Etawah: छुट्टा गौवंशों से परेशान किसानों ने किया प्रदर्शन, बोले- दो साल से अपने पास से खिला रहे चारा, नहीं मिली कोई मदद
इटावा में छुट्टा गौवंशों से परेशान किसानों ने प्रदर्शन किया।
इटावा में छुट्टा गौवंशों से परेशान किसानों ने प्रदर्शन किया। किसानों का कहना है कि दो साल से अपने पास से चारा खिला रहे है। लेकिन कोई मदद नहीं मिल रही।
इटावा, अमृत विचार। खेतों व सड़कों पर घूमते छुट्टा गौवंश अब ग्रामीण क्षेत्र के किसानों के लिए समस्या बनते जा रहे हैं। सरकार ने इन गौवंशों के लिए अस्थाई गौशालाएं बनवा तो दी हैं। लेकिन भूसा और चारे का संकट वहां अक्सर बना रहता है।
जितने गौवंश इन गौशालाओं में अंदर संरक्षित हैं उससे कई गुना ज्यादा खेतों और सड़कों पर घूम रहे हैं। किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। यहां तक कि, जानलेवा हमला भी कर देते हैं। मंगलवार को ही ताखा ब्लाक में एक सांड के हमले में किसान की जान चली गई।
चकरनगर तहसील की ग्राम पंचायत बंशरी में आक्रोशित किसानों ने करीब दो सैकड़ा गौवंशों को गांव के समीप एक खंडहर नुमा इमारत में बंद कर दिया। आक्रोशित किसान नारेबाजी व धरना प्रदर्शन करते हुए मुख्यालय से आलाधिकारी को मौके पर बुलाने की मांग पर अड़ गए। वंशरी गांव के किसान दो वर्ष से निजी चंदे से गौवंश को चरा रहे हैं। धन का अभाव होने और प्रशासन से कोई मदद न मिलने पर किसानों ने भी हाथ खड़े कर दिए। प्रशासन पर व्यवस्था न करने आरोप लगाया है।
ग्राम प्रधान प्रतिनिधि ने गांव का 15 फीसदी धन अन्य गौशालाओं में लगाने का आरोप लगाया है। बंशरी गांव के किसानों में अधिकारी न पहुंचने से भारी आक्रोश व्याप्त है। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ने मामूली बात कहकर समाधान करने की बात कही।
बंशरी में गौवंशो के खासा आतंक व्याप्त है, जिसके लिए कुछ समय पहले पंचायत के लोगों ने एक अस्थाई गौशाला की व्यवस्था करके दो सैकड़ा गौवंशो के लिए रहने खाने की व्यवस्था की जा रही थी। प्रशासन की कोई मदद न मिलने और ग्राम पंचायत के खाते धन अभाव के चलते अब गौवंशों को चारे और उनकी देखरेख करने वालों की मजदूरी भी नहीं मिल पा रही है।
जिससे नाराज बंशरी पंचायत के लोगों का गुस्सा फूट पड़ा नाराज ग्रामीणों ने प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी मनोज कुमार ने इस मामले को मामूली मानते हुए अस्थाई गौशाला के केयर टेकर के बीच का विवाद बताते हुए पूरे घटनाक्रम में पर्दा डालने की कोशिश की।
ग्राम पंचायत प्रतिनिधि सोनू सिंह परिहार ने बताया कि, हमारे खाते में पैसा आता है। उसका 15 प्रतिशत पैसा दूसरी पंचायत की गौशाला में लगा दिया जाता है। हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही। हमारे गांव का पैसा अनेठा, सहसों पंचायत में लगा दिया जाता है। यह जो गौशाला है इसका अस्थाई तौर पर पंचायत के लोगों ने निर्माण किया था।
सारा खर्चा गांव के लोग ही वहन कर रहे थे। हम सबकी मांग है कि यह गौवंश दूसरी स्थाई गौशाला में भेजे जाएं। तहसील दिवस में कई बार शिकायत की है लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती।मुख्य पशु चिकित्सक डॉ मनोज कुमार गुप्ता ने बताया कि बंशरी ग्राम पंचायत में अस्थाई गौ शाला बनाई गई थी। वहां के केयरटेकरों के बीच आपसी विवाद हो गया था। जिसका समाधान किया जा रहा है।
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