Kanpur में अमृत विचार ने कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव अजय कपूर से की खास बातचीत, बोले- आने वाला समय राहुल गांधी का है

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Published By Nitesh Mishra
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कानपुर में अमृत विचार से कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव अजय कपूर ने की खास बातचीत।

कानपुर में अमृत विचार से कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव अजय कपूर ने खास बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि आने वाला समय राहुल गांधी का है।

कानपुर, [महेश शर्मा]। कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव अजय कपूर चुनावी नतीजों के बाद ठीक उसी तरह सक्रिय दिखने लगते हैं जैसे पहले थे। नौ चुनाव लड़ने का भारी भरकम अनुभव ऐसे वक्त में यूपी में पार्टी को ऑक्सीजन का सबब है जब उसका जनाधार घटा है। हजारों महिलाओं की सदस्यता वाला बहन फाउंडेशन आधी आबादी को कांग्रेस की ओर मोड़ने का सशक्त माध्यम है।

तीन बार के विधायक रहे अजय के पांव हालांकि मोदी लहर में थोड़ा उखड़े पर वह फिर संभल गए। पूरी शिद्दत से पार्टी का जनाधार बढ़ाने में जुटे हैं। 2024 में कांग्रेस की संभावनाओं, विपक्षी दलों का गठजोड़, चुनावी राज्यों में संभावना, नई सीडब्ल्यूसी, जाति जनगणना जैसे विषयों पर अजय कपूर से हुई बातचीत के प्रमुख अंश इस प्रकार हैं।

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कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव अजय कपूर।

सवाल- उत्तर प्रदेश के नये कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय नियुक्त किए गए हैं। विधानसभा में 2.33 फीसद वोट और लोकसभा में एक सीट जीतने वाली कांग्रेस को क्या लाभ होगा?

जवाब- यूपी में पार्टी को जुझारू कांग्रेस अध्यक्ष चाहिए था जो डंके की चोट पर कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व, पार्टी की रीतिनीति और सत्तापक्ष पर मुखर होकर बात करे। इस रूप में अजय राय के अलावा दूसरा चेहरा नहीं है। पार्टी का जनाधार बढ़ेगा और लोकसभा में सीटें भी। उनकी नियुक्ति कांग्रेस को लाभ पहुंचाएगी।

सवाल-नयी सीडब्ल्यूसी में युवाओं को प्रतिनिधित्व कम दिया गया है। महाधिवेशन और चिंतन शिविर में चर्चा के बाद ऐसा क्यों?

जवाब-आपको सचिन पायलट, गौरव गोगोई, कमलेश्वरजी, कन्हैयाकुमार तमाम ऐसे नाम हैं जो सीडब्ल्यूसी का चेहरा हैं। ऐसे सवाल खड़े करना तो विपक्ष का काम है। पार्टी अपनी युवा ताकत पहचानती हैं। कांग्रेस की युवा टीम के मुकाबले किसी के पास ऐसे ज्ञानी और जुझारू युवा नेता नहीं हैं। 
सवाल-इसी साल चार राज्यों में चुनाव हैं और सात महीने बाद 2024 का लोकसभा चुनाव है। क्या लगता है आपको?
जवाब-हिमाचल और कर्नाटक की जीत ने एक नया जोश भर दिया है। हमारे पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का इम्पैक्ट पूरे देश पर पड़ा है। यह दिख भी रहा है। राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार आ रही है। आप देख लीजिएगा। सच पूछिए तो कांग्रेस के पक्ष में जबरदस्त माहौल बन चुका है। 

सवाल- भारत जोड़ो यात्रा खत्म हो चुकी है। यूपी में पार्टी की हालत पतली है। यहां की सभी 80 सीटें जीतने के लिए भाजपा सक्रिय है। ऐसे में क्या लगता है?

जवाब- देखिए भारत जोड़ो यात्रा पार्ट-2 में राहुल गांधी सबसे ज्यादा समय यूपी में ही दे रहे हैं। सत्तापक्ष भी बदलाव की बयार महसूस कर रहा है। घोषी का उपचुनाव का नतीजा खुद ही संकेत दे देगा कि चुनावी ऊँट किस करवट बैठेगा। भारत जोड़ो यात्रा से राहुल गांधी का नया अवतार उभरा है जो सत्तापक्ष की नींदे हराम कर रहा है। वह सत्य और निर्भीकता के मार्ग पर खड़े हैं। एक मजबूत विकल्प के रूप में।

सवाल- कांग्रेस ने भी जातीय जनगणना की पक्षधरता दिखायी है। आपको लगता है कि भाजपा के हिंदुत्व कार्ड का जवाब हो सकता है?

जवाब- कांग्रेस हिंदू-मुस्लिम या जाति-धर्म की राजनीति नहीं करती। यूपीए सरकार ने 2011 में जातीय जनगणना करायी थी। वर्तमान सरकार इसे ही प्रकाशित कर दे। कांग्रेस जनहित की राजनीति करती है। सवाल है कि आप..जी हां मीडिया भी, बेरोजगारी, महंगाई, सीमा सुरक्षा देश की अर्थव्यवस्था जैसे मुद्दे क्यों नहीं उठाते? पार्टी ने सत्ता में रहने के दौरान इन मुद्दों को प्राथमिकता पर सदैव रखा है।

सवाल- भाजपा के खिलाफ लोकसभा चुनाव एक सीट-एक प्रत्याशी के फार्मूले पर ‘इंडिया’ (गठबंधन) लड़ पाएगा?

जवाब- पूरा प्रयास है। आपको हालिया हलचल से ऐसा लगता होगा। पर राजनीति में जो होता है वह दिखता नहीं है। यह गैर भाजपावाद का दौर है। समय आने दीजिए शरद पवार भी साथ दिखेंगे। मुझे तो लगता है कि बहिनजी (मायावती) गठबंधन के पक्ष में देर-सबेर आ जाएंगी। यूपी में भाजपा का 80 में से 80 का सपना पूरा नहीं होगा।

सवाल- क्या रायबरेली, अमेठी और वाराणसी से क्रमशः सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी चुनाव लड़ सकती हैं?

जवाब- हमारे नेता प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा है तो है। यह तो हमारे लिए फक्र की बात होगी जो तीनों नेता यूपी से ही लड़ें। कौन किस लोकसभा क्षेत्र से लड़ेगा यह तो संसदीय बोर्ड तय करेगा। ये ऐसे नेता हैं जिनकी देश भर में स्वीकार्यता है। चाहे जहां से लड़ेंगे। जीतेंगे।

सवाल- आपके कानपुर संसदीय क्षेत्र से लड़ने की खबरें छन-छनकर आ रही है। क्या सच्चाई है?

जवाब- मेरा राजनीतिक भविष्य हमारे नेता तय करेंगे। जहां तक कानपुर से लड़ने की बात है तो यह केंद्रीय नेतृत्व और संसदीय बोर्ड तय करेगा। मैं पार्टी का अदना सा सिपाही हूं। जो नेतृत्व का निर्देश होगा उसे सिर माथे पर लेकर पूरा करूंगा। मैं दोहरा रहा हूं कि आने वाला समय राहुल गांधी का है।

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