पीलीभीत: सिखों के बलिदान को भूल गए ...समस्याओं को लेकर हुआ महासम्मेलन, उमड़ी संगत

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Published By Vikas Babu
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पीलीभीत/गजरौला, अमृत विचार। भारतीय सिख संगठन की ओर से रविवार को गजरौला में महासम्मेलन का आयोजन हुआ। देश के अलग-अलग हिस्सों से सिख संगत पहुंची। सिख समाज की समस्याओं पर चर्चा की गई। संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष जसवीर सिंह विर्क ने कहा कि देश को आजाद हुए 76 साल बीत गए हैं।

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आजादी के दौरान सिख समाज ने बलिदान दिया। इसके बाद भी सिख समाज देश और समाज के लिए बलिदान देता चला आ रहा है। मगर बलिदान को भुला दिया गया है।  बोले- सम्मेलन का आयोजन सिख समाज की समस्याओं और बलिदानों पर चर्चा के लिए किया गया है, न कि राजनीति के लिए। 

महासम्मेलन में शामिल हुए भाजपा सांसद वरुण गांधी ने कहा कि जो समाज सामने बैठा है। वह मेरे लिए केवल समाज ही नहीं बल्कि उनकी रगों में भी उसी समाज का खून दौड़ रहा है। सिख गरीब, मजबूर, मजलूम, की रक्षा करता है। हर जुल्म के सामने दीवार बनकर खड़ा होता है। इसी संदेश को देने के लिए यहां एकत्र हुए। सिखों ने बिना सोचे समझे बलिदान दिया और लोगों की मदद की।

सिख समाज में चाहे गरीब हो या फिर अमीर और फार्मर सभी ने अपने बेटों को देश की रक्षा के खातिर सरहद पर भेजा है। फिर भी सिखों पर अत्याचार हुए। पिछले कई सौ साल पहले पंजाब में हमले हुए। फिर भी यह कौम न झुकी, न डरी, न बिकी और न ही पीछे मुड़कर देखा। उन्होंने कहा वह इस कौम के लिए ब्लैंक चेक हैं। चाहे जहां लिख लेना, इस्तेमाल कर लेना, बुलवा लेना। हर सम्मान और लड़ाई में इस कौम के साथ रहूंगा और रक्षा करता रहूंगा।

महासम्मेलन में रखी गई मुख्य मांगे
- पिछले 60 साल से जमीन पर काबिज 50 हजार सिख परिवारों के नाम भूमिधरी हो।
- फसल अवशेष जलाने के दौरान दर्ज मुकदमें खारिज हों।
- पराली जलाने वाले सिख परिवारों के निरस्त किए गए शस्त्र लाइसेंस बहाल हो।
- किसानों पर जानवरों के हमले रोकने को तारवाड़ की व्यवस्था की जाए।
- आवारा पशुओं की समस्या दूर कराई जाए।
- पीलीभीत में लो वोल्टेज की समस्या दूर कराई जाए।
- जट सिखों को पिछड़ी जाति का प्रमाण पत्र जारी कराने में आ रही समस्याएं दूर हों।
- राय सिखों को अनुसूचित जाति की श्रेणी दी जाए।
-  आनंद मैरिज एक्ट जिन जिलों में लागू नहीं है, तत्काल लागू कराया जाए।

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