यूपी में फार्मासिस्टों के तीन हजार से अधिक पद खाली, डेढ़ लाख से अधिक पंजीकृत युवा देख रहे रोजगार की राह
लखनऊ, अमृत विचार। उत्तर प्रदेश के अलग- अलग विभागों में फार्मासिस्टों के 3 हजार से अधिक पद खाली पड़े हैं। एक-एक फार्मासिस्ट पर दो अस्पतालों की जिम्मेदारी है। कुछ जगहों पर 14 फार्मासिस्ट मिलकर 100 लोगों का काम कर रहे हैं। यह हाल तब हैं जब प्रदेश में एलोपैथी, होम्योपैथी और आयुर्वेद विधा के डेढ़ लाख से अधिक पंजीकृत फार्मासिस्ट रोजगार की राह देख रहें हैं। यह जानकारी उत्तर प्रदेश फार्मासिस्ट फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील यादव ने दी है। उन्होंने कहा कि यदि इन खाली पदों पर ही भर्तियां हो जायें तो मरीजों को काफी हद तक राहत मिल जाये।
दरअसल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई विभागों में चयनियत अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र बांटे हैं। साथ ही योगी सरकार की यह भी मंशा है कि शहरी क्षेत्र से लेकर ग्रामीण क्षेत्र तक लोगों को गुणवत्ता पूर्ण इलाज मुहैया कराया जाये। इसको देखते हुये फार्मासिस्ट फेडरेशन ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि जिन विभागों में परीक्षा हो चुकी है। उन विभागों में चयनियत अभ्यर्थियों को नियुक्त पत्र पदान किया जाये। साथ ही जिन विभागों में पद खाली पड़ें है। वहां पर भी नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जाये। जिससे पंजीकृत फार्मासिस्टों को रोजगार मिल सके। साथ ही खाली पड़े पदों पर नियुक्तियां हो सके। इससे मरीजों को भी फायदा होगा। उन्होंने बताया कि होम्योपैथ में 450 फार्मासिस्टों के खाली पदों को लेकर नियुक्ति निकली थी। परीक्षा हुई करीब 418 लोगों का परिणाम आया, लेकिन नियुक्ति नहीं हो पाई। इसी तरह एसजीपीजीआई में तीन साल पहले रिक्तियां निकाली गईं थी। वहा पर भी प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकी। इसी तरह समाज कल्याण विभाग के आवासीय विद्यालायों में 100 पद खाली पड़े हैं। वहीं स्वास्थ्य विभाग में 600 के करीब फार्मासिस्टों के पद खाली हैं।
विभाग फार्मासिस्ट के खाली पद
समाज कल्याण - 100 पद
स्वास्थ्य विभाग - 600 पद
कारागार विभाग - 50 पद
होम्योपैथ - 450 पद
आयुर्वेद - 700 पद
वेटनरी - 1200
पंजीकृत फार्मासिस्ट
एलोपैथ - 1.50 लाख
आयुर्वेद - 3 हजार
होम्योपैथ - 3 हजार से अधिक
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