बरेली: फिर खाना खराब... अब दाल और मसालों पर महंगाई
बरेली, अमृत विचार। हालात बता रहे हैं कि महंगाई आसानी से पीछा छोड़ने वाली नहीं है। टमाटर और सब्जियों के दाम कुछ काबू में आए तो अब दालों और मसालों ने आम आदमी की परीक्षा लेनी शुरू कर दी है।अलग-अलग दालों के भाव एक महीने में ही 10 से 30 रुपये तक बढ़ गए हैं। मसालों में जीरा रुकने को तैयार नहीं है और 850 रुपये किलो के अपने सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया है। चीनी, आटा-बेसन भी महंगाई की दौड़ में पीछे रहने को तैयार नहीं है।
हल्दी, लौंग, छोटी इलायची जैसे मसालों के भी दाम आसमान छूने लगे हैं। दालों में सबसे ज्यादा उछाल अरहर की अलग-अलग वैरायटी की कीमतों में आया है जो 140 रुपये किलो के औसत भाव से बढ़कर 170 रुपये किलो पर बिक रही हैं। चना और मटर की दाल का रेट भी 10 रुपये बढ़ा है। इसी तरह उड़द और मूंग की दाल का भाव भी बढ़ा है। महंगाई रसोई में इस्तेमाल होने वाली दूसरी चीजों पर भी बढ़ रही है। चीनी का 50 किलो की बोरी के दाम 1940 से 2030 पर पहुंच गया है। आटा और मैदा पर भी दो से तीन रुपये बढ़े हैं।
साप्ताहिक मार, लाल मिर्च पर 80 और जीरे पर डेढ़ सौ रुपये बढ़े
हरी मिर्च के साथ साबुत लाल मिर्च के दाम भी बढ़ गए हैं। फुटकर बाजार में लाल मिर्च 250 रुपये से बढ़कर 330 रुपये पहुंच गई है। जीरे के दाम तो सात दिन बाद ही फिर बढ़ गए हैं। सात सौ रुपये किलो बिक रहा जीरा अब 850 रुपये पर पहुंच गया है।
कम में काम चलाने लगे हैं लोग
जून-जुलाई में बारिश अच्छी होने से दालों के दाम नहीं बढ़े थे। अगस्त में बारिश न होने से बाजार में आवक कम हुई है। इसलिए सितंबर की शुरूआत से ही दालों के दाम बढ़ गए हैं। सबसे ज्यादा अरहर के दाम बढ़े हैं। -भूपराम मौर्य, दुकानदार
एक महीने में ही मूंग, उड़द, अरहर, चना और मसूर की दाल महंगी हो गई है। आम लोगों में इस्तेमाल होने वाला रामभोग चावल भी महंगा हो गया है। महंगाई के कारण दुकान पर ग्राहकों ने खरीदारी कम कर दी है। -फैजी, दुकानदार
संभलने में नहीं आ रहा बजट
महंगाई से राहत नहीं मिल रही है। सब्जियों के दाम कुछ काबू में आए तो दालों की महंगाई हाल खराब करने लगी है। चीनी, बेसन और मसाले भी लगातार महंगे हो रहे हैं। सरकार को इस पर नियंत्रण करना चाहिए।- डॉली अग्रवाल, राजेंद्रनगर
पहले सब्जियों के भाव बढ़े थे, अब अरहर की दाल के साथ उड़द, मूंग, चने की दाल के दामों में बढ़ोतरी हो गई है। रसोई का बजट संभलने में नहीं आ रहा है। खाद्य पदार्थों के दामों पर नियंत्रण होना चाहिए। - रेखा अग्रवाल, सिविल लाइंस
एक महीने में कुछ इस तरह बाजार में आई तेजी
सामान- अगस्त माह- सितंबर माह
अरहर - 150 180
उड़द काली - 100 110
चना दाल - 70 85
मूंग छिलका - 100 110
मूंग धुली - 110 120
छोले - 165 180
मटर- 60 80
चीनी- 38 40
चावल(रामभोग)- 45 55
नोट- भाव प्रति किग्रा में स्थानीय मंडी से लिए गए हैं।
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