PM Modi Sambhal Visit : मोदी जी, दे दीजिए रेल लाइन, ताकि घूमे संभल के विकास का पहिया

कल्कि धाम का शिलान्यास करने आ रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जनता को उम्मीद, 40 वर्षों से उठ रही संभल - गजरौला रेल लाइन की मांग

PM Modi Sambhal Visit : मोदी जी, दे दीजिए रेल लाइन, ताकि घूमे संभल के विकास का पहिया

संभल हातिमसराय रेलवे स्टेशन।

भीष्म देवल/गौरव वर्मा/अमृत विचार। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन को लेकर संभल से गजरौला रेल लाइन विस्तार की 40 साल पुरानी मांग पुरजोर तरीके से उठ रही है। संभल वालों को प्रधानमंत्री से रेल लाइन की सौगात देने की बड़ी उम्मीद है। अगर ऐसा हुआ तो न सिर्फ संभल से दिल्ली का सफर आसान होगा बल्कि संभल में विकास का पहिया घूमने पर  कारोबार की भी तरक्की होगी।

मुगलकाल में पृथ्वीराज चौहान की राजधानी रहे संभल का बड़ा ऐतिहासिक महत्व है। 68 तीर्थ और 19 कूपों की नगरी संभल को एशिया की सबसे बड़ी मैंथा मंडी भी कहा जाता है। यहां के सरायतरीन का हैंडीक्राफ्ट कारोबार देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी धूम मचा रहा है। इस सबके बावजूद संभल वालों के लिए दिल्ली अभी दूर है। वर्षों से रोडवेज बस अड्डा किराये के भवन में संचालित है तो रोडवेज बसों का भी टोटा है। दिल्ली जाने के लिए रोडवेज बस ही एकमात्र साधन है। बात रेल मार्ग की करें तो संभल से मुरादाबाद के लिए केवल एक ट्रेन ही आती जाती है।

संभल से गजरौला तक रेल लाइन की कनेक्टिविटी नहीं है। ऐसा नहीं है कि रेल लाइन को लेकर आवाज न उठी हो लेकिन करीब 40 वर्षों से उठी रही मांग पूरी नहीं हो सकी है। हालांकि पिछले कार्यकाल में भाजपा सांसद सत्यपाल सैनी ने संभल हातिम सराय रेलवे स्टेशन का कायाकल्प कराया तो संभल से बिलारी तक रेल लाइन विद्युतीकरण का काम भी हुआ लेकिन गजरौला तक रेल लाइन विस्तार को लेकर प्रयास नाकाफी रहे।

अब 19 फरवरी को संभल ऐंचौड़ा कम्बोह में श्री कल्कि धाम का शिलान्यास करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आ रहे हैं तो संभल वाले पुरजोर तरीके से संभल से गजरौला रेल लाइन की मांग उठा रहे हैं। यहां की आबादी को प्रधानमंत्री से बड़ी उम्मीदें हैं। अगर प्रधानमंत्री ने संभलवालों की झोली में रेल लाइन की सौगात डाली तो यहां विकास को पंख लगेंगे। न सिर्फ गजरौला होकर दिल्ली जाना आसान होगा बल्कि रेल मार्ग के जरिये दिल्ली से माल को यहां लाने में भी व्यापारियों को काफी सहूलियत मिलेगी।

दिल्ली जाने के लिए रोडवेज बस ही विकल्प
हाईटेक युग में जहां एक शहर से दूसरे शहर को जोड़ने के लिए केंद्र सरकार की ओर से रेल लाइनों का जाल बिछाया जा रहा है, वहीं संभल इससे वंचित है। यहां से गजरौला तक रेल लाइन नहीं है तो दिल्ली तक जाने के लिए सिर्फ रोडवेज बस ही विकल्प है। दिनभर तमाम लोग प्रमुख चौराहों पर रोडवेज बसों के इंतजार में भटकते नजर आते हैं। रोडवेज बस मिल भी जाती है तो किराये को लेकर जेब पर ज्यादा बोझ पड़ता है।

विभिन्न संगठन उठा रहे रेल लाइन विस्तार की मांग
संभल से गजरौला रेल लाइन की मांग को लेकर विभिन्न संगठन आवाज बुलंद कर रहे हैं। इनमें राष्ट्रीय भ्रष्टाचार दमन परिषद, मानव विकास जनसेवा समिति, जिला संघर्ष समिति समेत कई संगठनों की ओर से समय-समय पर पोस्टकार्ड अभियान चलाने के साथ ही प्रदर्शन और ज्ञापन के कार्यक्रम किए जाते रहे हैं। संगठनों के पदाधिकारियों का कहना है कि रेल लाइन संभल का हक है। अगर प्रधानमंत्री ने रेल लाइन दी तो यह संभल की तरक्की में मील का पत्थर साबित होगा।

माल के आवागमन में मिलेगी सहूलियत
रेल लाइन मिल जाने से संभल में बन रहे मैंथा उत्पाद, हैंडीक्राफ्ट आइटम, जींस का माल दिल्ली तक पहुंचाने में सहूलियत मिलेगी। बड़े व्यापारियों का माल भी आसानी से दिल्ली से संभल आ सकेगा। बताते चलें कि अभी तक माल को दिल्ली तक पहुंचाने और वहां से संभल लाने का काम बसों और प्राइवेट वाहनों से होता है। जिसमें बड़ा खर्च आता है।

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