प्रयोगशाला में बने मांस को क्यों करना पड़ रहा है चुनौतियों का सामना? जानें आठ अहम सवाल

प्रयोगशाला में बने मांस को क्यों करना पड़ रहा है चुनौतियों का सामना? जानें आठ अहम सवाल

मेलबर्न। अब लगभग एक दशक हो गया है - लेकिन संवर्धित (प्रयोगशाला में निर्मित) मांस को अब भी कुछ बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इस साल पांच अगस्त को दुनिया को प्रयोगशाला में तैयार पहले बर्गर का स्वाद चखे दस साल हो जाएंगे। एक दशक बाद जैवप्रौद्योगिकीविद् प्रोफेसर पॉल वुड ने संवर्धित मांस के बारे में आठ प्रमुख सवालों के जवाब दिए।

यह क्या है?
संवर्धित मांस, जिसे बोलचाल की भाषा में प्रयोगशाला में विकसित मांस भी कहा जाता है, एक जीवित जानवर से बायोप्सी (जीवित प्राणियों के शरीर से ऊतक को अलग कर किया जाने वाला परीक्षण) लेकर कोशिका के एक प्रकार का चयन करने और इन कोशिकाओं को बड़े पैमाने पर बायोरिएक्टर में विकसित करने की अवधारणा है। तकनीकी रूप से, यह किसी जानवर के शव से मांस निकालने से पहले उसे परिपक्व बनाने का एक व्यवहार्य विकल्प है। जानवरों से कई प्रकार की कोशिकाओं का उपयोग किया जा सकता है, जैसे मांसपेशी, वसा या फाइब्रोब्लास्ट। कोशिका चयन के प्रारंभिक चरण में एक कोशिका रेखा के निर्माण की आवश्यकता होती है जो चयनात्मक माध्यम में लगातार बढ़ती रहेगी। 

यह कितने समय से है?
मोनोक्लोनल एंटीबॉडी या वायरल टीके जैसी दवाओं का उत्पादन करने के लिए प्रयोगशालाओं में कोशिकाओं के संवर्धन की तकनीक का उपयोग कई दशकों से किया जा रहा है। संवर्धित मांस के साथ अंतर यह है कि कोशिकाओं का उपयोग मोनोक्लोनल या वायरल एंटीजन के लिए उत्पादन प्रणाली के रूप में करने के बजाय खाद्य उत्पादों का उत्पादन करने के लिए किया जाता है। संवर्धित मांस को पहली बार 2013 में दुनिया के पहले प्रयोगशाला में विकसित बर्गर के साथ पेश किया गया था, जिसे बनाने में 3,30,000 अमेरिकी डॉलर की भारी लागत आई थी। पहला व्यावसायिक संवर्धित मांस उत्पाद 2020 में सिंगापुर में लाइसेंस प्राप्त चिकन नगेट था। अमेरिकी कृषि विभाग ने जून 2023 में दो कंपनियों - अपसाइड फूड्स और गुड मीट - को चिकन-आधारित उत्पाद बेचने का लाइसेंस दिया। खाद्य उद्योग में इस भविष्यवाणी के साथ काफी उत्साह पैदा हुआ कि संवर्धित मांस 2030 तक मांस उद्योग को बदल देगा।

क्या यह वाणिज्यिक रूप से व्यवहारिक है?
वर्तमान में गोमांस, चिकन, सूअर का मांस, भेड़ का मांस आदि उत्पादों पर काम करने वाली 150 से अधिक कंपनियों में लगभग तीन अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश किया गया है। अपसाइड फूड्स ने अपना नया कोशिका-आधारित चिकन उत्पाद एक मिशेलिन स्टार रेस्तरां में लॉन्च किया है, लेकिन यह महीने में केवल एक रात उपलब्ध होता है और कीमत का खुलासा नहीं किया गया है। व्यावसायिक सफलता के लिए उत्पादन में महत्वपूर्ण वृद्धि, लागत में कटौती और उपभोक्ता स्वीकृति की आवश्यकता होगी, या ये भी हो सकता है कि ये उत्पाद धनी उपभोक्ताओं के लिए विशिष्ट बाजारों तक ही सीमित रहें। यह अनुमान लगाया गया है कि पारंपरिक मांस उत्पादन की तुलना में संवर्धित मांस के उत्पादन की लागत को 1,000 गुना से अधिक कम किया जाना चाहिए तब दोनों समान स्तर पर आ पाएंगे।

क्या यह आपके लिए अच्छा है-और क्या इसका स्वाद ठीक है?
वर्तमान में सभी संवर्धित मांस संकर या मिश्रित उत्पाद हैं, जिसमें कटे हुए कोशिका पेस्ट - मांस घटक - को पौधे-आधारित सामग्री, विटामिन और खनिजों के साथ मिलाकर बर्गर, मीटबॉल, सॉसेज और पकौड़ी का उत्पादन किया जाता है। हां, आपको इसमें विटामिन मिलाना होगा, और आप अभी तक इसके साथ ‘स्टीक’ नहीं बना सकते हैं।

कोशिका संवर्धित मीट के उत्पादन की प्रेरणा क्या है?
संवर्धित मांस बनाने की प्रेरणा यह है कि जानवरों का वध नहीं किया जाता है, इसमें भूमि और पानी का कम उपयोग हो सकता है और पारंपरिक मांस उत्पादन की तुलना में कम हरित गैसें उत्पन्न होती हैं। जानवरों को न मारने की वकालत बहुत से लोग करते हैं, लेकिन जब तक संवर्धित मांस को महत्वपूर्ण रूप से नहीं बढ़ाया जाता, तब तक यह पता नहीं चलेगा कि यह वास्तव में ग्रह के लिए बेहतर है या मनुष्यों के लिए।

क्या यह खरीदने में महंगा होगा ?
भोजन का स्वाद और बनावट उपभोक्ताओं के लिए महत्वपूर्ण है - लेकिन पैसा वसूल हो रहा है कि नहीं इसकी भी अहमियत है। इसलिए, इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि चिकन वर्तमान में मांस का प्रमुख विकल्प है। उच्च गुणवत्ता वाले प्रयोगशाला में विकसित मांस उत्पादों के साथ, स्वाद और बनावट दोनों का मिलान किया जा सकता है। बी-12 जैसे विटामिन के पूरक के साथ संवर्धित मांस को उसके पारंपरिक समकक्ष के बराबर पोषण युक्त बनाना संभव हो सकता है। कीमत हालांकि एक अहम चुनौती होगी।

फैक्टरी में बना मांस कौन खाना चाहता है?
सवाल यह भी है कि संवर्धित मांस के ग्राहक कौन होंगे? शाकाहारी, पशु उत्पादों से बचते हैं, शाकाहारी अक्सर मांस के स्वाद को अस्वीकार करते हैं और ‘फ्लेक्सिटेरियन’ (ऐसे लोग जो मूल रूप से शाकाहारी है लेकिन कभी-कभी मांस या मछली का सेवन कर लेते हैं) का यह नया समूह, नए उत्पादों को आजमाने में रुचि रखते हुए, शायद ही कभी नियमित ग्राहकों के तौर पर इसे स्वीकार करे। कम से कम अमेरिका में, यह एक कारण है कि कई पादप-आधारित मांस उत्पादों ने मांस बाजार के केवल 1.3 प्रतिशत हिस्से पर कब्जा किया है।यह भी संभावना है कि पादप-आधारित उत्पाद इन नए संवर्धित मांस उत्पादों के प्रमुख प्रतिस्पर्धी होंगे।

कोशिका-संवर्धित मांस को मंजूरी देने वाला अगला कौन होगा?
संवर्धित मीट उत्पाद के लिये पहला लाइसेंस सिंगापुर और अमेरिका में दिया गया लेकिन उम्मीद है कि अन्य क्षेत्रों में भी और लोग इसका अनुसरण करेंगे। हालांकि हाल ही में ‘एफएओ’ की एक रिपोर्ट में संवर्धित मांस के साथ 50 से अधिक संभावित स्वास्थ्य जोखिमों की पहचान की गई है, लेकिन यह निष्कर्ष निकाला गया है कि समग्र जोखिम पारंपरिक मांस उत्पादों से अधिक नहीं था। 

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