहायक होंगे। साथ ही संरक्षित संसाधनों को उनके वास्तविक रूप में आने वाली पीढ़ियों को हस्तांतरित करने में सक्षम होंगे जिससे समाज सुख एवं समृद्धि के मार्ग पर अनवरत अग्रसर होता रहे।

संयुक्त राष्ट्र के लक्ष्यों को पूरा के लिए भारत पूरी ताकत के साथ आगे बढ़ रहा है। स्वास्थ्य, गरीबी और अशिक्षा को लेकर देशभर में कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। महामारी, युद्ध, जलवायु परिवर्तन और भविष्य की महामारियों के जोख़िम संयुक्त राष्ट्र के एसडीजी को हासिल करने में प्रमुख बाधाएं हैं।

विकासशील देशों में निजी क्षेत्र का निर्यात बाज़ार में भी अहम भूमिका होती है। एसडीजी को पूरा करने के लिए निजी क्षेत्र की भागीदारी, निवेश दृष्टिकोण और बेहतर स्वास्थ्य के लिए ग़रीबी और भूख को कम करने के लिए प्राथमिकताएं आवश्यक है। बाज़ार आधारित प्रोत्साहनों के माध्यम से कंपनियों और निवेशकों द्वारा सामाजिक और पर्यावरणीय हस्तक्षेप की रूपरेखा को लाभ या सामाजिक उद्देश्यों द्वारा संचालित किया जा सकता है। 

भारत जी-20 की अध्यक्षता के दौरान कम कार्बन वाली अर्थव्यवस्था में अवसरों का लाभ उठाने के लिए निजी क्षेत्र की वकालत कर सकता है। निजी क्षेत्र के साथ सहयोग से ग्रीन सप्लाई-साइड इन्फ्रास्ट्रक्चर के माध्यम से वित्त जुटाने में मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुताबिक भारत की जी-20 की अध्यक्षता एज़ेंडा एकता की सार्वभौमिक भावना को बढ़ावा देने के लिए समावेशी, महत्वाकांक्षी, क्रिया-उन्मुख और निर्णायक होगी।

जी-20 राष्ट्रों की प्राथमिकताओं को न केवल भागीदार देशों, बल्कि अन्य प्रतिभागियों के साथ परामर्श करके आकार दिया जा सकता है जिनकी आवाज़ अक्सर अनसुनी कर दी जाती है। एसडीजी के चार प्राथमिकता वाले क्षेत्रों- वैश्विक स्वास्थ्य, ग़रीबी, भुखमरी और जलवायु परिवर्तन पर तत्काल कार्रवाई के आह्वान को जी-20 सदस्य देशों द्वारा निजी क्षेत्रों की भागीदारी के परिमाण का आकलन करके संबोधित करने की ज़रूरत है।

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