Kanpur: सावधान! शहर में फैला खूबसूरती को दाग लगने वाला संक्रमण, हैलट अस्पताल की ओपीडी में मरीजों की भीड़

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Published By Nitesh Mishra
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कानपुर के हैलट अस्पताल की चर्म रोग ओपीडी में रोज पहुंच रहे औसतन 150 मरीज।

कानपुर में खूबसूरती को दाग लगने वाला संक्रमण फैला है। हैलट अस्पताल की चर्म रोग ओपीडी में रोज औसतन 150 मरीज पहुंच रहे।

कानपुर, [विकास कुमार]। नमी और गंदगी की वजह से शहर में इस समय ट्राइकोस्पोरम फंगस का प्रकोप ज्यादा बढ़ गया है। यह संक्रमण खूबसूरती का दुश्मन है। चेहरे की चमक उड़ा देता है। रंगत फीकी पड़ जाती है। हल्के सफेद व काले चकत्ते उभरने से चेहरा दागदार नजर आने लगता है। हैलट अस्पताल के चर्म रोग विभाग की ओपीडी में पिछले कुछ समय से प्रतिदिन औसतन 150 मरीज ट्राइकोस्पोरम फंगस से ग्रस्त होकर पहुंच रहे हैं। इनमें महिला, पुरुष व बच्चे सभी शामिल हैं।
 

शहर में वायु प्रदूषण, नमी और गंदगी लोगों की सेहत को खासा नुकसान पहुंचा रही है। अब नई मुसीबत ट्राइकोस्पोरम फंगस के रूप में सामने आई है। हवा में मौजूद ट्राइकोस्पोरम फंगस के कण त्वचा की ऊपरी सतह की कोशिकाओं में मौजूद क्रेटिन नामक प्रोटीन को भोजन के रूप में खाना शुरू कर देता है, इससे चेहरे का ग्लो खत्म होने लगता है और चेहरे पर हल्के सफेद व काले रंग के चकत्ते नजर आने लगते हैं। हैलट अस्पताल के चर्म रोग विभाग की ओपीडी में ट्राइकोस्पोरम फंगस से पीड़ित होकर पहुंचे लोगों के चेहरे पर ऐसे ही चकत्ते मिल रहे हैं। 

चर्म रोग विभागाध्यक्ष प्रो. डीपी शिवहरे ने बताया कि इस फंगस के कण को पोर्स कहते हैं, ये चेहरे की त्वचा पर बैठकर कोशिकाओं में मौजूद क्रेटिन नामक प्रोटीन को भोजन के रूप में इस्तेमाल करते हैं और उसके बाद धीरे-धीरे पूरे चेहरे पर फैल जाते हैं। यह कण सीलन व नमी वाले क्षेत्रों में पनपते हैं। नमी वाले क्षेत्रों इस संक्रमण का प्रभाव काफी अधिक होता है। 

बाल झड़ने व डैंड्रफ का रहता खतरा 

प्रोफेसर शिवहरे ने बताया कि बालों में यह फंगस घुसने से डैंड्रफ बढ़ जाता है और छोटे-छोटे रिंग बन जाते हैं। बाल झड़ने का खतरा  बढ़ जाता है। सिर के प्रभावित दायरे में बाल कम हो जाते हैं। बिना बाल वाले इस हिस्से को टोनिया कैवीटस कहा जाता हैं। 

बगलों और जांघों में भी संक्रमण

फंगल संक्रमण चेहरे और सिर के अलावा बगलों और जांघों में भी होता है। संक्रमित व्यक्ति अगर इस पर ध्यान नहीं देता है, तो स्थिति गंभीर होकर बैक्टीरियल संक्रमण में बदल जाती है। धीरे-धीरे यह संक्रमण पूरे शरीर में फैल जाता है। साथ में रहने वाले लोग भी इस संक्रमण की जद में आ सकते हैं। 

इन बातों का रखें ख्याल 

  1. एक-दूसरे का रुमाल और तौलिया का इस्तेमाल न करें।
    2. प्रबावित हिस्से पर मॉश्चराइजर और नारियल का तेल लगाएं। 
    3. हाथ और पैर के नाखूनों को छोटा रखें। 
    4.चेहरे पर कोई भी क्रीम न लगाएं
    5. अंडरगार्मेंट को उल्टा कर धूप में सुखाएं। 
    6.धूप न होने पर कपड़ों की नमी प्रेस से दूर करें।

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