
बरेली: कुतुबखाना पुल : अब और बुरे दिन... कार्यदायी संस्था ने दी प्रोजेक्ट छोड़ने की धमकी
बरेल, अमृत विचार। कोतवाली से कोहाड़ापीर तक व्यापारियों और आम लोगों के साथ अफसरों और जनप्रतिनिधियों के लिए भी आने वाला समय और कठिन हो सकता है। कुतुबखाना फ्लाईओवर बना रही कंपनी मंटेना इन्फ्रासोल ने लगातार बढ़ते दबाव से परेशान होकर सेतु निगम को प्रोजेक्ट छोड़ देने की चेतावनी दी है।
इसके बाद सेतु निगम के डीपीएम ने भी अपने निदेशक को इस बारे में पत्र लिख दिया है। मंटेना के प्रोजेक्ट छोड़ने की स्थिति में लोकसभा चुनाव तक पुल बनना नामुमकिन हो ही जाएगा, दूसरे इस इलाके में लोगों की दिक्कतें भी और लंबे समय के लिए बढ़ना तय माना जा रहा है।
व्यापारियों के भारी विरोध के बावजूद तंग रास्ते पर फ्लाईओवर बनाने का निर्णय अब जनप्रतिनिधियों पर ही भारी पड़ता दिखने लगा है। लोकसभा चुनाव से पहले पुल तैयार करने के दबाव में अंधाधुंध रफ्तार से निर्माण की रफ्तार बढ़ाने की कोशिश दो लोगों की जिंदगी ले चुकी है।
इसके बाद प्रशासन, नगर निगम, सेतु निगम के अधिकारी, व्यापारी और कार्यदायी संस्था के इंजीनियर आपस में बुरी तरह उलझ गए हैं। सबसे बड़ी समस्या कोहाड़ापीर की ओर बेहद संकरी जगह में पुल का निर्माण करने में आ रही है।
हाल ही में पुल से गिरी शटरिंग की भारीभरकम प्लेट की चोट से ठेकेदार सुधीर की मौत के बाद कार्यदायी संस्था ने यहां पूरी तरह आवाजाही बंद किए बगैर काम करने से साफ इन्कार कर दिया है। दूसरी ओर, साल भर से दुश्वारियों का सामना कर रहे व्यापारी भी प्रशासन के प्रस्ताव पर महीने भर के लिए यहां अपनी दुकानें बंद करने के लिए तैयार नहीं हैं।
कार्यदायी संस्था के इंजीनियरों का कहना है कि पिछले साल सितंबर में काम करते वक्त छह महीने में पुल का निर्माण पूरा करने का वादा इस शर्त पर किया गया था कि कोतवाली से कोहाड़ापीर तक जिस जगह निर्माण होगा, उसके आसपास पूरी तरह आवाजाही बंद रखी जाएगी, लेकिन निर्माण कार्य शुरू होने के बाद पुलिस और प्रशासन के अफसर अपने इस वादे से पीछे हट गए। इसी कारण उनकी दिक्कतें बढ़ गईं।
ऊपर से अब तेजी से काम करने का दबाव डाला जा रहा है जो इन हालात में सुरक्षित ढंग से करना संभव ही नहीं है। इसी वजह से हुए हादसों में पहले मजदूर धनंजय और फिर ठेकेदार सुधीर की मौत हो गई।
इंजीनियरों ने खड़े किए हाथ तो कंपनी ने सेतु निगम को लिखा चेतावनी भरा पत्र
हाल ही में पुल से गिरी शटरिंग की प्लेट के नीचे दबकर सुधीर की मौत के बाद मंटेना इन्फ्रासोल के एमडी और प्रोजेक्ट मैनेजर के खिलाफ थाना प्रेमनगर में रिपोर्ट दर्ज कराई जा चुकी है। इसके बाद यहां पुल का निर्माण करा रहे प्रोजेक्ट मैनेजर समेत कई इंजीनियरों और कर्मचारियों ने इस प्रोजेक्ट से काम करने से इन्कार कर दिया है।
इसी के बाद कंपनी की ओर से सेतु निगम को चिट्ठी लिखकर निर्माण स्थल के आसपास आवाजाही पूरी तरह बंद किए बगैर आगे काम करने में असमर्थता जताई है। अब तक इस समस्या का कोई हल निकलता नहीं दिख रहा है।
जनप्रतिनिधियों की ओर से भी अब चुप्पी साध ली गई है। प्रशासन के अफसर अगर कोई समाधान न ढूंढ पाए तो कुतुबखाना पुल का भविष्य अनिश्चित हो सकता है। पुल का निर्माण जारी रखने के लिए एक ही रास्ता है कि व्यापारियों को मनाया जाए लेकिन यह भी काफी मुश्किल माना जा रहा है।
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तमाम कोशिश के बाद भी नहीं रुकी आवाजाही
सेतु निगम के डीपीएम अरुण कुमार का कहना है कि अब तक हुए हादसों के मद्देनजर उनके स्तर से कुतुबखाना पुल के निर्माण में सुरक्षा मानकों के लिए कार्यदायी संस्था के प्रोजेक्ट मैनेजर और ठेकेदार को सख्त निर्देश दिए गए थे। इसके बाद कार्यदायी संस्था ने कोहाड़ापीर रोड पर निर्माण स्थल के आसपास बैरिकेडिंग कराने के साथ गर्डर से रास्तों को पूरी तरह से बंद कर दिया है लेकिन इसके बावजूद लोगों की आवाजाही नहीं रुक रही है। हादसों के बावजूद लोग शॉर्टकट के लिए खतरा उठाकर इधर से गुजर रहे हैं।
व्यापारियों ने कहा- जनप्रतिनिधियों और अफसरों की साजिश ने बर्बाद कर दिया
कोहाड़ापीर और कुतुबखाना रोड के दुकानदार राजेंद्र, अशोक, सुनील, ज्ञानेंद्र, रफीक का कहना है कि कुतुबखाना पुल का निर्माण शुरू होने से पहले ही व्यापारी समुदाय ने उसका भरसक विरोध किया था।
यहां पर समस्या सिर्फ जाम की थी, अगर पुलिस-प्रशासन चाहता तो चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस, होमगार्ड और पीआरडी जवानों को तैनात कर उससे निजात दिलाई जा सकती थी लेकिन जनप्रतिनिधियों के साथ कुछ अफसरों ने एक साजिश के तहत झूठे वादे कर पुल का निर्माण शुरू कराकर तमाम व्यापारियों को बर्बाद कर दिया।
गली में बैरियर लगाया तो भड़क गए व्यापारी
कोहाड़ापीर रोड पर जवाहर होटल वाली गली में मंगलवार को कुतुबखाना पुल के निर्माण के लिए बैरियर लगाने पर व्यापारी भड़क गए। व्यापारी नेता नदीम शम्सी ने अधिकारियों से बात कर बैरियर हटवाया। नदीम शम्सी ने कहा कि व्यापारियों का जानबूझकर उत्पीड़न किया जा रहा है।
सरिया, गर्डर अगर रोड के बीच में रखे जाएं तो व्यापारियों काे नुकसान कम होगा। पुल के निर्माण के लिए 24 घंटे तेजी से काम होना चाहिए। रात में ज्यादा लाइटें लगाने के साथ कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई जाए।
उन्होंने कहा कि नगर आयुक्त और सेतु निगम लगातार व्यापारियों को बर्बाद करने में लगे हैं। जनप्रतिनिधि व्यापारियों का साथ दें और बाजार में आएं। इस दौरान जावेद सिद्दीकी, राहुल, सोनू सिंह, नीरज चंद्रा, रजत, मोनू भी मौजूद रहे।
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