बरेली: संतोष हत्याकांड के आरोपियों की गिरफ्तारी न होने से परिजनों में रोष
बरेली, अमृत विचार। बात जब अपनों पर आती है तो पुलिस जांच के नाम पर गुमराह करने लगती है। ऐसे ही आरोप आलमपुर जाफराबाद के किसान संतोष शर्मा के परिजनों ने लगाए हैं। पुलिस की पिटाई से संतोष शर्मा की 10 नवंबर को मौत हो गई थी। इस मामले में नामजद पुलिस कर्मियों और एंबुलेंस चालक की एक महीने बाद भी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। इससे परिजनों में रोष है।
भमोरा के गांव आलमपुर जाफराबाद के किसान संतोष शर्मा के परिजनों का आरोप है कि 8 नवंबर की रात को जुआरियों के नाम पता न बताने से नाराज सरदार नगर चौकी इंचार्ज चौकी इंचार्ज टिंकू कुमार, दरोगा नेपाल सिंह, हेड कांस्टेबल पुष्पेन्द्र राणा व मनोज कुमार, कांस्टेबल अंकित कुमार, एंबुलेंस चालक विजय और सादा कपड़ों में तीन पुलिसकर्मियों ने राइफल की बट व लात-घूंसों से उन्हें पीटा।
हालत खराब होने पर संतोष शर्मा को रामपुर गार्डन स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 10 नवंबर को संतोष की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण सिर में चोट लगना बताया गया। पुलिस कर्मियों समेत 10 लोगों के खिलाफ संतोष के भाई ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
इंस्पेक्टर फतेहगंज पश्चिमी कर रहे जांच
इस प्रकरण में जांच इंस्पेक्टर फतेहगंज पश्चिमी को सौंपी गई। जांच भी धीमी गति से चल रही है। उधर आरोपियों को पुलिस अब तक गिरफ्तार नहीं कर सकी है। यह स्थिति तब है जब विधायक डॉ. राघवेन्द्र शर्मा ने भी आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की थी। वहीं परिजनों का आरोप है कि पुलिस जांच के नाम पर गुमराह कर रही है। परिजनों का कहना है कि वे लोग तीन बार एसएसपी से मिल चुके हैं, लेकिन आश्वासन के अलाव कुछ नहीं मिल रहा है। परिजनों ने बताया कि वे लोग 13 दिसंबर से परिवार समेत प्रदर्शन करेंगे।
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