लखनऊ: भाकियू अराजनैतिक का कृषि विभाग के अधिकारियों पर घोटाले का आरोप, करोड़ो की राशि का हुआ बंदरबाट
अमृत विचार, लखनऊ। भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक ने कृषि विभाग के अधिकारियों पर करोड़ों रुपयों का घोटाला करने का आरोप लगाया है। किसान यूनियन के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2021-22 में किसानों को लेकर यूपी सरकार ने जो योजनाएं अनुदान के रूप में चलाई थी। उन योजनाओं में आवंटित राशि में से करोड़ो रुपयों का लेखाजोखा सरकारी पोर्टल कोषवाणी पर मौजूद नहीं है। जिसको लेकर किसान यूनियन ने कृषि विभाग के अधिकारियों पर किसानों का पैसा हड़पकर बंदरबांट करने का आरोप लगाया है।

किसान यूनियन अराजनैतिक के पूर्वांचल प्रदेश प्रभारी आशू चौधरी ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में यूपी सरकार ने किसानों के लिए कई अनुदान योजनाऐं चलाई थी। जिसको लेकर शासन की ओर से 545 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे। शासनदेश के मुताबिक डीबीटी के माध्यम से सीधे किसान के खाते में अनुदान की राशि भेजने का प्रावधान है। लेकिन सरकारी पोर्टल कोषवाणी पर सरकारी की ओर आवंटित 545 करोड़ रुपयों में 423 करोड़ रुपयों का ही व्यय दिखाया गया है। जबकि 122 करोड़ का कोई लेखाजोखा नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि ये सरासर एक घोटाला है। कृषि विभाग के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से सीधे कोषागार से कुछ फर्मों को पैसा ट्रांसफर करके बंदरबाट किया गया है।
आशू चौधरी ने कहा कि हम मीडिया से माध्यम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग करते हैं कि इस घोटाले के संबंध में कृषि विभाग में उच्च स्तरीय जांच कराई जाए। साथ ही घोटाले में मिले दोषियों को कड़ी से कड़ी से सजा दी जाए। क्योंकि इन बिचौलियों की वजह से किसानों को मिलने वाली सरकारी योजनाएं नहीं मिल पाती है। इसके अलावा उन्होंने बताया कि अगर जल्द ही इस घोटाले की जांच नहीं हुई तो कृषि भवन में एक बड़ा प्रदर्शन करेंगे।
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