बरेली: आलू बुवाई की तैयारी में किसान, बीज के बढ़े दाम
बरेली, अमृत विचार। इस बार आलू के दाम बढ़ने के साथ ही इसके बीज के दाम भी बढ़ गए हैं। किसान मुनाफे की उम्मीद में महंगा बीज भी खरीद रहे हैं। किसानों को पिछले साल की तुलना में इस बार एक बोरी खरीदने में 600 से 700 रुपये अधिक चुकाने होंगे। फर्रुखाबाद, कन्नौज समेत अन्य …
बरेली, अमृत विचार। इस बार आलू के दाम बढ़ने के साथ ही इसके बीज के दाम भी बढ़ गए हैं। किसान मुनाफे की उम्मीद में महंगा बीज भी खरीद रहे हैं। किसानों को पिछले साल की तुलना में इस बार एक बोरी खरीदने में 600 से 700 रुपये अधिक चुकाने होंगे। फर्रुखाबाद, कन्नौज समेत अन्य जिलों से बीज खरीद रहे किसानों क इस बार आलू बीज के दाम सुनकर पसीने छूट रहे हैं।
इधर, इस बार आलू के अच्छे दाम मिलने के कारण किसानों के रुझान को देखते हुए लग रहा है कि जिले में आलू के रकबे में बढ़ोतरी होगी। जनपद में गन्ने की पैदावार सबसे अधिक होती है।
इसलिए आलू की खेती ज्यादा किसान नहीं करते है। फिर भी नवाबगंज, बहेड़ी, फतेहगंज समेत कुछ स्थानों पर आलू के लिए जमीन अच्छी होने के कारण वहां के किसान आलू की खेती करते हैं।
जिले में गत वर्ष आलू का रकबा 400 हेक्टेयर था। आलू की फसल इस बार अच्छी मुनाफे वाली साबित हुई है। आलू फुटकर में 35 रुपये तक बिक रहा है। ऐसे में इस बार रकबा 200 हेक्टेयर तक बढ़ने की उम्मीद है। कृषि विशेषज्ञ ओमप्रकाश ने बताया आलू बुवाई करने वाले किसान पुखराज और स्पेशल-1 बीज तलाश रहे हैं।
पुखराज आलू का बीज इस बार 1500 रुपये बोरी (50 किलो) बिक रहा है। स्पेशल-1 का बीज 1400 रुपये बोरी है। जबकि पिछले साल आलू के बीज की कीमत 700 से 800 रुपये बोरी थी। कुछ किसानों ने शीतगृह में बीज खरीद कर वहीं फैलाकर दवा का छिड़काव भी करा दिया है, ताकि खेतों को जोतने के बाद सीधे बुवाई करा सकें।
आलू की फसल का गणित
आलू की बुवाई करने वाले किसानों को एक बीघा में 16 हजार रुपये का बीज, खाद का खर्च आएगा और करीब पांच हजार रुपये ट्रैक्टर की जुताई, मजदूरों में खर्च आएगा। इस हिसाब से करीब 21 हजार रुपये बीघा खर्च होगा। आलू की कच्ची फसल एक बीघा में 35 क्विंटल के करीब निकलती है। प्रति क्विंटल एक हजार का भाव भी मिला तो एक बीघा की फसल 35 हजार में बिकेगी।
अच्छा भाव मिलने से इस बार बढ़ेगा रकबा
किसानों को मालामाल करने वाला आलू इस बार ज्यादा क्षेत्रफल में करने की तैयारी है। इस समय थोक में आलू 30 रुपये बिक रहा है। यानी एक बोरी की कीमत 1500 रुपये है। पिछले साल जिले में करीब चार हजार हेक्टेयर में आलू की फसल की गई थी। इस बार करीब तीन हजार हेक्टेयर रकबा बढ़ने की उम्मीद है। उद्यान विभाग ने भी पिछले साल के मुकाबले इस बार बीज ज्यादा मंगवाया है।
आलू बुवाई से पहले मिट्टी का रखें ध्यान
आलू की बुवाई के लिए बलुई और दोमट मिट्टी होनी चाहिए। खेत जोताई के समय किसानों को यह ध्यान रखना है कि खेत की मिट्टी भुरभुरी हो जाए। ढेला नहीं होना चाहिए। खेत की एक फिट गहरी जुताई होनी चाहिए ताकि बुवाई करते समय मशीन को पर्याप्त मिट्टी मिल सके। एक बीघा आलू की बुवाई में 25 किलो डीएपी, 15 किलो पोटास, एक किलो सल्फर का छिड़काव करें।
