बरेली: सीएम के वर्चुअल संवाद की तैयारी में व्यस्त रहे अधिकारी, भटकते रहे फरियादी
सदर तहसील में संपूर्ण समाधान दिवस में 11.45 बजे तक सिर्फ सीओ ही सुनते रहे अकेले शिकायतें
बरेली, अमृत विचार। मुख्यमंत्री के वर्चुअल संवाद की तैयारी में शनिवार सुबह प्रशासनिक अधिकारी इतने व्यस्त हो गए कि तहसील सदर के सभागार में संपूर्ण समाधान दिवस में बैठने का उन्हें समय कम मिला। इस वजह से दूरदराज से तहसील पहुंचे फरियादियों को परेशान होना पड़ा।
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समाधान दिवस में करीब 11.45 बजे तक सिर्फ सीओ ट्रैफिक अजय गौतम ही बैठकर सुनवाई कर रहे थे, जबकि अन्य प्रशासनिक अधिकारियों की कुर्सियां खाली पड़ी रहीं। दोपहर बाद तहसीलदार और नायब तहसीलदार पहुंचे और फिर एक बजे के बाद एडीएम सिटी पहुंचे। इसके बाद एसडीएम ने एक बजे माइक से बुलाकर अधिकारियों की हाजिरी लगवाई गई।
अधिकारियों के समय से न बैठने से कब्जा, सड़क समेत अन्य मामलों की शिकायतें लेकर पहुंचे फरियादियों को मायूस होना पड़ा। एडीएम सिटी, एसडीएम सदर समेत अन्य अधिकारियों के इंतजार में फरियादी तहसील परिसर में काफी देर तक भटकते रहे।
दोपहर 12 बजे के करीब तहसीलदार सदर राम नयन सिंह, नायब तहसीलदार अनुजा आत्रेय पहुंची तब फरियादियों ने सभागार की ओर रुख किया। इसके बाद दोपहर करीब 1 बजे एडीएम सिटी सौरभ दुबे और एसडीएम सदर रत्निका श्रीवास्तव समाधान दिवस में फरियादियों की शिकायतें सुनने पहुंचे।
इसके बाद एसडीएम ने माइक से बुलवाकर विभागों के अधिकारियों की हाजिरी लगवाई। सुबह से दोपहर तक प्रशासनिक अधिकारी वीडियो कान्फ्रेंसिंग में व्यस्त थे। मुख्यमंत्री के वर्चुअल संवाद में शामिल होने के लिए अधिकारी पहले तैयारियां करते रहे। वीडियो कांफ्रेंसिंग समाप्त होने के बाद ही समाधान दिवस में पहुंचे थे। सुबह 10 बजे से तहसील दिवस में दोपहर 2 बजे तक 27 शिकायतें पहुंची थीं।
एसडीएम वीसी में थी तभी उनके कार्यालय में नशे में घुस गया युवक
एसडीएम सदर समाधान दिवस के समय में वीडियो कांफ्रेंसिंग में बैठी थीं, तभी एक युवक नशे में धुत होकर पहुंचा और सीधे एसडीएम के कमरे में जाकर हंगामा करने लगा। इससे सुरक्षा कर्मियों के होश उड़ गए। उन्होंने किसी तरह उसे पकड़ा और कमरे से बाहर निकाला।
करगैना के इंद्रप्रस्थ कॉलोनी की जर्जर सड़क में दो से ढाई फिट गहरे गड्ढे
करगैना के इंद्रापुरम काॅलोनी के कई लोग तहसील पहुंचे और कई पेज की फरियाद देते हुए कहा कि काॅलोनी में करीब 83 मीटर सड़क का टुकड़ा ग्राम पंचायत करगैना में आता है और यह नगर निगम की सीमा क्षेत्र सुभाषनगर से सटा हुआ है। सड़क जर्जर हाल में है।
इसे बनवाने के लिए प्रधान, विधायक, क्यारा ब्लॉक के बीडीओ समेत अन्य के समक्ष फरियाद कर चुके हैं लेकिन सड़क नहीं बनीं। जर्जर सड़क में दो से ढाई फिट गहरे गड्ढे हैं। बारिश में जलभराव में निकलना मुश्किल है। आए दिन वरिष्ठ नागरिक गिरकर घायल हो जाते हैं।
उस सड़क के खंभों पर लाइटें तक नहीं लगी हैं। यह सड़क विधायक डाॅ. राघवेंद्र शर्मा के आवास से महज 500 मीटर दूर, सांसद धर्मेंद्र कश्यप के आवास से महज 2.5 किलोमीटर दूर और प्रधान के निवास से महज एक किलोमीटर दूर है।
जर्जर मकान में बच्चों के साथ रहने को मजबूर बुजुर्ग नवी शेर खां
ग्राम लखौरा ब्लॉक क्यारा के नवी शेर खां ने शिकायत की है कि वह बुजुर्ग के साथ कमजोर हैं। वह छोटे बच्चों के साथ रहते हैं। आंखें कमजोर हैं इसलिए कम दिखता है। घर बेहद पुराना होने के कारण खंडहर जैसा हो गया है।
बारिश के दौरान कई जगह से पानी टपकता है, जिस कारण मकान क्षतिग्रस्त हो गया है। गरीब होने की वजह से मकान सही नहीं करा पाए। बारिश में आए दिन छत के गिरने व हादसा होने का डर बना रहता है। उन्होंने सरकारी योजना से आवास दिलाने की मांग उठाई है।
बिजली के खुले तारों में स्पार्किंग, हादसा होने का सता रहा डर
नवीनगर ग्राम के सत्यपाल शर्मा ने शिकायत की है कि उनके गांव में होली चौराहे से सुरेश के मकान तक बिजली तार खुले हुए हैं। तार लटक भी रहे हैं।
आए-दिन स्पार्किंग होती रहती है। तारों के टूटकर गिरने से जानमाल के नुकसान की आशंका बनी रहती है। यह 1988 में लाइन खींची गई थी। उसके बाद से बिजली विभाग ने कोई सुधार नहीं किया है। वहां पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर महिलाएं पूजा भी करती हैं। उन्हाेंने लटकते तारों को ठीक कराने की मांग की है।
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