
Amrit Vichar Investigation: शारदा नगर में टूटी सड़कें और नलों से गंदा पानी, जगह-जगह लगे गंदगी के ढेर, मोहल्लेवासी परेशान
कानपुर के शारदा नगर में टूटी सड़कें और नलों के गंदे पानी से लोग परेशान।
कानपुर के शारदा नगर में टूटी सड़कें और नलों के गंदे पानी से लोग परेशान है। इसके साथ ही इलाके में जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे है।
कानपुर, अमृत विचार। वॉर्ड 52 शारदा नगर की गिनती एक दशक पहले तक पॉश इलाके में होती थी, लेकिन वर्तमान में टूटी सड़कों के साथ जगह-जगह जमा कूड़े के ढेर और आवारा मवेशियों की धमाचौकड़ी के बीच किसी गंदी बस्ती जैसा नजर आता है। इलाके में जलापूर्ति व्यवस्था ध्वस्त है, तो नाले और नालियां सैकड़ों परिवारों के लिए परेशानी का सबब हैं।
शारदा नगर में वर्षों से लोगों के घरों में दूषित और बदबूदार पानी पहुंच रहा है। अधिकतर लोगों ने बताया कि नलों में पानी आता है लेकिन किसी काम का नहीं है। इसका कारण पाइप लाइन में नाली का पानी मिल जाना है।
प्रदूषित जलापूर्ति के चलते हर समय पानी की किल्लत बनी रहती है। लोग एक अर्से से पुरानी पाइप लाइनें बदले जाने की मांग कर रहे हैं लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। इस कारण बड़ी संख्या में लोग पीने का पानी खरीद कर पीने को मजबूर हैं।
इलाके में आधी से ज्यादा सड़कें टूटी पड़ी हैं। आलम यह है कि पास में दौड़ रही मेट्रो स्मार्ट सिटी का अहसास कराती है, तो टूटी सड़कें मुंह चिढ़ाती हैं। गीतानगर के अंदर से गुरूदेव चौराहा जाने वाली सड़क पर हर कदम में गड्डे हैं।
हर दिन इस सड़क से सैकड़ों वाहन और लोग निकलते हैं। कई बड़े स्कूल भी इसी मार्ग पर स्थित हैं। लोगों के मुताबिक लगभग हर रोज दो-चार लोग यहां की टूटी सड़क पर गिरते हैं। बावजूद इसके सड़कों का निर्माण कार्य नहीं किया जा रहा है।
वॉर्ड में हर कहीं सड़क किनारे कूड़े के डंप लगे दिख जाएंगे। सबसे खराब हालत नौ नंबर रेलवे क्रासिंग से शारदा नगर मार्ग पर है। यहां सड़क किनारे खुले में कूड़ा घर बना दिया गया है। जहां पर हर समय कूड़े का डंप लगा रहता है।
इससे आसपास रहने वाले लोग परेशान रहते हैं। कूड़े की बदबू उनके घरों तक पहुंचती है। लोगों का कहना है कि सड़ांध के कारण घरों के दरवाजे और खिड़कियां तक नहीं खोल पाते हैं। इसके साथ ही कूड़ा घर के आसपास धमाचौकड़ी मचाने वाले छुट्टा जानवर राहगीरों को दौड़ाते रहते हैं।
हैंडपंप वर्षों से खराब पड़े दूर से भरकर लाते पानी
वॉर्ड के लोगों ने बताया कि यहां हैंडपंप की कोई सुविधा नही है। इसके चलते जिनके घरों में बोरिंग है उनसे मांगकर या फिर पानी खरीदकर काम चलाना पड़ता है। जहां कहीं हैंडपंप लगे भी हैं तो वर्षों से खराब पड़े हैं। इनको ठीक कराने के लिए कोई कवायद नहीं हो रही है। यहां तक कि कच्ची बस्ती में सार्वजनिक टंकी भी नहीं लगाई गई है। इसके चलते कच्ची बस्ती के लोगों को पानी करीब आधा किलोमीटर दूर से भरकर लाना पड़ता है। लोगों ने हैंडपंप और टंकी रखवाने की मांग की है।
नाले के किनारे नारकीय हालात में सैकड़ों परिवार
शारदा नगर में हनुमान मंदिर के पास और फार्रचून अस्पताल के पास सैकड़ों परिवार मूलभूत सुविधाओं के अभाव में जीवन जी रहे हैं। यहां के लोगों का कहना है कि कई बार पार्षद और जिम्मेदार अधिकारियों से गुहार लगाई जा चुकी है, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। हर बार झूठे वादे कर लौटा दिया जाता है। यहां फार्रचून अस्पताल के आसपास रहने वालों ने बताया कि नाला सबसे बड़ी मुसीबत है। जरा सी वर्षा में पूरा मोहल्ला तालाब बन जाता है। नाले का पानी इस कदर ओवरफ्लो होता है कि लोगों के घरों में भर जाता है। बारिश के अलावा भी इस नाले का पानी सड़क पर बहता रहता है। क्षेत्र में सभी नालियां टूटी और जर्जर पड़ी हुई हैं।
इनमें महीनों तक कोई सफाई करने नहीं आता है। नाले का दूषित पानी घरों में भरने के साथ कीड़े मकोड़े भी आ जाते हैं। नाले के कारण यहां के सैकड़ों परिवार नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि पार्षद चुनाव के समय बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं, लेकिन जीतने के बाद कोई समस्या के समाधान का प्रयास नहीं करता है। यही वजह है कि वर्षों बीत जाने के बाद भी समस्या से जूझना पड़ रहा है।
बोले मोहल्ले वाले :
पीने के पानी की कोई सुविधा नहीं है। दशकों से पुरानी पाइप लाइन के जरिए ही गंदा पानी घरों में पहुंचता है।- घनश्याम सिंह
नालियां टूटी हैं, जिनसे गंदा पानी हमेशा ही बाहर बहता रहता है। गंदगी भी फैली है। इसका समाधान होना चाहिए।- कमला देवी
कच्ची बस्ती में पानी की टंकी तक आज तक नहीं रखी गई है। पीने वाले पानी की हर समय दिक्कत रहती है।- सुशीला
पीने का पानी घर से आधा किलोमीटर दूर भरने जाना पड़ता है। बड़ी परेशानी है। कभी कभी पूरा दिन पानी नहीं मिलता है।- रीना कुमारी
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