प्रयागराज : मामलों को सूचीबद्ध करने में अनियमिताओं का पता चलने पर जांच के निर्देश

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Published By Jagat Mishra
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प्रयागराज, अमृत विचार। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में एक मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर के अधिकारियों द्वारा मामलों को सूचीबद्ध करने में सामने आई गलतियों की विस्तृत जांच करने का आदेश दिया है। गत 29 सितंबर 2023 को सज्जन कुमार की दूसरी जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति समित गोपाल की एकलपीठ ने कहा था कि उनके समक्ष लगातार कई तारीखों पर सूचीबद्ध होने के बावजूद याचिका को एक तारीख पर एक अलग पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया गया था। इसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार (लिस्टिंग) को इस पर रिपोर्ट देने का आदेश दिया। 

आदेश के अनुपालन में संयुक्त निबंधक (न्यायिक) (लिस्टिंग) ने एक रिपोर्ट दाखिल की, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि मामले की लिस्टिंग के लिए कंप्यूटर में फीडिंग के दौरान एक विशेष आईडी का उपयोग किया गया था जो मामले में पारित किसी भी आदेश के आधार पर नहीं था। रिपोर्ट में आगे बताया गया कि आदेश के बाद उक्त प्रविष्टि को इसी आईडी के उपयोगकर्ता द्वारा बदल दिया गया था। यह वास्तव में आश्चर्यजनक है कि एक बार कंप्यूटर में कोई प्रविष्टि फीड होने के बाद पर्याप्त समय बीतने के बाद उसे कैसे बदल दिया गया है। एनआईसी, हाईकोर्ट के संबंधित व्यक्तियों की सहमति के बिना यह कैसे संभव है। 

कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए नियमों के अनुसार विस्तृत जांच करने और दोषी व्यक्तियों के खिलाफ उचित कार्यवाही करने का आदेश देते हुए रजिस्ट्रार जनरल को चार सप्ताह के भीतर जांच पूरी करने और 7 नवंबर तक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। याचिका पर अगली सुनवाई आगामी 22 नवंबर को सुनिश्चित की गई है।

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