कासगंज: कैना और टाइफा पानी को करेंगे शुद्ध, संतुलित होगी ऑक्सीजन की मात्रा, काली नदी में लगाये जाएंगे विशेष प्रजाति के यह पौधे
वन विभाग पहले से ही जल शोधन के लिए तलाश चुका था संभावनाएं
कासगंज,अमृत विचार: पानी में ऑक्सीजन की मात्रा संतुलित करने के लिए नित नए प्रयास किए जा रहे हैं। नए-नए तरीके अपनाए जा रहे हैं। अब एक अनूठा प्रयोग किया जा रहा है। कैना और टाइफा नाम की प्रजाति के पौधे पानी में प्रदूषण कम करेंगे और जल शोधन कर ऑक्सीजन का लेवल संतुलित करेंगे। वन विभाग की ओर से पूर्व में तलाशी गई संभावनाओं को आखिरी मुकाम तक पहुंचाने की तैयारी की गई है।
औद्योगिक इकाई बुलंदशहर, अलीगढ़ और कासगंज का कूड़ा कचरा ढोती काली नदी प्रदूषण का दंश झेल रही है। काफी प्रयासों के बाद भी इस नदी का प्रदूषण कम नहीं हो रहा। बायोलॉजिकल ऑक्सीजन डिमांड एवं ऑक्सीजन का संतुलन पूरी तरह गड़बड़ा गया है। जिससे लोग चिंतित हो गए। इधर माघ मेला भी शुरू होने वाला है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ में निर्देश दिए कि संगम में मिलने वाली गंगा की धारा बिल्कुल शुद्ध करें। साफ पानी नदी में छोड़ा जिससे श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत न हो इसको लेकर हजारा नहर से काली नदी में पानी छोड़ा गया। शुद्ध पानी छोड़कर काली नदी का प्रदूषण कम करने का प्रयास किया गया।
यहां एक और नई संभावना वन विभाग ने तलाश ली है । कैनाऔर टाइफा प्रजाति के पौधे काली नदी किनारे लगाए जाएंगे। यह पौधे पानी को शुद्ध करेंगे। इन पौधों की जड़ों से ऑक्सीजन का लेवल पानी में संतुलित होगा।
खसखस का भी होगा प्रयोग: काली नदी किनारे खसखस के पौधों का भी प्रयोग किया जाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि खसखस के पौधों की जड़े भी पानी में ऑक्सीजन का लेवल संतुलित करती है।
काफी समय से प्रयास किया जा रहा था की पौधों के माध्यम से पानी का शोधित किया जाए। संभावना तलाश ली गई है। अलीगढ़ से कासगंज तक काली नदी किनारे जल शोधन के पौधे लगाए जाने की तैयारी की गई है।- दिवाकर वशिष्ठ, प्रभागीय निदेशक वन विभाग अलीगढ़
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