Kanpur: 103 मिलावटखोरों के खिलाफ आरसी, खतरे में लाइसेंस...90 दिनों में होगा फैसला

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Published By Nitesh Mishra
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कानपुर में एडीएम सिटी कोर्ट ने 103 मिलावटखोरों के खिलाफ आरसी जारी की है।

कानपुर में नया कानून आने से मिलावटखोरों पर शिकंजा कसा जा सकेगा। अभी तक आरसी जारी होने पर भी कारोबारी का लाइसेंस निरस्त नहीं होता था। लेकिन नया कानून आने के बाद मिलावटखोरों पर बड़ी कार्रवाई होगी।

कानपुर, अमृत विचार। शहर में पिछले साल भरे गए खाद्य पदार्थों के नमूने फेल निकलने पर शुक्रवार को 103 दुकानदारों और प्रतिष्ठानों के खिलाफ एडीएम कोर्ट ने आरसी जारी कर दी। इन लोगों ने अभी तक जुर्माना नहीं भरा था। नियम है कि अगर कोई दुकानदार आरसी जारी होने के बाद भी जुर्माना नहीं भरता है तो उसका लाइसेंस निरस्त किया जाना चाहिए। 

जुर्माना भरने के बाद ही लाइसेंस बहाल किया जाता है, लेकिन अभी तक जुर्माना नहीं भरने पर भी लाइसेंस निरस्त नहीं होते थे। माना जा रहा है कि नया कानून आने से अब लाइसेंस निरस्त की कार्रवाई की जाएगी। 

मिलावटखोरों पर अंकुश लगाने के लिए खाद्य एवं औषधि विभाग खाद्य एवं पेय पदार्थ को लेकर दुकानों में छापेमारी कर नमूने लेकर जांच के लिए लैब में भेजता है। लैब से नमूने की रिपोर्ट आने का समय 14 दिन है, लेकिन रिपोर्ट मिलने में अक्सर महीनों लग जाते हैं। जिनका नमूना अधोमानक या सेहतमंद नहीं होता है, उन दुकानदारों के खिलाफ एडीएम सिटी की कोर्ट में मुकदमा दायर किया जाता है। लेकिन नमूने फेल होने पर भी मिलावटखोर दुकानदार धड़ल्ले से माल बेचते रहते हैं। 

जानकारी के मुताबिक पिछले पांच साल में 337 मिलावटखोरों के खिलाफ आरसी जारी करके दो करोड़ छह लाख से अधिक रुपये का जुर्माना लगाया गया, लेकिन केवल 73 दुकानदारों से 53 लाख रुपये से अधिक ही वसूले जा सके। अब एडीएम सिटी कोर्ट ने 103 मिलावट खोरों के खिलाफ 82.65 लाख रुपये की आरसी जारी की है। 

माना जा रहा है कि जुर्माना नहीं जमा करने वालों का लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा। एडीएम सिटी ने बताया कि जुर्माना जमा न करने पर कारोबारियों के खिलाफ आरसी जारी की गई है। इसके बाद भी पैसा जमा नहीं किया गया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।

अब 90 दिन में फैसला, दो से 10 लाख जुर्माना 

खाद्य पदार्थों में मिलावट कर लोगों की सेहत बिगाड़ने वाले मिलावटखोरों अब कानून सख्त हो गया है। फूड सेफ्टी एंड ड्रग कंट्रोलर विभाग के नए दिशा-निर्देश के तहत मिलावट करने वालों के खिलाफ मामलों की सुनवाई में 90 दिन के भीतर फैसला देना होगा। अभी कोर्ट में सुनवाई के दौरान मामले लंबे समय तक लंबित रहते थे। इसी तरह फूड लाइसेंस नहीं होने पर छोटे कारोबारियों पर दो लाख और बड़े कारोबारियों पर दस लाख रुपये तक जुर्माना की सिफारिश की गई है। 

स्ट्रीट वेंडर, रेस्टोरेंट, फूड चेन, होटल और हलवाई की जांच  

कानपुर में खाद्य विभाग ने इस वित्तीय वर्ष में तीन हजार से ज्यादा लाइसेंस बनाए हैं। दीपावली के बाद स्पेशल कैंप लगाकर पंजीकरण करके लाइसेंस बनाए गए थे। नए साल में मिलावटखोरों के खिलाफ विशेष अभियान चलाने की बात कही गई है। बिना लाइसेंस या रजिस्ट्रेशन के खाद्य पदार्थों की बिक्री करने वालों जिसमें छोटे कारोबारी (स्ट्रीट वेंडर) और बड़े कारोबारी होटल, रेस्टोरेंट व फूड चैन रेस्टोरेंट शामिल हैं, जिनकी जांच-पड़ताल की जानी है।

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