लखनऊ : नेपाल के घरों में बनाई जाती है शराब, जो खराब कर रही लिवर

Amrit Vichar Network
Published By Sachin Sharma
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लखनऊ, अमृत विचार। नेपाल में बदहजमी, गैस और पेट में जलन के मरीज अधिक संख्या में इलाज के लिए आते हैं, लेकिन लिवर की बीमारी से ग्रसित होने पर मरीज गंभीर स्थित होने पर ही चिकित्क के पास पहुंचते हैं। नेपाल में लिवर की खराबी का प्रमुख कारण शराब है। शराब लिवर का रिस्क बढ़ा रही है। यह कहना है नेपालगंज से आये गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट डॉ. गौरव श्रेष्ठ का। डॉ. गौरव श्रेष्ठ 7 और 8 अक्टूबर को लखनऊ में इंडियन सोसाइटी ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के यूपी चेप्टर की तरफ से आयोजित संगोष्ठी में हिस्सा लेने लखनऊ पहुंचे थे।

डॉ. गौरव श्रेष्ठ ने बताया कि नेपाल में एल्कोहलीक डिजीज लोगों को ज्यादा परेशान कर रही है। इसके पीछे की वजह वहां घरों में बनने वाली शराब है। उन्होंने बताया कि घरों में शराब बनने से उसकी गुणवत्ता पर असर पड़ता है। जो लिवर व अन्य बिमारियों का कारण बनती है। यानी की यह शरीरिक अंगों को नुकसान पहुंचाती हैं।

इलाज के लिए देर से पहुंच रहे मरीज

डॉ. गौरव श्रेष्ठ ने बताया कि पेट और लिवर संबंधी बीमारियों को लेकर नेपाल के बहुत से इलाकों में जानकारी का अभाव है। साथ ही इसका इलाज भी बहुत महंगा है। इन वजहों से लोग पहले जादू, टोना और जड़ी बूटियों का सहारा लेते है और जब बीमारी ठीक होने के बजाय और गंभीर हो जाती है। जिसके बाद मरीज इलाज के लिए चिकित्सक के पास पहुंचता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। इस कार्यक्रम के आयोजन अध्यक्ष डॉ. पुनीत मेहरोत्रा और आयोजन सचिव डॉ सुमित रूंगटा रहे।

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