बरेली की बेटी ऐश्वर्या संभाल रहीं हैं यूट्यूब में बड़ी जिम्मेदारी, युवाओं के लिए प्रेरणा है इनकी हर बात

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Mishra
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लखनऊ, अमृत विचार। बरेली के युवा शिक्षा, चिकित्सा, साहित्य, फिल्म समेत अनके क्षेत्रों में देश दुनिया के अन्दर नाम कमा रहे हैं। इस शहर ने कई सॉफ्टवेयर इंजीनियर दिये हैं। जो देश के साथ विदेशों में भी अपनी काबिलियत का लोहा मनवा चुके हैं। उन्हीं में से एक बरेली जिले के रामपुर गार्डेन की रहने वाली ऐश्वर्या अग्रवाल ने अपने हुनर से शहर का नाम सात समंदर पार जाकर अमेरिका में रोशन किया है। मौजूदा समय में ऐश्वर्या अग्रवाल करोड़ों रूपये के पैकेज पर यूट्यूब के लिए कार्य कर रहीं हैं। कैलिफोर्निया के सैन ब्रूनों में वह यूट्यूब की सीनियर प्रोडक्ट मैनेजर हैं।

डॉ. अतुल अग्रवाल और डॉ. लतिका अग्रवाल की बेटी ऐश्वर्या ने शुरुआती शिक्षा बरेली में ही ग्रहण की। उसके बाद साल 2013 में उन्होंने कर्नाटक स्थित मणिपाल यूनिवर्सिटी से कम्प्यूटर साइंस में बीटेक किया। साल 2014 में ही ऐश्वर्या का गूगल में चयन हो गया है। उन्हें गूगल में लार्ज कस्टमर सेल्स टीम में अकाउंट मैनेजर के तौर पर काम करने का मौका मिला।

 

ऐश्वर्या ने अपने काम की शुरूआत हैदराबाद में की बाद में वह आयरलैंड चली गई और वहीं से साल 2017 में उन्होंने अमेरिका का रुख किया। साल 2018 में ऐश्वर्या ने यूट्यूब में ही यूट्यूब मार्केटिंग के पद पर काम शुरू किया। जहां पर मौजूदा समय में वह बतौर सीनियर प्रोडक्ट मैनेजर की जिम्मेदारी संभाल रही हैं। अमेरिका में नेशनल फुटबाल लीग को लेकर यूट्यूब ने एक फीचर लॉच किया। जिसको अमेरिका के लोगों ने काफी सराहा। इस फीचर को लांच करने में ऐश्वर्या अग्रवाल ने अहम भूमिका निभाई है। जिसको लेकर उनकी खूब सराहना भी हुई है।

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ऐश्वर्या अग्रवाल ने यूपी के बरेली जिले से निकल कर अमेरिका तक के सफर को लेकर कई दिलचस्प बातें अमृत विचार की लखनऊ डिजिटल हेड अवंतिका गिरि से साझा की। जो युवाओं लिए प्रेरणादायक साबित हो सकती हैं।

अपनी स्किल और पसंद को तरजीह दें

ऐश्वर्या अग्रवाल ने बताया कि मणिपाल यूनिवर्सिटी से कम्प्यूटर साइंस में बीटेक करने के बाद कुछ समय तक सिसको कंपनी में बतौर इंजीनियर काम किया, लेकिन खुशी नहीं मिल रही थी। यह बात साल 2013 की है। फिर एक मित्र की सलाह पर गूगल ज्वाइन किया और इस यात्रा की शुरूआत हैदराबाद से हुई। उन्होंने बताया कि उन्हें उस समय भी पता नहीं था कि आगे क्या करना है। उन्होंने बताया कि उन्हें गूगल की सेल्स टीम में जगह मिली थी,  लेकिन सेल्स का काम करने के बारे में कभी सोंचा नहीं था।

ऐश्वर्या के मुताबिक सेल्स और उनकी जो स्किल थी, उसमें कोई समानता नहीं थी। यही वजह थी कि गूगल में काम करते- करते करीब 8 बार अपनी भूमिका में बदलावा किया, लेकिन इस दौरान काफी कुछ सीखने का मौका मिला। वहीं से यूट्यूब मे आने का मौका मिला। यह काम मेरी स्किल और पसंद के साथ मेल खा रहा है। इसी वजह से इस क्षेत्र में अच्छा कार्य कर रही हूं। ऐश्वर्या अग्रवाल ने बताया कि इसबीच उन्होंने एक स्टार्टप के लिए भी काम किया। ऐश्वर्या ने बताया कि अपनी स्किल और पसंद को तरजीह देने पर उस मुकाम तक पहुंचा जा सकता है। जिससे स्वयं को खुशी मिलती हो।

कड़ी मेहनत से ही मिलती है सफलता

ऐश्वर्या अग्रवाल की मानें तो आज जिस जगह पर वो हैं, वहां तक कड़ी मेहनत के बल ही पहुंचा जा सकता है। उन्होंने बताया कि कभी भी मौके का इंतजार नहीं करना चाहिए। बल्कि जो क्षेत्र पसंद हो उसमें कड़ी मेहनत करनी चाहिए। जिससे मौका मिलने पर आप खुद को साबित कर सकें। उन्होंने बताया कि वह अपनी स्किल पर लगातार काम कर रहीं थी और जैसे ही मौका मिला उन्होंने अपने आपको साबित करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी।

युवाओं से संबंधों को संभालने की कही बात 

ऐश्वर्या ने युवाओं को सलाह दी है कि प्रोफेशनल क्षेत्र में रिलेशनशिप बनाकर रखनी चाहिए। क्योंकि लोग ही हैं जो आपको आगे बढ़ने में मदद करते हैं। कड़ी मेहनत तो आपको सफलता दिलाती है, लेकिन उसमें लोगों की अहम भूमिका होती है। उन्होंने उदाहरण देते हुये बताया कि गूगल में आने के लिए उनके फ्रेंड ने ही रिकमेंड किया था। उन्होंने बताया कि यदि आप अच्छा काम करते हैं और आपकी रिलेशनशिप अच्छी है तो जैसे ही कोई भूमिका होगी, लोग आपको याद करेंगे।

माता-पिता और शिक्षकों ने किया सपोर्ट

ऐश्वर्या अग्रवाल ने अपने सफर को याद करते हुये कहा कि पढ़ाई के दौरान उन्हें मैथ्स से खासा लगाव था। जिसकी वजह से उनका तकनीकी क्षेत्र में जाने का शुरू से ही मन था। इसमें उनके माता-पिता और शिक्षकों ने बहुत सपोर्ट किया। उन्हें पढ़ने के लिए बाहर भेजा और हमेशा हौसला बढ़ाते रहे।

भारतीय खाना है पसंद

ऐश्वर्या अग्रवाल भले अमेरिका में हो, लेकिन आज भी भारत के भोजन विशेषकर घर के दाल-रोटी की याद आती है। बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि भारतीय भोजन बनाना मैंने सीख लिया है, लेकिन फिर भी उसमें भारतीय स्वाद यहां नहीं मिल पा रहा है।

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