रबड़ फैक्ट्री: जमीन पर मालिकाना हक केस में नहीं आया फैसला, कर्मचारियों में असंतोष बढ़ा
बरेली, अमृत विचार। सिंथेटिक एंड केमिकल्स लिमिटेड (रबड़ फैक्ट्री) की जमीन पर मालिकाना हक के केस में उच्च न्यायालय मुम्बई से फैसला नहीं सुनाए जाने को लेकर फैक्ट्री कर्मचारियों में असंतोष बढ़ रहा है।
बुधवार को कर्मचारियों ने बैठक कर 23 साल पहले फैक्ट्री बंद होने के बाद से अब तक की स्थिति में खराब हुई आर्थिक स्थिति को बयां कर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चन्द्रचूड़ से उच्च न्यायालय मुम्बई से लंबित फैसला शीघ्र कराने की मांग की है। कर्मचारियों ने चीफ जस्टिस को हर कर्मचारी द्वारा अपनी पीड़ा बयां कर एक पत्र लिखने का निर्णय लिया।
फैक्ट्री परिसर में वीके सक्सेना के निवास पर हुई बैठक में एसएंडसी कर्मचारी यूनियन के महामंत्री अशोक कुमार मिश्रा ने कहा कि फैक्ट्री 15 जुलाई 1999 को सवेतन अवकाश पर कार्यरत हजारों कर्मचारियों के साथ मालिक ने विश्वासघात किया था। 23 सालों में 700 कर्मियों की समय से पहले मृत्यु हो गई। आर्थिक तंगी में दर्जनों लोग आत्महत्या कर मौत को गले लगा चुके हैं। यही नहीं, शेष बचे कर्मचारियों को न्याय से वंचित कर उनके जीवन के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। रायसेन चौबे, प्रकाश शर्मा, आरसी शर्मा, पीके रस्तोगी, पीसी राणा, शाहिद आदि कर्मचारी मौजूद रहे।
दो माह से लटका है अहम फैसला
रबड़ फैक्ट्री जमीन पर मालिकाना हक के केस में उच्च न्यायालय मुम्बई में पूंजीपति अलकेमिस्ट रि-कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड और राज्य सरकार के बीच जुलाई में आखिरी बहस पूरी हो चुकी है। दोनों पक्षों की ओर से लिखित कागजात भी जमा किए जा चुके हैं। उच्च न्यायालय को इस केस में फैसला सुनाना है, लेकिन दो माह से फैसला सुनाए जाने का मामला लटका हुआ है।
ऑफिशियल लिक्विडेटर भुगतान के लिए पूरा डाटा उच्च न्यायालय में दे चुका है
कारपोरेट कार्य मंत्रालय के ऑफिशियल लिक्विडेटर (आधिकारिक परिसमापक) रबड़ फैक्ट्री के 1432 कर्मचारियों के डाटा को कई माह पहले ही सही मान लिया था। ऑफिशियल लिक्विडेटर भुगतान कराने के लिए रिपोर्ट उच्च न्यायालय मुंबई में भी जमा कर चुका है। इसके साथ डिप्टी ऑफिशियल लिक्विडेटर के कर्मचारियों से फैक्ट्री बंद होने के बाद से कहीं दूसरी जगह नौकरी नहीं करने के बाबत शपथ पत्र मांगने पर भी कर्मचारियों के विवरण को उपलब्ध करा दिया है।
ये भी पढे़ं- बरेली: जिले में फसलों के उत्पादन का ऑनलाइन सर्वे पूरा, शासन को भेजी रिपोर्ट
