शाहजहांपुर: ढाई करोड़ के वृद्धावस्था पेंशन घोटाले में पहली गिरफ्तारी
शाहजहांपुर, अमृत विचार। ढाई करोड़ के वृद्धावस्था पेंशन घोटाले में पहली गिरफ्तारी हुई है। 200 रुपये प्रति आधार कार्ड व बैंक पासबुक के लालच में जन सुविधा केंद्र संचालकों को भोले भाले गांव वालों के दस्तावेज उपलब्ध कराने के आरोपी को क्राइम ब्रांच ने दबोच कर जेल भेजा है।
हालांकि अभी भारी संख्या में घोटालेबाज बाहर घूम रहे हैं। मुख्य आरोपी पूर्व जिला समाज कल्याण अधिकारी राजेश कुमार तक भी कानून के लंबे हाथ नहीं पहुंच सके हैं। अपर पुलिस अधीक्षक सुधीर जायसवाल ने बताया कि 28 जुलाई 23 को जिला समाज कल्याण अधिकारी वंदना सिंह ने थाने पर सूचना दी कि समाज कल्याण विभाग में वृद्धावस्था पेंशनरों के बैंक खाते में परिवर्तन कर रुपये का गबन किया था।
इस सूचना के आधार पर आरोपी राजेश कुमार आदि समेत नौ लोगों के खिलाफ गबन आदि की धारा में मुकदमा दर्ज किया गया था। इस अभियोग की विवेचना अपराध शाखा कर रही है। एसपी अशोक कुमार मीणा ने अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए टीमों का गठन किया था।
पुलिस ने आरोपी रामऔतार निवासी खपटी थाना कांट को सदर बाजार पुलिस ने अंटा चौराहे से गिरफ्तार कर लिया है। अपराध निरीक्षक जाकिर हुसैन ने अभियुक्त से पूछताछ की। अभियुक्त रामऔतार ने बताया कि एक साल पहले उसका भांजा जयपाल निवासी कुर्रिया कला थाना कांट, गांव पल्हौरा निवासी पप्पू, खपटी गांव निवासी रामऔतार के पास आए। यह तीनों जन सेवा केंद्र चलाते हैं। तीनों ने गांव के लोगों की बैंक की पासबुक व आधार कार्ड की कॉपी लाकर देने के लिए रामौतार से कहा।
उससे कहा गया कि प्रति बैंक पासबुक व आधार कार्ड उसे 200 रुपये मिलेंगे। अभियुक्त रामऔतार ने जयपाल, पप्पू व राजेश को 15 लोगों की पासबुक व आधार कार्ड लाकर दिए थे। जब खाता धारकों के खाते में रुपये आए तो उसने जाकर उनको जानकारी दी। राजेश ने मशीन पर अंगुठा लगवाकर रुपये ले लिए।
खातों धारकों को 500-500 रुपये देकर बाकी रुपये राजेश ने ही अपने पास रख लिए। रामऔतार को बाद में पता चला कि जनसेवा केंद्र वाले समाज कल्याण विभाग से मिले हुए हैं। पुलिस ने अभियुक्त का चालान कर दिया। टीम में अपराध निरीक्षक जाकिर हुसैन, निरीक्षक वीरेंद्र सिंह आदि थे।
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