मुरादाबाद : अगले साल से दोगुनी क्षमता से संचालित होंगे पुलिस प्रशिक्षण केंद्र

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Published By Bhawna
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 जिले के प्रशिक्षण संस्थानों की बढ़ाई जा रही क्षमता, आसान होगा प्रशिक्षुओं का रहन-सहन 

मुरादाबाद, अमृत विचार। पुलिस प्रशिक्षण केंद्रों पर प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षित करने में आने वाली बाधाएं अब जल्द ही दूर होने वाली हैं। वर्ष 2024 से जिले के पुलिस प्रशिक्षण केंद्र दोगुनी क्षमता से संचालित होंगे। इसके लिए सरकार ने बजट भी जारी कर दिया है। इन दिनों संस्थानों में संसाधन सृजन का काम तेजी से चल रहा है।
जवानों का प्रशिक्षण समय से पूरा होगा तो रिक्त पदों पर भर्तियां भी जल्द सृजित होंगी। युवाओं को भी नौकरी के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। इसके लिए पुलिस प्रशिक्षण केंद्रों की क्षमता को दोगुना किया जा रहा है। प्रशिक्षण केंद्रों में तेज गति से काम भी शुरू हो गया है। प्रशिक्षण केंद्रों पर जगह का अभाव समाप्त होने पर भर्तियों में बाधा नहीं रहेगी।

रिक्त पदों पर भर्तियां होंगी। पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय के प्रधानाचार्य/अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) अमित चंद्रा बताते हैं कि सभी प्रशिक्षण संस्थानों की क्षमता को दोगुना किया जा रहा है। यह कार्य अगले साल तक पूरा भी हो जाएगा। अभी संस्थान में क्षमता के अभाव में चरण वार कई बैच में प्रशिक्षण देना पड़ रहा है। वर्तमान में केवल 23 कक्षाएं हैं। इनमें क्षमता से अधिक कुल 1142 प्रशिक्षु जवान प्रशिक्षण ले रहे हैं। जबकि पीटीसी की क्षमता 850 प्रशिक्षुओं की है। उन्होंने बताया कि नव निर्माण के तहत प्रधानाचार्य कक्ष पीटीसी परिसर में दूसरे स्थान पर शिफ्ट किया जाना है। वर्तमान प्रधानाचार्य कक्ष और उसके सामने की बाउंड्री को तोड़ा जाना है और यहां सब प्रशिक्षुओं के लिए कक्षाओं का निर्माण किया जा रहा है।

क्षमता से अधिक प्रशिक्षु, व्यवस्था जुटाने में छूट रहा पसीने 
 वर्तमान में पुलिस प्रशिक्षण केंद्र क्षमता से अधिक प्रशिक्षु होने और उसमें अतिरिक्त व्यवस्था जुटाने के लिए प्रधानाचार्य मानसिक दबाव में हैं। डॉ. भीमराव आंबेडकर यूपी पुलिस अकादमी  में 739 प्रशिक्षु प्रशिक्षण ले रहे हैं। अकादमी में पहले से ही दो बैच डिप्टी एसपी और होमगार्ड एवं अतिरिक्त रेडियो अधिकारियों का एक-एक बैच चल रहा है। नवंबर में 70 आर्म्स पुलिस (एपी) के जवान अकादमी में प्रशिक्षण लेने को आने वाले हैं। जबकि, अकादमी में सीओ एवं इससे ऊपर की रैंक के 170 अधिकारियों और दरोगा व इससे नीचे स्तर की रैंक वाले 500 प्रशिक्षु जवानों के प्रशिक्षण की क्षमता है। हालांकि, अकादमी की भी क्षमता को दोगुना करने पर काम शुरू हो गया है।


पुलिस प्रशिक्षण संस्थानों की क्षमता को दोगुना किया जा रहा है। इसके लिए बजट भी आ गया है। वैसे ये सही कि क्षमता कम होने और प्रशिक्षुओं की संख्या अधिक होने से व्यवस्था बनाए रखने के लिए मानसिक रूप से अतिरिक्त दबाव रहता है। लेकिन, फिर भी उपलब्ध संसाधनों में प्रशिक्षुओं को बेहतर व्यवस्था दी जा रही है। प्रशिक्षण संस्थानों की क्षमता विस्तार होने के बाद काम में और अधिक आसानी हो जाएगी। क्षमता विस्तार का काम अगले साल तक पूरा हो जाएगा। -अमित चंद्रा, प्रधानाचार्य, पुलिस प्रशिक्षण केंद्र

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