कासगंज: संक्रमण फैल जाने से गोवंशों की हुई थी मौत, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में नीमोनिया की पुष्टि
गंजडुंडवारा, अमृत विचार: क्षेत्र के गांव रायो की गौशाला में गई दर्जन भर गोवंशों की जान के मामले में जांच की जा रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि सर्दी के कारण निमोनिया हो जाने से गोवंशों में संक्रमण फैल गया था। जिससे उनकी जान चली गई। अभी कई गोवंशों की हालत खराब है। गौशाला में अव्यवस्था का आलम है।
हालांकि अफसरों का दावा है कि व्यवस्थाएं दुरुस्त हैं। गोवंशों की मौत सामान्य बीमारी से हुई है। जो स्वाभाविक है। वृहद गौ संरक्षण केंद्र में रविवार को सर्दी व संक्रमण आदि से हुई 12 गोवंशों की मौत के मामला उजागर होते ही प्रशासन मे हड़कंप मच गया और देर रात जिला विकास अधिकारी सचिन यादव, एसडीएम प्रेम नरायन समेत सम्बंधित क्षेत्रीय अधिकारी एवं पशु चिकित्सकों की टीम केन्द्र की ओर दौड़ पड़ी।
केन्द्र के मुख्य गेट मे ताला बंद कर गोवंशों के शव का पोस्टमार्टम करा उन्हें गड्डे मे दफन कर मामले की लीपा पोती में जुट गए। मामले की पड़ताल को रायो स्थित वृहद संरक्षण केन्द्र पहुंची और पाया कि यहाँ पहुंचे अधिकारी गौ संरक्षण केन्द्र की अव्यवस्थाओं को लेकर जागरूक नजर नहीं आए क्योंकि गौशाला के मुख्य गेट पर ताला जड़ा हुआ था और गौशाला में रविवार की भांति अव्यवस्थाओं और गंदगी का अंबार था।
वैसे तो गोवंशों के संरक्षण हेतु केन्द्र पर चार टीनशेड है लेकिन वहाँ भी गंदगी की भरमार थी और न ही सर्दी से बचाव हेतु उन्हें पन्नी, तिरपाल से ढका गया था और न ही गौशाला में अलाव जलते नजर आ रहे थे।
पानी निकासी उचित न होने के कारण चारों ओर दलदल जैसी स्थिति थी। सफाई के नाम पर कुछ कर्मचारी लगे हुए थे जो कि नाकाफी थे। जब हमारे द्वारा केन्द्र के गेट को खोलने के आग्रह पर वहाँ मौजूद कर्मचारी ने अधिकारियों द्वारा गेट खोलने को मना किया है यह कह बात करने से बचते नजर आए।
वहीं जब पशुचिकित्सा अधिकारी विपिन कुमार से फोन पर बात की गयी और गोवंशों की मौत का कारण पूछा गया तो उन्होने बताया कि सभी का पोस्टमार्टम कर रिर्पोट भेज दी गयी है। रिर्पोट में मौत का कारण निमोनिया, हड्डी टूटना, संक्रमण सामने आना बताया। अत: पड़ताल में स्थिति ढाक के तीन पात जैसी ही निकली और प्रशासनिक अधिकारी पूरे मामले मे कार्यवाही की बात कह लीपा पोती करते नजर आ रहे है।
गौशाला तक पहुंचने की डगर भी कठिन
वृहद गौ संरक्षण केंद्र को गढ़का से लगभग चार किलोमीटर दूर बीहड़ में बनाया गया है। वही यह केंद्र वहां जाने वाली सड़क से भी दूर स्थित टूटी फूटे मार्ग पर स्थित है। जिससे यहां पहुंचने की डगर भी कठिन है और यहां होने वाले घटनाक्रम की जानकारी भी किसी को सहजता से नही हो पाती है और मामले मे लीपापोती कर दी जाती जाती है।
वैसे गोवंश पहले से बीमार थे। वहीं मामले मे जिलाधिकारी द्वारा जांच कमेटी गठित की गयी है। जो भी दोषी पाए जाएंगे उनके विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी--- पीएन सिंह, एसडीएम।
गोवंशों की मौत के मामले मे जानकारी की गई, स्वाभाविक मौत है। मौसम में कुछ बीमारियां बढ़ जाती हैं। जो गोवंश मरे हैं वे बेहद कमजोर थे। गौशाला में पर्याप्त व्यवस्थाएं है--- सचिन, सीडीओ।
यह भी पढ़ें- कासगंज: अश्लील वीडियो देखने के बाद भाई बना हैवान, बहन के साथ दरिंदगी की हदें कीं पार, कबूला अपना जुर्म
