बरेली: शराफत मियां के कुल में उमड़ा अकीदतमंदों का सैलाब

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Published By Moazzam Beg
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बरेली, अमृत विचार। बुधवार को उर्स-ए-शाह शराफत मियां के मौके पर अकीदतमंदों का सैलाब उमड़ पड़ा। शाहाबाद मोहल्ले की गलियां अकीदतमंदों से आबाद हो गईं। कुल की रस्म के दौरान दुआ के लिए लोगों के हाथ उठे। पूर्वाह्न 11 बजे सज्जादानशीन सकलैन मियां ने कुल की रस्म अदा कराई। इसके साथ चार दिवसीय उर्स का समापन हो गया। इससे पहले तकरीरी कार्यक्रम का आयोजन हुआ।

दरगाह शराफत मियां के मीडिया प्रभारी हमजा सकलैनी ने बताया कि सुबह फज्र की नमाज के बाद कुराख्वानी हुई। 8 बजे खानकाह के मेहमान खाने में तकरीरी कार्यक्रम का हाफिज आमिल ने कुरान की तिलावत से आगाज किया। मुंबई से आए आलिम मौलाना आबिद सकलैनी ने खुसूसी बयान में शराफत मियां की करामात बयां की। अल्लामा शाहिद शेख सकलैनी ने कहा कि हम खुशनसीब हैं कि हम सिलसिला ए कादिरिया शराफतिया के बुजुर्गों से जुड़े हैं। 

सज्जादानशीन शाह मुहम्मद सकलैन मियां ने कहा कि हम तमाम अहले सुन्नत वल जमाअत के उलमा का अदब व एहतराम करते हैं। बोले- जिसके अंदर अल्लाह का खौफ नहीं वो आलिम नहीं हो सकता। उन्होंने जुलूस-ए-मोहम्मदी उछल कूद और शोर शराबा नहीं करने की अपील लोगों से की। 11 बजे कुल हुआ और फिर अमन चैन और भाईचारे की दुआ की गई। हजारों की तादाद में लोग सकलैन मियां से मुरीद हुए। गुरुवार को सज्जादानशीन सकलैन मियां दरगाह शाह शराफत मियां से गुलाबनगर स्थित दरगाह बशीर मियां चादर पोशी के लिए जाएंगे। दरगाह बशीर मियां पर तबर्रुकात की जियारत कराई जाएगी।

अल कुरान सीरीज से मानवता का संदेश
कुल के मौके पर सकलैन मियां के हाथों डिजिटल पोस्ट्स लांच किया। " दार उस सकलैन फाउंडेशन" के नाम से बनाए गए इस सोशल मीडिया पोस्ट्स में "अल कुरआन सीरीज" के जरिए मानवता का संदेश दिया जा रहा है। अल्लामा शाहिद शेख ने बताया कि यह एक अदब, इल्म व मुहब्बत की तहरीक है। इससे तमाम मुरीदीन और अकीदतमंदों को जुड़ने की अपील की गई।

लाखों की तादाद में ऑनलाइन जुड़े अकीदतमंद
कुल के मौके पर लाखों की संख्या में जायरीन शाहबाद और उसके आसपास के इलाकों में मौजूद रहे। वहीं ऑनलाइन भी देश-विदेश के लाखों लोग कुल की रस्म के दौरान जुड़े और दुआएं कीं। कोहाड़ापीर पेट्रोल पंप, भूड़, कुतुबखाना, बास मंडी, घंटा घर, सराय खाम, ब्रह्मपुरा, मूर्ति नर्सिंग होम चौराहा तक जायरीन की भीड़ थी। जगह-जगह उनकी मदद को दरगाह के स्वयं सेवक तैनात रहे।

कंट्रोल रूम से की गई उर्स की निगरानी
उर्स में आए जायरीन की देख-भाल व बेहतर व्यवस्था के लिए दरगाह पर कंट्रोल रूम स्थापित किया गया था, जहां से पूरी निगरानी की गई। उर्स इंतजामिया कमेटी ने जिम्मेदारियों को बखूबी अदा किया। कमेटी में गुलाम गौस सकलैनी, मुंतासिब सकलैनी, फैजयाब सकलैनी, मुकीत सकलैनी, सरताज सकलैनी, हाजी लतीफ सकलैनी, मन्ना सकलैनी, इंतजार सकलैनी, मुख्तार सकलैनी, जिया सकलैनी, रिजवान सकलैनी, निजाम सकलैनी, अबरार सकलैनी, इस्लाम सकलैनी, रीनू सकलैनी आदि शामिल रहे। मीडिया प्रभारी हमजा सकलैनी ने बेहतर व्यवस्था के लिए पुलिस- प्रशासन का आभार जताया।

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