बरेली जिला अस्पताल: बाहर की दवा लिखी तो होगी कार्रवाई, एडीएसआईसी ने जारी किया आदेश

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Published By Om Parkash chaubey
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बरेली, अमृत विचार : जिला अस्पताल में मरीजों को बाहर की दवाएं लिखने का मर्ज सालों पुराना है। कमीशनखोरी की डॉक्टरों की यह आदत तमाम शिकायतों के बावजूद नहीं सुधर पाई है। एडीएसआईसी डॉ. अलका शर्मा ने अब लिखित आदेश जारी कर डॉक्टरों को कड़ी कार्रवाई की चेतावनी देते हुए बाहर की दवाएं लिखने की मनाही की है।

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एडीएसआईसी ने कहा है कि बाहर की दवाएं लिखने के मामले में शिकायत की पुष्टि होने पर डॉक्टर का वेतन काटने की संस्तुति के साथ और कार्रवाई भी करने का प्रावधान है। लगातार शिकायत मिलने पर शासन के आदेश के मुताबिक डॉक्टर को निलंबित भी किया जा सकता है।

उन्होंने साफ किया है कि अगर कोई मरीज खुद बाहर की दवा लिखने का आग्रह करे, तब भी उसे बाहर की दवा न लिखी जाए। उन्होंने बताया कि पिछले छह महीने में जिला अस्पताल में ऐसी कोई शिकायत नहीं मिली है लेकिन फिर भी डॉक्टरों को आगाह करने के लिए आदेश जारी किया गया है।

ओपीडी में पसरा सन्नाटा, एआरवी को लगी लाइन: सोमवार को सरकारी अस्पतालों में मरीजों की भीड़ उमड़ती है लेकिन सुबह 10 बजे तक ही मरीजों की लंबी लाइनें जिला अस्पताल और 300 बेड अस्पताल में नजर आईं इसके बाद सबसे अधिक मरीज त्वचा और नेत्र रोग विभाग में देखने को मिली अन्य विभागों में कम संख्या में मरीज नजर आए।

लेकिन सबसे अधिक मरीज कुत्ते व बंदर काटने के रहे। लेकिन हैरत की बात तो यह है कि यहां बीते करीब एक माह से कोई भी प्रभारी मौजूद नहीं है। जिसके चलते गंभीर काटने के मामले के मरीजों सिरम संबंधी जानकारी के लिए जिला अस्पताल के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।

आखिर कौन सुनेगा दिव्यांगों का दर्द, सुविधाएं लापता: सीएमओ कार्यालय स्थित दिव्यांगजन कार्यालय में सोमवार को दिव्यांगों की भारी भीड़ रहती है सोमवार को भी ऐसा ही नजारा देखने को मिला लेकिन यहां सुबह 9 बजे से इंतजार कर रहे दिव्यांग दोपहर 12 बजे तक भी अपनी समस्या का समाधान नहीं करा सके।

यहां न तो दिव्यांगों के लिए बैठने के कोई पुख्ता इंतजाम और न ही व्हील चेयर की व्यवस्था है। जिसके चलते दिप्यांग जमीन पर घिसटते हुए कार्यालय में नजर आए। लेकिन किसी भी अधिकारी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।

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