कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र में जीत का अंतर बढ़ाएगी भाजपा : प्रकाश पाल
अमृत विचार, कानपुर । राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) बीएल संतोष की मौजूदगी में हुए दो दिन के गहन विचार मंथन के उपरांत लौटे कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र के अध्यक्ष प्रकाश पाल संगठन के कील-कांटे दुरुस्त करने में लग गए हैं। साथ ही वह अपने क्षेत्र की सभी दस लोकसभा सीटों में 2019 के चुनाव की तुलना में जीत का अंतर बढ़ाने का गणित बैठाने में लगे हैं।
उनका कहना है कि उनके क्षेत्र में दस लोकसभा सीटें आती हैं जिसमें सभी सीटें 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने भारी अंतर से जीती थी। उन्होंने दावा किया कि यह अंतर 2024 के चुनाव में और बढ़ेगा। फिलहाल तो संगठन को चुस्तदुरुस्त बनाने में लगा हूं। इसी माह जिलाध्यक्षों के नाम घोषित किए जा सकते हैं। इसके बाद कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्रीय संगठन का गठन किया जाएगा। संसदीय सीटों पर प्रत्याशी चयन पार्टी का संसदीय बोर्ड करेगा। हमसे राय मांगी जाएगी तो देंगे।
प्रकाश पाल ने अमृत विचार से विशेष बातचीत करते हुए बताया कि नेतृत्व से प्राप्त दिशा निर्देश और कार्य-योजना पर काम जारी है। वह कहते हैं कि 2014 में कन्नौज सीट पार्टी हार गयी थी पर 2019 में उसे भी फतह कर लिया गया। वह विपक्ष के नवगठित मोर्चा ‘इंडिया‘ चुनौती प्रस्तुत ही नहीं कर सकता। पिछले चुनाव में बुआ-भतीजे मिलकर अपनी ही सीटें नहीं बचा पाए। लुगाई और भाई की सीट भी अखिलेश यादव हार गए थे।
तो अब जब बुआ यानी बसपा ने ‘इंडिया‘ से दूरी बना रखी है तो अकेले भतीजा क्या कर लेगा। विपक्ष का वोट बंटेगा तो फायदा तो भाजपा का ही होगा। इसीलिए कहता हूं कि अबकी भारी अंतर से कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र की सभी सीटें भारी अंतर से जीतेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कद का उनके (विपक्ष) पास एक भी नेता नहीं है। आप देखिएगा यूपी में 80 में 80 सीटें भाजपा जीतेगी।
क्षेत्रीय अध्यक्ष कहते हैं कि ‘इंडिया‘ से भाजपा और सहयोगी दलों को कोई चुनौती नहीं मिल रही है। संगठन का ढांचा गठित करने की प्रक्रिया चल रही है। सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व रहेगा। सबकी राय ली जा रही है। वह कहते हैं कि मुख्य संगठन में मुसमानों को भी प्रतिनिधित्व दिया जा सकता है। पार्टी और सरकार सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास और सबका प्रयास के मूल मंत्र पर काम कर रही है।
जिलाध्यक्ष तय करने का फार्मूला पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट और उनकी प्राथमिकता सूची के आधार पर विचार मंथन के उपरांत तय किए जाएंगे। इसी माह के अंत तक अध्यक्षों के नाम घोषित किए जा सकते हैं। इसके बाद क्षेत्रीय संगठन का नंबर आएगा। गठन में वरिष्ठ वर्तमान व पूर्व पदाधिकारी व जनप्रतिनिधियों की राय भी शामिल होगी।
प्रकाश पाल कहते हैं कि विधानसभा चुनाव, नगर निकाय चुनाव में भाजपा के प्रदर्शन ने 2024 के लोकसभा चुनाव की बुनियाद रख दी है। पुराने कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को महत्व दिया जा रहा है। इनके नाम, मोबाइल नंबर आदि का डाटा तैयार है। उनकी उपेक्षा का तो सवाल ही नहीं पैदा होता। उन्हें किसी न किसी रूप में सक्रिय रखा जाएगा। चुनाव में उनकी महती भूमिका होगी।
पार्टी का पूरा जोर जातीय समीकरण बैठाते हुए बूथ सशक्तीकरण और चुनाव का मैक्रो मैनेजमेंट किया जाएगा। उनका कहना है कि युवा, महिला, शिक्षक, ट्रक डाइवर, टैक्सी ड्राइवर, डिलीवरी मैन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और संविदा कर्मियों के बीच नया वोट बैंक बनाना है। कोई भी वर्ग छूटेगा नहीं। सबको जोड़ने का लक्ष्य है।
उन्होंने कहा कि पार्टी के सभी पदाधिकारी संगठन के काम के अलावा व्यापारियों, खिलाड़ियों, किसानों और समाज के विभिन्न वर्ग के बीच जाकर बातचीत कर रहे हैं। छोटे छोटे समूहों से संवाद किया जा रहा है। संगठन की कमान संभालने वालों को इस योजना पर कार्य करना होगा। कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण कार्यक्रम पर भी विशेष जोर होगा।
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