बरेली: महानगर और कुर्मांचल नगर में दबाई गई नहर की जमीन पर कब्जा लेने की कार्रवाई शुरू

डीएम के आदेश पर प्रशासन और सिंचाई विभाग ने संयुक्त रूप से शुरू की कार्रवाई, टीम बनाई गई, कब्जाई गई जमीन के चिह्नांकन की तैयारी

बरेली: महानगर और कुर्मांचल नगर में दबाई गई नहर की जमीन पर कब्जा लेने की कार्रवाई शुरू

राकेश शर्मा/बरेली, अमृत विचार। यह पहले ही साबित हो चुका है कि महानगर और कुर्मांचल नगर कॉलोनी का निर्माण करते वक्त रुहेलखंड नहर खंड की 2746.78 वर्ग मीटर जमीन पर भी कब्जा किया गया था। अब जिलाधिकारी ने दोनों कॉलोनियों में दबी नहर की जमीन पर कब्जा लेने का आदेश दिया है। इसके बाद रुहेलखंड नहर खंड के अधिकारियों और तहसील सदर ने अब तक कब्जे से घिरी जमीन पर कब्जा लेने की तैयारी शुरू कर दी है। इस जमीन पर फिलहाल तमाम मकान बने बताए जा रहे हैं।

जमीन पर कब्जा लेने के लिए रुहेलखंड नहर खंड की ओर से सिंचाई विभाग की टीम तय कर दी गई है। इसमें जिलेदार अतिक्रमण सईद अब्बास जैदी, सींच पर्यवेक्षक कल्लू राम और सींच पर्यवेक्षक छोटे को शामिल किया है। रुहेलखंड नहर खंड के एई वैभव बाजपेयी ने छह दिसंबर को एसडीएम सदर को पत्र भी भेजा है जिसमें सिटी मजिस्ट्रेट कोर्ट के तीनों आदेशों की प्रतियां संलग्न करते हुए सिंचाई विभाग की भूमि से अतिक्रमण हटाकर कब्जा लेने के लिए गाटा नंबरों को चिह्नित करने का आग्रह किया गया है। इसके बाद एसडीएम रत्निका श्रीवास्तव ने तहसीलदार सदर को राजस्व टीम से जांच कराकर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं।

रुहेलखंड नहर की जमीन पर अवैध कब्जा किए जाने के तीन मामलों की सुनवाई वर्ष 2021 में सिटी मजिस्ट्रेट की अदालत में हुई थी जिसके बाद इस साल जुलाई तक एक-एक कर फैसले सुनाए गए। तीनों फैसलों में सिटी मजिस्ट्रेट की कोर्ट ने अवैध कब्जा करने वाले बिल्डरों को कब्जे वाली भूमि से बेदखल करने और उनसे क्षतिपूर्ति और किराए के रूप में कुल करीब एक करोड़ की वसूली का आदेश दिया था। एक बिल्डर केसी पंत से यह धनराशि वसूले जाने की कार्रवाई जारी है।

महानगर : धौरेरा माफी में करीब 122 वर्ग मीटर जमीन पर अवैध कब्जा, क्षतिपूर्ति और किराए की होगी वसूली
तत्कालीन सिटी मजिस्ट्रेट मदन कुमार की कोर्ट ने 18 सितंबर 2021 को नहर की जमीन पर अवैध कब्जे के इस प्रकरण में निर्णय सुनाया था। इसमें कहा गया था कि नहर विभाग की गाटा नंबर 450 के रकबा 0.6550 हेक्टेयर में से 121.92 वर्ग मीटर पर धौरेरा माफी के पास महानगर कॉलोनी के निर्माण के समय अवैध कब्जा किया गया है। खतौनी ग्राम धौरेरा माफी फसली वर्ष 1418-1423 के अनुसार गाटा नंबर 450 का कुल रकबा 0.6550 हेक्टेयर नहर विभाग के नाम अंकित है। आदेश में अरविंदर सिंह बग्गा का नहर विभाग की इस 121.92 वर्ग मीटर जमीन पर अवैध कब्जा बताते बेदखली का आदेश दिया गया था। क्षतिपूर्ति की धनराशि एक लाख 41 हजार 102 रुपये तय की गई, साथ ही वाद दायर होने की तिथि 27 अगस्त 2011 से कब्जा हटाने तक अरविंदर से 2106 रुपये के मासिक किराए की वसूली का भी आदेश दिया गया था।

बिहारमान नगला की 11 सौ वर्ग मीटर जमीन पर भी बना दिए महानगर कॉलोनी के मकान
बिहारमान नगला क्षेत्र में खसरा नंबर 924 के क्षेत्रफल 1096.20 वर्ग मीटर भूमि पर कब्जा किए जाने के मामले में सिटी मजिस्ट्रेट रेनू सिंह की कोर्ट ने 22 जुलाई को नहर विभाग की जमीन से बिल्डर अरविंदर सिंह बग्गा को बेदखल करने का आदेश सुनाया। नहर की भूमि पर चारदीवारी बनाकर अनधिकृत कब्जा कर सरकार को नुकसान पहुंचाने के आरोप में 2005 के अप्रैल से जांच होने तक दो लाख 46 हजार 116 रुपये की क्षतिपूर्ति भी तय की गई। साथ ही वाद दायर होने की तिथि जनवरी 2008 से वसूली तक की क्षतिपूर्ति/किराया के रूप में 18932 रुपये की मासिक दर से वसूली का आदेश रुहेलखंड नहर खंड के सक्षम अधिकारी को जारी किया गया था।

कुर्मांचलनगर: परतापुर में 1528.66 वर्ग मीटर जमीन पर कब्जा

सिंचाई विभाग के अफसरों को भी माना था दोषी, जांच-कार्रवाई का दिया था आदेश
बरेली, अमृत विचार। तत्कालीन सिटी मजिस्ट्रेट मदन कुमार की कोर्ट ने 17 सितंबर 2021 को अभिलेखीय साक्ष्यों के परीक्षण के बाद सुनाए गए अपने निर्णय में कहा था कि रुहेलखंड नहर खंड की गाटा नंबर -96 की कुल 0.5889 हेक्टेयर भूमि है, जिसमें से 1528.66 वर्ग मीटर भूमि पर अवैध कब्जा किया गया है। परतापुर जीवन सहाय गांव में नहर की भूमि कब्जाने के बाद बिल्डर केसी पंत समेत कई ने कुर्मांचल नगर कॉलोनी विकसित की है। भूमि पर कब्जा एक अप्रैल 2000 से दर्शाया गया है। लिहाजा 11 साल तक अपनी जमीन पर कब्जा न लेने और दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई न करने के लिए सिंचाई विभाग भी दोषी है। इसकी जांच कराकर दोषी कर्मचारियों और अधिकारियों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई करने के साथ अवैध कब्जे में उनकी साठगांठ के लिए उनसे क्षतिपूर्ति वसूल की जाए।

एक अप्रैल 2000 से बेदखली होने तक 26 हजार मासिक किराया किया जाना है वसूल
सिटी मजिस्ट्रेट ने आदेश में यह भी कहा था कि प्रतिवादी के कथन और नहर विभाग के वाद पत्र में उल्लिखित तथ्यों से स्पष्ट है कि कब्जा वर्ष 2000 से किया गया है। गाटा संख्या-96 की भूमि नहर विभाग की है जिस पर कोई भी कब्जा करना या उसे बेचना शून्य है। कोर्ट ने विपक्ष की ओर से नहर की जमीन पर कब्जा न करने के संबंध में कोई ठोस अभिलेखीय साक्ष्य पेश न किए जाने का जिक्र करते हुए उसे 1528.66 वर्ग मीटर भूमि से बेदखल करने का आदेश सुनाया था। उस पर एक अप्रैल 2000 से लेकर 31 मार्च 2011 तक भूमि पर अवैध कब्जा रखने के लिए क्षतिपूर्ति के रूप में 34 लाख 84 हजार 800 रुपये जुर्माना भी लगाया था। आदेश दिया था कि वाद पत्र में दर्ज तिथि एक अप्रैल 2011 से बेदखली होने तक उनसे 26400 रुपये मासिक किराया भी वसूल किया जाएगा।

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