संभल : जिला अस्पताल में नवजात बच्ची की मौत, परिजनों ने किया हंगामा

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Published By Bhawna
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संभल, अमृत विचार। जिला अस्पताल में प्रसव के बाद बच्ची की हालत बिगड़ी तो रेफर करने के लिए छह घंटे तक भी एंबुलेंस का इंतजाम नहीं हुआ। ऐसे में बच्ची ने दम तोड़ दिया। परिजनों ने लापरवाही से मौत का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। मिठाई के नाम पर दो हजार रुपये रिश्वत लेने की बात भी कही।                

कैलादेवी थाना क्षेत्र के गांव मूसापुर निवासी जियाउल हसन ने प्रसव पीड़ा होने पर पत्नी गुले आशना को शनिवार की रात आठ बजे जिला अस्पताल में भर्ती कराया था। रात 11 बजकर 55 मिनट पर गुले आशना ने बच्ची को जन्म दिया। जन्म के बाद बच्ची की तबीयत अचानक से बिगड़ी तो डॉक्टर ने बच्ची को एनआईसीयू वार्ड में शिफ्ट कर दिया। हालत में सुधार नहीं होने पर रविवार सुबह परिजनों ने बच्ची को मेरठ अस्पताल के लिए रेफर कराने की मांग की।

आरोप है कि दस बजे से तीन बजे तक बच्ची को मेरठ अस्पताल में लेकर जाने के लिए एंबुलेंस जिला अस्पताल नहीं पहुंची। डॉक्टर परिजनों से यही कहते रहे कि फोन कर दिया है अभी दस मिनट में एंबुलेंस आती होगी। जियाउल हसन ने बताया कि तीन बजे एनआईसीयू वार्ड में पहुंचकर देखा तो बच्ची मृत अवस्था में बेड पर पड़ी थी। बच्ची की मौत होने से परिजनों में कोहराम मच गया।

परिजनों ने जिला अस्पताल में किया हंगामा
संभल। बच्ची की मौत के बाद परिजन जिला अस्पताल में हंगामा करने लगे। परिजनों ने कहा कि जो सरकारी एंबुलेंस बच्ची को मेरठ अस्पताल पहुंचाने के लिए छह घंटे में भी जिला अस्पताल नहीं पहुंची। वही एंबुलेंस बच्ची की मौत होने के आधे घंटे में ही जिला अस्पताल पहुंच गई। गुस्साए परिजन निजी वाहन से मृत बच्ची व उसकी मां गुले आशना को घर ले गए।

मिठाई के नाम पर दो हजार लेने का आरोप
संभल। कैलादेवी थाना क्षेत्र के गांव मूसापुर निवासी जियाउल हसन ने बच्ची की मौत होने के बाद डॉक्टर पर मिठाई के नाम पर दो हजार रुपये लेने का आरोप लगाया। इतना ही नहीं जियाउल हसन ने बताया कि बच्ची को देखने के लिए सुबह से ही डॉक्टरों से मिन्‍नतें कर रहे थे। इसके बाद भी बच्ची से मिलने नहीं दिया जा रहा था। जब जबरदस्ती एनआईसीयू वार्ड में घुसने की कोशिश की तो यहां तैनात चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी ने अभद्रता की।

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