INDIA गठबंधन को अब यूपी में लगा बड़ा झटका, सपा और कांग्रेस में दरार, इन सीटों पर बिगड़ी बात
लखनऊ। लोकसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) का शिकश्त देने के लिए तैयार हो रहे विपक्षी गठबंधन (INDIA) को बड़ा झटका लगा है। ममता बनर्जी के बाद अब यूपी में सपा और कांग्रेस के बीच दरार पड़ गई है। दोनों दलों के बीच सीट शेयरिंग पर सहमति नहीं बन पाई जिससे अब साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ने की उम्मीदें खत्म होती दिख रही हैं।
सोमवार को समाजवादी पार्टी ने 11 सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा के साथ ही कांग्रेस को 17 सीट पर उम्मीदवार उतारने का प्रस्ताव दिया था। सूत्रों के मुताबिक इसपर कांग्रेस की तरफ से आपत्ति जताई गई। इससे पहले समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस के लिए यूपी में 11 सीट छोड़ने की घोषणा की थी। इसपर भी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय की नाराजगी सामने आई थी।
सपा के जनाधार वाली सीटों पर थी कांग्रेस की नजर
कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि पार्टी यूपी में 20 सीटों पर उम्मीदवार उतारना चाहती थी। लेकिन अखिलेश यादव 11 के बाद 17 सीट छोड़ने पर राजी हो रहे थे। दूसरी ओर सपा के सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस की नजर सपा के जनाधार वाली सीटों पर थी। इसमें बिजनौर, सीतापुर, देवरिया, अमरोहा पर मामला फंसा फसा था। सहारनपुर और झांसी की सीट भी कांग्रेस ने लेना चाहती थी। इसी तरह मुरादाबाद मंडल की दो सीटों पर भी कांग्रेस अपना प्रत्याशी लड़ाना चाह रही थी। ये वो सीटें हैं जिसपर सपा की खासी पकड़ है। यह वजह है कि दोनों पार्टियों के शीर्ष नेतृत्व ने दूरियां बना ली हैं।
राहुल गांधी जी हमारे नेता आदरणीय अखिलेश यादव जी बड़े दिल के नेता है बड़े दिल के साथ चाहते है कि गठबंधन हो जाये
— Fakhrul Hasan Chaand (@chaandsamajwadi) February 20, 2024
लेकिन आपके छोटे दिल के अहंकारी घमंडी प्रभारी नहीं चाहते है कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी कांग्रेस का गठबंधन हों अब अगर गठबंधन टूटा तो इसकी ज़िम्मेदारी कांग्रेस की…
सपा प्रवक्ता ने दिया गठबंधन टूटने का संकेत
सपा प्रवक्ता फखरुल हसन चाँद ने मंगलवार को अपने एक्स हैंडल पर गठबंधन टूटने का संकेत दे दिया। उन्होंने लिखा है कि राहुल गांधी जी हमारे नेता आदरणीय अखिलेश यादव जी बड़े दिल के नेता हैं। बड़े दिल के साथ चाहते है कि गठबंधन हो जाये। लेकिन आपके छोटे दिल के अहंकारी घमंडी प्रभारी नहीं चाहते है कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी कांग्रेस का गठबंधन हो। अब अगर गठबंधन टूटा तो इसकी ज़िम्मेदारी कांग्रेस की होगी। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का वोट शेयर कई छोटे दलों से भी कम है ये हमेशां याद रखना चाहिए। समाजवादी पार्टी अकेले भाजपा की जनविरोधी सरकार को हटाने में सक्षम है।
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