बरेली: मुस्लिम युवती ने हिंदू प्रेमी संग रचाई शादी, उजमा ने उर्मिला बन तोड़ी धर्म की दीवार

Amrit Vichar Network
Published By Vikas Babu
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बरेली, अमृत विचार। पीलीभीत में न्यूरिया थाना क्षेत्र निवासी मुस्लिम युवती उजमा ने अपने हिंदू प्रेमी भगीरथ के साथ बरेली स्थित अगस्त्यमुनि आश्रम में हिंदू रीति-रिवाज से विवाह कर लिया है। इससे पहले उजमा से उर्मिला बनी युवती का शुद्धिकरण कराया गया, जिसके बाद आश्रम में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच अग्नि को साक्षी मानकर विवाह के बंधन में बंध गई। 

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2 साल पहले ननिहाल में उजमा की भगीरथ से हुई थी मुलाकात 

दरअसल, 26 वर्षीय भगीरथ पीलीभीत में न्यूरिया थाना क्षेत्र के उल्लाकारी ढकिया गांव का रहने वाला है। इस गांव में मुस्लिम समुदाय के लोग भी रहते हैं। जिनके यहां न्यूरिया कस्बे के खब्बापुर मोहल्ले की रहने वाली उजमा की ननिहाल है। जहां दो साल पहले उजमा मेहमानी में गई थी। उस दौरान उसकी भगीरथ से मुलाकात हुई और दोनों में दोस्ती हो गई। साथ ही दोनों आपस में फोन पर बातें करने लगे। इस बीच भगीरथ और उमजा एक-दूसरे की तरफ आकर्षित हुए और उनमें मोहब्बत हो गई। इसके बाद दोनों में अक्सर मुलाकात होने लगी। 

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5 महीने भटकने के बाद अगस्त्यमुनि आश्रम पहुंचा प्रेमी जोड़ा

इस दौरान प्रेमी जोड़े के एक-दूसरे के साथ जीने-मरने की कसमें भी खाईं, लेकिन उजमा और भगीरथ के संबंधों की भनक दोनों के परिजनों को लग गई। इसके बाद मोहब्बत के बीच धर्म की दीवार आड़े आने से दोनों पर बंदिशें लगा दी गईं। लेकिन एक-दूसरे के साथ जीने-मरने कसमें खा चुके प्रेमी जोड़े ने धर्म की दीवार तोड़ते हुए घर छोड़ने का फैसला कर लिया। वहीं करीब पांच महीने पहले दोनों ने घर छोड़ दिए और प्यार की डोर से बंधा यह प्रेमी जोड़ा जहां-तहां भटकता रहा।

इस बीच उन्हें बरेली के मढ़ीनाथ इलाके में स्थित अगस्त्यमुनि आश्रम के महंत पंडित केके शंखधार के बारे में जानकारी मिली कि वह मुस्लिम युवती की स्वेच्छ से उसका शुद्धिकरण कराकर विवाह संपन्न कराते हैं। जिनसे किसी तरह संपर्क कर बात की और रविवार को दोनों शादी करने के इरादे से अगस्त्यमुनि आश्रम पहुंच गए। जहां उजमा और भगीरथ ने अपने शादी योग्य होने के प्रमाण पत्र देकर विवाह संपन्न कराने का आग्रह किया।

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गौमूत्र और गंगाजल पिलाकर महंत केके शंखधार ने कराया शुद्धिकरण

इसके बाद अगस्त्यमुनि आश्रम के महंत पंडित केके शंखधार ने सहमति के बाद गौमूत्र और गंगाजल पिलाकर और छिड़क कर मुस्लिम युवती का शुद्धिकरण कराया। इस दौरान उजमा ने स्वेच्छा से अपना नाम उर्मिला रख लिया। इसके साथ ही दुल्हन बनी उर्मिला उर्फ उजमा ने अग्नि को साक्षी मानकर अपने प्रेमी भगीरथ के साथ सात फेरे लेकर विवाह के बंधन में बंध गई। इस दौरान दुल्हन उर्मिला उर्फ उजमा ने अपने परिजनों से खुद और पति की जान को खतरा बताया है। साथ ही कहा है कि उसने अपनी मर्जी से प्रेमी के साथ विवाह किया है।

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