वैध दस्तावेजों की फोटोकॉपी होने पर वाहन जब्तीकरण माना जाएगा अवैध : हाईकोर्ट
प्रयागराज, अमृत विचार। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वैध दस्तावेजों के अभाव में वाहन जब्तीकरण के मामले में राजस्व विभाग की कार्यवाही पर नाराजगी जताते हुए कहा कि राजस्व अपने नियमों को प्रत्येक चरण में बदल नहीं सकता है। कोर्ट ने गुजरात हाईकोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि अगर जब्त किए गए माल के साथ वैध दस्तावेजों की फोटो कॉपी है तो हिरासत अवैध मानी जाएगी। इसके साथ ही अगर सामान वैध दस्तावेजों द्वारा कवर किया गया है तो उसकी कोई भी हिरासत पूरी तरह से मनमानी, अवैध और क्षेत्राधिकार का उल्लंघन मानी जाएगी।
कोर्ट ने आगे कहा कि उक्त मामला राजस्व पर जुर्माना लगाने का एक उपयुक्त मामला है, क्योंकि संबंधित विभाग की कार्यवाही दुर्भावनापूर्ण प्रतीत होती है, लेकिन विभाग के अधिवक्ता की ओर से की गई गंभीर प्रार्थना पर कोर्ट ने जुर्माना नहीं लगाया। इसके साथ ही न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति शेखर बी सराफ की खंडपीठ ने विभाग को याची के माल और वाहन को आदेश की तिथि से 7 दिनों की अवधि के भीतर रिहा करने के निर्देश देने के साथ जितेंद्र कुमार की याचिका स्वीकार कर ली। वर्तमान मामले में हिरासत इस आधार पर की गई थी कि सामान के साथ वैध दस्तावेज नहीं थे और जब कारण बताओ नोटिस जारी किया गया तो किसी भी तरह के अमान्य दस्तावेजों की कोई बात नहीं कही गई। इससे राजस्व का रुख पूरी तरह से बदला हुआ दिखाई देता है, जिसे कोर्ट द्वारा स्वीकार नहीं किया जा सकता है। माल को रोकने से करदाता पर गंभीर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
कोर्ट ने मामले पर विचार करते हुए पाया कि हिरासत के समय राजस्व द्वारा जो आधार बताए गए थे, वह गलत थे। विभाग के पास माल को रोकने का कोई वैध कारण नहीं था और इसके बाद की गई परिणामी कार्यवाही स्पष्ट रूप से दुर्भावनापूर्ण थी। याची द्वारा बताया गया कि माल को राजस्व विभाग ने उस समय रोक लिया था, जब वह पटना से अलीगढ़ जा रहा था। हिरासत के समय राजस्व विभाग द्वारा वैध दस्तावेजों पर प्रश्न किया गया था जबकि कारण बताओ नोटिस में अलग ही कारण बताए गए।
ये भी पढ़ें -पीएम के काफिले का वाहन और एनसजी कमांडो पहुंचे अयोध्या
