लखीमपुर-खीरी: आरोपी की हालत में सुधार..कहां चल रहा इलाज, किसी को नहीं पता

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Published By Moazzam Beg
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लखीमपुर-खीरी, अमृत विचार। हवालात में आरोपी युवक के जहरीला पदार्थ खाने के मामले में आईजी का हंटर चला तो अफसर हरकत में आए, फिर भी अफसर लापरवाह पुलिस वालों पर कारवाई से बचते नजर आए। नतीजतन 48 घंटे बाद भी लापरवाह पुलिसकर्मियों पर कोई कारवाई नहीं हुई। पुलिस आरोपी की सेहत में तेजी से सुधार होने की बात तो कह रही, लेकिन उसका किस अस्पताल में और कहां इलाज चल रहा। यह कोई दूसरे दिन भी बताने वाला नहीं है। 

थाना सिंगाही पुलिस ने बालिका के अपहरण के मामले में लखीमपुर शहर निवासी अरविंद कुमार को गुरुवार की रात पकड़कर थाने लाई थी। शुक्रवार की सुबह उसने हवालात में ही कोई जहरीला पदार्थ खा लिया था, जिससे उसकी हालत बिगड़ गई थी। इससे थाने से लेकर  एसपी तक में हड़कंप मच गया था। पुलिस घटना को छुपाने की कोशिश में जुट गई। कही पुलिस की करतूत और लापरवाही न खुल जाए। 

इस वजह से सीएचसी निघासन से जिला अस्पताल रेफर किए गए आरोपी को पुलिस गुपचुप तरीके से शहर के एक निजी अस्पताल लाई और उसे भर्ती कराया था।  उधर अवकाश पर गृह जनपद गए एसओ सिंगाही जेबी सिंह भी वापस थाना पहुंच गए हैं। एसओ के मुताबिक पुलिस आरोपी अरविंद कुमार को पकड़कर गुरुवार की देर शाम जब थाने लाई तो इसी बीच आरोपी ने कोई पदार्थ पी लिया था, जिससे उसकी हालत बिगड़ गई थी। 

उन्होंने बताया आरोपी की हालत में तेजी से सुधार हुआ है। वह किस अस्पताल में और कहां भर्ती है। इस बारे में वह शनिवार को भी कुछ कहने से बचते रहे। एसओ का कहना है कि आरोपी काफी शातिर दिमाग का है। उस पर आठ साल की बालिका से दुष्कर्म का आरोप है। पुलिस ने बरामद बालिका को मेडिकल परीक्षण के लिए जिला महिला अस्पताल भेजा है। पुलिस सूत्र बताते हैं कि सिंगाही पुलिस हालत में सुधार होने के कारण कोर्ट से रिमांड पर लेने की तैयारी भी शुरू कर दी है, लेकिन इस पूरे मामले में कहां पर और किसकी लापरवाही रही इसकी जांच अभी तक शुरू नहीं हो सकी है। 

आईजी का चला हंटर तो मीडिया सेल पर आया एएसपी का बयान 
लखीमपुर खीरी। आरोपी के थाने की हवालात में जहरीला पदार्थ खाने के मामले में शुक्रवार को अफसरों ने भी चुप्पी साध ली थी। वह भी कुछ बताने के लिए तैयार नहीं थे, लेकिन यह प्रकरण जब आईजी लखनऊ तरुण गाबा के संज्ञान में पहुंचा तो उन्होंने कारवाई के आदेश दिए। इसके बाद अफसर हरकत में आए। नतीजतन रात करीब सवा नौ बजे एएसपी नैपाल सिंह का बयान मीडिया सेल पर आया। 

एएसपी और एसओ के विरोधाभाषी बयान 
एएसपी नैपाल सिंह और एसओ सिंगाही जेबी सिंह के घटना को लेकर दिए जा रहे बयान कोई मेल नहीं खा रहे हैं। दोनों के अलग अलग बयानों में काफी विरोधाभास है। मीडिया सेल पर दिए गए बयानों में एएसपी नैपाल सिंह ने कहा है कि 23 दिसंबर की रात जैसे ही पुलिस आरोपी अरविंद कुमार को लेकर थाना पहुंची। इसी बीच आरोपी की तबियत बिगड़ गई और वह उल्टियां करने लगा। उसे तुरंत अस्पताल ले जाकर भर्ती कराया गया। जबकि एसओ का कहना है कि आरोपी ने कोई जहरीला पदार्थ पी लिया था। 

यह था पूरा मामला 
लखीमपुर खीरी। शहर निवासी एक व्यक्ति अपने परिवार के साथ बेलरायां कड़िया मार्ग पर स्थित एक ईंट भट्ठे पर मजदूरी करने गया था। वहीं पर उसका पड़ोसी अरविंद भी पत्नी व बच्चों के साथ मजदूरी कर रहा था। आरोप है की अरविंद कुमार 24 नवंबर की दोपहर करीब 1.30 बजे दिन को अपने परिवार सहित उसकी आठ साल की पुत्री को भी बहला फुसलाकर ले गया था। वह कुछ मंद बुद्धि की है। बालिका की तहरीर पर पुलिस ने अरविंद कुमार के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी। 

26 नवंबर को आरोपी अरविंद के खिलाफ आठ साल की बालिका के अपहरण का मामला दर्ज हुआ था। गंभीर मामला होने के कारण पुलिस ने 23 दिसंबर को आरोपी को गिरफ्तार कर बालिका को बरामद किया था। आरोपी जैसे ही थाने लाया गया। उसकी हालत बिगड़ गई थी और वह ओ.. ओ करने लगा था। उसे तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया। अब उसकी हालत में ठीक है। यदि पुलिस की कोई लापरवाही है तो इसकी जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कारवाई होगी। -नैपाल सिंह, एएसपी

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